ETV Bharat / state

बच गई सरकार...जनता ने नहीं धोया बगावत का 'कलंक',  एक की जमानत हो गई जब्त - himachal by election result

कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी में शामिल हुए छह में चार बागी विधायक उपचुनाव हार गए. राजेंद्र राणा, चैतन्य शर्मा, देवेंद्र कुमार भुट्टो अपने क्षेत्रों में विधानसभा चुनाव हार गए. जनता ने इनके लिए विधानसभा के दरवाजे बंद करवा दिए. लाहौल से रवि ठाकुर की तो जमानत ही जब्त हो गई. सिर्फ बड़सर से आईडी लखनपाल और धर्मशाला से सुधीर शर्मा ही चुनाव जीतने में कामयाब हो पाए. ऐसे में बीजेपी को प्रदेश में एक बार फिर सरकार बनाने की उम्मीद को झटका लगा है.

himachal by election
चुनाव जीतने वाले विधायक (ईटीवी भारत ग्राफिक्स)
author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jun 5, 2024, 2:09 PM IST

Updated : Jun 5, 2024, 10:32 PM IST

शिमला: राज्यसभा चुनाव के समय कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी में शामिल हुए छह में चार बागी विधायक चुनाव हार गए. सिर्फ दो बागी विधायकों के साथ ही जनता खड़ी हुई नजर आई. दल बदल का कलंक झेलने वाले इन विधायकों को जनता ने घर बिठा दिया है. ये चारों अब डेढ़ साल में ही विधायक से पूर्व विधायक हो गए. राजेंद्र राणा, चैतन्य शर्मा, देवेंद्र कुमार भुट्टो अपने क्षेत्रों में विधानसभा चुनाव हार गए. जनता ने इनके लिए विधानसभा के दरवाजे बंद करवा दिए.

सुजानपुर में क्यों लगा बीजेपी को झटका

सुजनापुर सीट पर एक वोट सीएम, एक वोट पीएम के नारे ने खेल पलट दिया. दूसरा यहां भीतरघात की आशंका पहले से ही लगाई जा रही थी. 2017 की प्रेम कुमार धूमल की राजेंद्र राणा के हाथों हुई हार उनके समर्थक अभी तक नहीं भूले हैं. साथ ही रणजीत राणा अभी एक महीना पहले ही कांग्रेस में शामिल हुए थे और पिछले चुनाव में राजेंद्र राणा को कड़ी टक्कर दी थी. कई बीजेपी नेताओं से उनके अभी भी संबंध हैं. लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी अनुराग ठाकुर को यहां से 23 से अधिक वोटों की लीड मिली है, जबकि राजेंद्र राणा यहां 27 हजार वोटों के करीब ही अटक गए.

himachal by election
सुजानपुर उपचुनाव का रिजल्ट (चुनाव आयोग)

लाहौल उपचुनाव में जमानत भी नहीं बचा पाए रवि ठाकुर

लाहौल स्पीति को 52 साल बाद महिला विधायक मिली है. दल बदल कर बीजेपी में शामिल हुए रवि ठाकुर अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए. उनसे ज्यादा वोट निर्दलीय प्रत्याशी रामलाल मारकंडा के पक्ष में पड़े. यहां बीजेपी अपने बागी राम लाल मारकंडा को मैनेज करने में नाकाम रही, जबकि कांग्रेस एकजुट रही. मंत्री जगत सिंह नेगी और सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर ने उनकी जीत के लिए जी तोड़ मेहनत की थी. साथ ही सीएम सुक्खू ने भी लाहौल-स्पीति पहुंचकर उनका प्रचार किया था.

himachal by election
लाहौल स्पीति उपचुनाव का रिजल्ट (चुनाव आयोग)

