रीवा। सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में एक फर्जी चिकित्सक के पकड़े जाने की घटना से हड़कंप मच गया. सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में पिछ्ले 3 माह से एक युवक स्टेथोस्कोप गले में डालकर मरीजो की जांच कर रहा था. इसी दौरान अस्पताल में उपस्थिति अन्य लोगों के अलावा एक सुरक्षा गार्ड को उस पर आशंका हुई और उन्होंने उसे पकड़कर पूछताछ की. वह ठीक तरीके से जवाब नहीं दे पाया. इसके बाद लोगों ने अस्पताल प्रबंधन को इसकी सूचना दी.
गले में स्टेथोस्कोप डालकर कर रहा था मरीजों की जांच
सूचना मिलते ही संजय गांधी अस्पताल के अधीक्षक राहुल मिश्रा समेत अन्य आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए और पकड़े गए फर्जी डॉक्टर से पूछताछ की. युवक से जब उसके विभाग के बारे में पूछा गया तो वह कुछ बता पाने असमर्थ दिखाई दिया, जिससे प्रतीत हुआ कि पकड़ा गया युवक फर्जी डॉक्टर है. वह बाकायदा मरीजों की जांच कर रहा था. वह पिछले तीन माह से लगातार मरीजों की जांच कर रहा था. युवक श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में पदस्थ कर्मचारी विनोद तिवारी का बेटा बताया जा रहा है.
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डॉक्टर के चैंबर में भी बैठता था फर्जी युवक
पकड़ा गया युवक उन डॉक्टरों के चेंबर में बैठता था, जो खाली रहते रहते थे और वहीं बैठकर वह मरीजो की जांच करता था. हालांकि उसने कई बार पूछने पर भी अपना नाम नहीं बताया लेकिन अस्पताल प्रबंधन और अन्य स्टाफ की मानें तो वह अस्पताल के ही कर्मचारी विनोद तिवारी का बेटा है. वहीं, संजय गांधी अस्पताल के अधीक्षक राहुल मिश्रा का कहना "युवक ने रेडियाग्राफर का डिप्लोमा किया है. इसके तहत वह ट्रेनिंग पीरियड में है. अगर उसके द्वारा वॉर्ड में जाकर मरीजों की जांच की गई है तो जांच कराई जाएगी. हालांकि पुलिस कर्रवाई से अधीक्षक ने इनकार कर दिया."