रीवा। रीवा जिले के जनेंह थाना क्षेत्र स्थित मनिका गांव के बोरवेल में शुक्रवार दोपहर बाद 3 बजे गिरा 6 वर्षीय मयंक आदिवासी अन्य बच्चों के साथ खेलने के लिऐ घर से कुछ दूरी पर गेहूं के खेत में गया था. इसी दौरान वह खुले पड़े 60 फीट गहरे बोरवेल में जा गिरा. मयंक को बचाने के प्रयास लागातार जारी है. मौके पर प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा NDRF और SDERF की टीम लगातार रेस्क्यू में जुटी है. बोरवेल के समानांतर 8 जेसीबी लगातार खुदाई में जुटी हैं. लेकिन बच्चे का कोई मूवमेंट नहीं दिख रहा है.
बोरवेल के समानांतर 45 फीट से ज्यादा खुदाई
माना जा रहा है कि बच्चे के ऊपर शायद मिट्टी गिर गई, जिससे हो सकता है वह और अधिक गहराई में चला गया. वहीं, बोरवेल के समानांतर 45 फीट से ज्यादा खुदाई की गई. घटना के बाद शनिवार सुबह डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल भी मौके पर पहुंचे और आवश्यक निर्देश दिए. डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल का कहना है "भगवान चाहेगा तो बच्चा सुरक्षित निकल आएगा. सारी टीमें भरसक कोशिश कर रही हैं." वहीं, मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव भी लगातार जिला प्रशासन के संपर्क में हैं.
मयंक के पिता ने लगाया बोरवेल के मालिक पर आरोप
वहीं, मयंक के परिजन अपने कलेजे के टुकड़े को बोरवेल से सुरक्षित बाहर निकालने की आस लगाए बैठे है. मयंक के पिता विजय कुमार आदिवासी का आरोप है "खुला बोरवेल हीरामणि मिश्रा के खेत में है, घटना के बाद उन्हें सूचना दी गई. इसके बाद वह मौके पर आए. उन्होंने बोरवेल में रस्सी डालकर मयंक को बाहर निकालने का प्रयास किया लेकिन कुछ देर बाद वह वहां से चले गए. इसके बाद उनका पता नहीं. उन्हें फोन भी लगाया गया लेकिन मोबाइल बंद है."
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घटनास्थल पर युद्धस्तर पर बचाव कार्य
मामले के अनुसार मयंक के बोरवेल में गिरते ही उसके साथ खेल रहे बच्चों ने तत्काल घटना की सूचना उसके परिजनों को दी. परिजन दौड़ते हुए मौके पर पहुंचे उन्होंने बोरवेल से रोते हुए मयंक की आवाज सुनी. इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई. मौके पर प्रशासनिक अमले के साथ पुलिस की टीम मौके पर पहुंची. डॉक्टरों की टीम के साथ एम्बुलेंस भी तैनात हुई. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तत्काल ऑक्सीजन सिलेंडर मंगाया और बोरवेल में उतारा. जिससे मयंक को सांस लेने में परेशानी न हो. मौके पर कैमरे के एक टीम बुलाई गई और बोरवेल में एक कैमरा भी उतारा गया, जिससे बाहर लगे टीवी स्क्रीन के माध्यम से मयंक की हलचल का पता लगाया जा सके.