रीवा: नए साल के आने से पहले ही देश जश्न में डूबा हुआ है. देवालय हों या गिरजाघर हर तरफ नए साल के स्वागत की धूम मची हुई है. इसी क्रम में रीवा का महाराजा मार्तण्ड सिंह जू देव व्हाइट टाइगर सफारी भी पीछे नहीं है. सफारी अनेक सुन्दर जीव और पक्षियों से गुलजार है. बता दें कि इस बार यहां नए साल को लेकर खास तरह की तैयारियां की जा रही है. सैलानियों को किसी तरह की परेशानी ना हो इसलिए अलग से 160 वन कर्मचारी तैनात किए गए है. 20 हजार से ज्यादा लोगों के आने की उम्मीद है.
व्हाइट टाइगर सफारी में रोमांचित होंगे सैलानी
रीवा का महाराजा मार्तण्ड सिंह जू देव व्हाइट टाइगर सफारी सफेद शेरों के लिए मशहूर है. यहां सफेद टाइगर के अलावा भी कई तरह के वन्य प्राणी मौजूद हैं. जिनकी चहलकदमी देखकर दिल झूम उठता है. यहां बनकर तैयार हुआ वॉक इन एवियरी(पक्षियों को देखने के लिए बनाया गया इलाका) सैलानियों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है. जू में आने वाले बच्चे इन जीव-जंतुओं को देखकर इनके दीवाने हो जाते हैं.
नए साल पर सफारी में खास इंतजाम
रीवा की व्हाइट टाइगर सफारी में नए साल को ध्यान में रखते हुए खास इंतजाम किए गए हैं. 1 जनवरी को हजारों की संख्या में सैलानियों के आने की उम्मीद है. यहां प्रवेश करते ही सैलानियों को सैर करने के इलेक्ट्रिक वाहन मिल जाएंगे. जिसमें सवार होकर वे सफारी का भरपूर लुत्फ उठा सकते हैं. इसके अलावा गाइड के जरिए व्हाइट टाइगर सफारी के प्रत्येक जीव जंतुओं और खूबसूरत रंग बिरंगे पक्षियों की बारे में जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी. यहां पर कई तरह के छोटे-बड़े बाड़े बनाए गए हैं. जहां बेहद खूबसूरत पशु पक्षी टहलते और उछल कूद करते हुए दिखाई देंगे.
सफेद शेर के अलावा यहां हैं बंगाल टाइगर
व्हाइट टाइगर सफारी में 7 बंगाल टाइगर, 5 तेंदुए, 3 भालू और 3 मगरमच्छ हैं. इसके अलावा बारहसिंगा, थोमिन डियर, सांभर, काला हिरण भी मौजूद हैं. सफारी के दौरान सफेद शेर रघु, दीपू, और सोनम के भी दीदार होंगे. जिनकी दहाड़ सुनकर सैलानियों का दिल खुश हो जाएगा. इसके अलावा यहां पर अन्य कई वन्य प्राणियों के साथ वॉक इन एवियरी में रंग बिरंगे छोटे बड़े सुंदर विदेशी पक्षी और कलर फूल बटर फ्लाई रेंनवो लोरिकेट, सिल्वर फिजेंट सहित अन्य कई सुन्दर वन्य प्राणी भी दिखाई देंगे.
रीवा में मिला था दुनिया का पहला सफेद शेर "मोहन"
व्हाइट टाइगर की अगर बात की जाए तो इस समय सफारी में 3 सफेद शेर मौजूद हैं. बता दें कि दुनिया के पहले सफेद शेर मोहन को रीवा रियासत के महाराजा मार्तण्ड सिंह ने वर्ष 1851 में सीधी के जंगलों से पकड़ा था. जिसके बाद आज दुनिया भर में जितने भी सफेद शेर मौजूद हैं, ये सभी व्हाइट टाइगर मोहन के वंशज है. कई अर्से तक विंध्य की धरती सफेद शेरों से वंचित रही, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार ने साल 2016 में यहां पर महाराजा मार्तण्ड सिंह जू देव व्हाइट टाइगर सफारी का निर्माण कराया गया. जिसके बाद एक बार फिर विंध्य की धरती में सफेद शेर की वापसी हुई.
- न्यू ईयर सेलिब्रेशन: पन्ना टाइगर रिजर्व में जुटे पर्यटक, जश्न मनाएं पर गाइडलाइन फॉलो करें
- नए साल के पहले दिन मौसम दिखाएगा तेवर, कहीं घूमने जाने से पहले देखें वेदर फॉरकास्ट
नए साल में टाइगर सफारी में खास इंतजाम
नए साल में टाइगर सफारी पहुंचने वाले सैलानियों के लिए प्रबंधन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था का खासा इंतजाम किया गया है. पूरा परिसर सीसीटीवी कैमरों से लैस है. नए साल में यहां पर आने वाली भीड़ को देखते हुए 3 इंट्रेस गेट बनाए गए हैं. यहां 2 टिकट काउंटर के अलावा कैश और कैशलेस टिकट की भी सुविधा है. 3 इलेक्ट्रिक बस, सहित 5 अन्य बसें भी तैनात होंगी. जिसमें बैठकर लोग टाइगर सफारी का लुत्फ उठा सकेंगे. वहीं परिसर के बाहरी हिस्से में 3 बड़े पार्किंग स्थल भी बनाए गए हैं.