रीवा। जिले के अतरैला गांव में बुधवार की देर रात उस वक्त हाहाकार मच गया. जब गांव में स्थित पानी से लबालब भरी बाणसागर मिनी नहर अचानक से फूट गई. उसका एक बड़ा सा हिस्सा जमीन के अंदर धंस गया. घटना के बाद नहर का पानी आसपास के गांवों में घुस गया. घटना से घरों के अन्दर सो रहे ग्रामीणों के बीच चीख पुकार मच गई. अचानक आए नहर के पानी से चार गांव जलमग्न हो गए. कई किसानों की फसल नष्ट हो गई, तो वहीं तीन गरीब परिवारों के आशियाने भी धराशायी हो गए. भयानक मंजर को देख कर सहमे ग्रामीण सारी रात डर के साए में रहे. गुरुवार को तड़के ही आपदा प्रबंधन की टीम मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरु किया गया. वहीं सुबह होते ही गांव घुसे नहर के पानी का जलस्तर भी घटने लगा.
रीवा के अतरैला में देर रात फूटी नहर 4 गांव हुए जलमग्न
घटना रीवा जिले के अतरैला गांव में बीते बुधवार की रात उस वक्त हड़कंप मच गया. जब देर रात तकरीबन 12 बजे गांव में स्थित पानी से लबालब भरी मिनी बाणसागर की नहर अचानक से फूट गई और देखते ही देखते नहर का पानी आसपास के कई गांवों में घुस गया. अपने घरों के अंदर सो रहे ग्रामीणों के बीच हाहाकार मच गया. लोग घरों से निकल कर बाहर आ गए. बताया जा रहा है की नहर के पानी से तकरीबन 4 से ज्यादा गांव जलमग्न हो गए. जबकि तीन गरीब परिवारों का आशियाना पानी की चपेट में आकर धराशायी हो गई. गांव के कई किसानों की फसल भी नहर के पानी के साथ बह गई. कई पालतु पशु भी जलसैलाब का शिकार हो गए.
मौके पर पहुंची आपदा प्रबंधन की टीम ने शुरु किया रेस्क्यू
शुक्रवार को सुबह ही आपदा प्रबंधन की टीम मौके पर पहुंची. पुलिस और एसडीएम भी तत्काल मौके पर गए. टीम ने राहत कार्य शुरु किया. वहीं जैसे-जैसे समय बीतता गया. धीरे-धीरे गांव में घुसे पानी का जलस्तर भी घट गया. मौके पर तैनात प्रशानिक टीम के द्वारा नहर के पानी से हुए ग्रामीणों के नुकसान का आकलन किया जा रहा है.
तीन गरीबों के आशियाने ढहे, किसानों की फसल भी हुई तबाह
बताया जा रहा है की मिनी बाण सागर की नहर फूटने के बाद गांव के ही एक शख्स ने नहर का पानी रोकने के लिऐ संबंधित आधिकारी को फोन किया, लेकिन कार्रवाई करने के बजाय संबंधित आधिकारी ने यह कहा की नहर का पानी बंद नहीं होगा. समय रहते अगर नहर का पानी बंद कर दिया जाता तो शायद गांवों की स्थिति इतनी भयावह नहीं होती. गरीब परिवारों के अशियानों के साथ ही किसानों की मेहनत भी जलसैलाब में बहने से बच जाती. जानकारी के मुताबिक हादसे में किसी प्रकार की जनहानि तो नहीं हुई पर नुकसान काफी ज्यादा हुआ है.
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ग्रामीणों का आरोप नहर के निर्माण में हुआ व्यापक भ्रष्टाचार
वहीं हादसे से अक्रोशित ग्रामीणों का आरोप है की 'मिनी बाणसागर नहर के निर्माण कार्य में व्यापक भ्रष्टचार हुआ है. इसी की चलते वह बीते रात धराशायी हो गई, उसमें भरा पानी गांवों में जा घुसा और उसका खामियाजा गांव में रहने वाले मासूम जनता को भुगतना पड़ा.' जिला पंचायत सीईओ सौरभ संजय सोनवाणे का कहना है की 'रात में नहर टूटी थी, इसकी सूचना प्राप्त हुई थी. मौके पर एसडीएम सहित अन्य अधिकारी पहुंचे थे. नहर का पानी गांव तक पहुंचा था. जिससे कई घर क्षतिग्रस्त हुए हैं. ग्रामीणों के लिए राहत प्रकरण तैयार कर लिए गए है. फूड पैकेज के साथ ही ग्रामीणों को सूखा राशन वितरित किए जाएंगे. नहर की जांच के लिए टीम को बुलाया गया है. नहर के निर्माण में अगर शिकयत प्राप्त होगी. इसके बाद जांच के दौरान अगर कोई दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.'