रामपुर: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान का ड्रीम प्रोजेक्ट मौलाना मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी पर सोमवार की दोपहर राजस्व विभाग की टीम पहुंची. इस टीम में नायब तहसीलदार शत्रु संपत्ति के पर्यवेक्षक और कई लेखपाल और कानूनगो भी शामिल थे. जौहर यूनिवर्सिटी में जो शत्रु संपत्ति है, उसकी डीजीपीएस यानी डिफरेंशियल ग्लोबल पोजीशन सिस्टम मशीन से उसकी जांच की गयी. लगभग तीन से चार घंटे राजस्व विभाग की टीम आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी में मौजूद रही.
बता दें, इससे पहले भी कई बार तहसील से राजस्व विभाग की टीम आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी में शत्रु संपत्ति की निशानदेही कर सीमेंट के पिलर लगा चुकी है. उस शत्रु संपत्ति को आजम खान के कब्जे से अपने कब्जे में कर चुकी है. बरहाल आज फिर राजस्व विभाग की टीम ने आधुनिक मशीन द्वारा शत्रु संपत्ति के जो गाटे है, उन गाटे में कितनी जमीन है, उनसब की जांच की. डीजीपीएस मशीन से 30 किलोमीटर के सर्किल एरिया में जमीन की जांच की जा सकती है. आज इसी मशीन द्वारा एक्यूरेट शत्रु संपत्ति की जांच की गई.
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मौलाना मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी आजम खान का ड्रीम प्रोजेक्ट है. इसमें कई अड़चने भी लगातार आ रही है. उसकी वजह है आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी में शत्रु संपत्ति का होना. इसके अलावा कई चक रोड भी है, जो आजम खान ने जौहर यूनिवर्सिटी में मिला लिये है. इन सब की जांच चल रही है.
बरहाल, इससे पहले भी कई बार राजस्व विभाग की टीम आजम खान की जोहर यूनिवर्सिटी शत्रु संपत्ति की जांच कर चुकी है. उसकी निशानदेही भी कर चुकी है. लेकिन, अब नई और आधुनिक मशीन द्वारा इसकी आज जांच की गई. उम्मीद जताई जा रही है, कि शायद कल भी राजस्व विभाग की टीम शत्रु संपत्ति की जांच डीजीपीएस मशीन द्वारा करेगी.
शत्रु संपत्ति के पर्यवेक्षक प्रशांत कुमार ने ऑफ कैमरा मीडिया को बताया, कि यह आधुनिक मशीन डीजीपीएस डिफरेंशियल ग्लोबल पोजीशन सिस्टम मशीन द्वारा शत्रु संपत्ति की जांच की जा रही है. लगभग 14 एकड़ शत्रु सम्पत्ति है, जिसमें कई गाटे है और गाटा संख्या 1436 का रकबा सबसे बड़ा है.
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