रीवा। "जाको राखे साइयां मार सके न कोय" यह वाक्य फिर साबित हो गया. एक बुजुर्ग जान देने वाला था लेकिन DAIL 100 वाहन में तैनात पुलिस जवान ने उसे बचा लिया. मामले के अनुसार बुजुर्ग ने डायल 100 को कॉल करके बोला "मैं आत्महत्या कर रहा हूं. वह 18 मिनट के अंदर अपनी जीवनलीला समाप्त कर लेगा". इसके बाद सेमरिया की डायल 100 पुलिस के वाहन में तैनात आरक्षक अतुल पाण्डेय ने 18 मिनट के भीतर 13 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए पेड़ पर फंदे पर लटके बुजुर्ग को बचाया.
कीचड़ में धंसकर बचाया पीड़ित बुजुर्ग को
बताया जा रहा है कि जब सेमरिया की डायल 100 पुलिस मौके पर पहुंची तो बुजुर्ग फंदा लगाकर लटका हुआ था. चंद सेकंडों में उसकी जान निकलने वाली थी. मौके पर काफी कीचड़ भरा था. इसकी परवाह किए बगैर पुलिस जवान ने कीचड़ में छलांग लगाई और वृद्ध के दोनों पैर अपने कंधों पर रख लिए. इसके उसे फंदे से बाहर निकाला. इस दौरान आरक्षक की वर्दी कीचड़ से सन गई. वृद्ध को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उनकी हालत को खतरे से बाहर बताया.
जमीन विवाद में लगे केस से परेशान बुजुर्ग
इसके बाद मीडिया से बात करते वृद्ध हीरा सिंह ने बताया "उसे परिवार के लोग आए दिन प्रताड़ित करते हैं. जमीन संबंधी विवाद को लेकर वे लोग उसे झूठे केस में फंसा देते हैं. हाल ही में एक झूठे केस से जमानत ली है. एक केस अभी कोर्ट में चल रहा है. मैं दो साल से परेशान हूं. हमारी फरियाद कोई नहीं सुन रहा. इसलिए मैंने ये आत्मघाती कदम उठाया." हीरा सिंह के मुताबिक उनके बड़े भाई के परिवार से जमीन का विवाद चलता है. पुस्तैनी संपत्ति का हिस्सा बांट हो चुका है, लेकिन अब उसकी जमीन पर बड़े भाई का परिवार कब्जा करना चाहता है.
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आरक्षक की सक्रियता की तारीफ की एसपी ने
इस मामले में पुलिस अधिक्षक विवेक सिंह का कहना है "सेमरिया थाना क्षेत्र में जमीनी विवाद को लेकर दो पक्षों के द्वारा अक्सर शिकायत की जाती है. उसी के चलते एक पक्ष के हीरा सिंह ने आत्मघाती कदम उठाया. पुलिस को सूचना मिली थी डायल 100 टीम में तैनात आरक्षक ने तत्परता दिखाई और चंद मिनटों में वह मौके पर पंहुचा. इस दौरान वृद्ध पेड़ पर फंदे से लटकता हुआ दिखाई दिया. आरक्षक ने तत्काल उसके पैरों को पकड़कर अपने कांधे में रखा, जिससे उसकी जान बच गई."