धर्मशाला में सीएम सुक्खू का नहीं चला जादू

उपचुनाव में सबसे ज्यादा हमलावर सीएम सुक्खविंदर सिंह सुक्खू सुधीर शर्मा पर ही थे. सबसे ज्यादा जनसभाएं और रैलियां सीएम सुक्खू ने धर्मशाला में ही की हैं. सुधीर शर्मा पर सीएम सुक्खू ने कई गंभीर आरोप लगाए. सीएम के लगाए आरोपों को सुधीर शर्मा ने सबूतों के साथ खारिज कर दिया. इससे जनता का उनपर विश्वास बढ़ गया. चुनावी प्रबंधन, बीजेपी के मजबूत संगठन और अपने सियासी अनुभव से सुधीर शर्मा ने अपनी कश्ती पार लगा ली. निर्दलीय प्रत्याशी राकेश चौधरी ने भी यहां से ओबीसी वोट हासिल किया. 10 हजार से अधिक वोट हासिल कर कांग्रेस के लिए साइलेंट किल बन गए.

himachal by election
धर्मशाला उपचुनाव का रिजल्ट (चुनाव आयोग)

बड़सर में बीजेपी की टिकट पर लखनपाल का चौका

बड़सर से बीजेपी की टिकट पर आईडी लखनपाल ने जीत का चौका लगाया, जबकि कांग्रेस को हार मिली. बलदेव शर्मा के बाद आईडी लखनपाल ने बीजेपी के लिए ये सीट 16 सालों बाद जीती है. दिलचस्प बात ये है कांग्रेस की टिकट पर लखनपाल ने ही बलदेव शर्मा को हराया था. बीजेपी का टिकट मिलने के बाद लखनपाल स्थानीय नेताओं को मनाने में कामयाब रहे. उन्होंने बीजेपी के सभी नेताओं की नाराजगी को दूर करते हुए बड़सर में कमल खिला दिया. यहां कुछ हद तक भीतरघात के बाद भी लखनपाल अपने व्यक्तिगत वोटों के जरिए जीतने में कामयाब रहे हैं.

himachal by election
बड़सर उपचुनाव का रिजल्ट (चुनाव आयोग)

राकेश कालिया ने एक भार फिर दिखाया दम

इन उपचुनावों के नतीजों पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार का भविष्य टिका था. ऊना जिले की गगरेट सीट पर कांग्रेस ने एक बार फिर जीत हासिल की है. यहां राकेश कालिया ने बीजेपी के चैतन्य शर्मा को हरा दिया. राकेश कालिया और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री का राजनीतिक प्रबंधन और कौशल यहां काम आया, जबकि यहां भी बीजेपी भीरघात को नहीं रोक पाई. चुनाव प्रदेश के सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के लिए भी प्रतिष्ठा का सवाल था. गगरेट सीट डिप्टी सीएम के गृह जिले में आती है. इस समय प्रदेश के दो महत्वपूर्ण सीएम और डिप्टी सीएम निचले हिमाचल से हैं. सीएम का गृह जिला हमीरपुर और डिप्टी सीएम का गृह जिला ऊना पड़ोसी जिले हैं. ऐसे में इस समय सत्ता का केंद्र निचला हिमाचल ही है. इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि जब प्रदेश के दो बड़े महत्वपूर्ण पद निचले हिमाचल को मिले हैं.

himachal by election
गगरेट विधानसभा का रिजल्ट (चुनाव आयोग)

विवेक शर्मा पहली बार पहुंचे विधानसभा

हिमाचल प्रदेश की कुटलैहड़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी विवेक शर्मा ने बाजी मारी है. कुटलैहड़ सीट को भी कांग्रेस की झोली में डालने का दबाव डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री पर था. कांग्रेस प्रत्याशी विवेक शर्मा अपना पहला चुनाव लड़ रहे थे. भुट्टो को टिकट दिए जाने के बाद कुटलैहड़ से पूर्व विधायक वीरेंद्र कंवर कोप भवन में चले गए थे. उन्होंने बीजेपी की बैठकों से एकदम से किनारा कर लिया था. चुनावी रणनीति से भी उनकी दूरी देखने को मिली थी. उन्होंने बीजेपी हाईकमान से दोबारा टिकट वितरण पर सोच विचार करने के लिए कहा था. राजीव बिंदल उन्हें मनाने उनके घर भी गए थे, लेकिन उनकी नाराजगी दूर नहीं कर पाए थे.

himachal by election
कुटलैहड़ उपचुनाव का रिजल्ट (चुनाव आयोग)

विधानसभा उपचुनाव में चार सीटें जीतने के बाद कांग्रेस की सदस्या संख्या अब विधानसभा में 38 हो गई है. ऐसे में अब सुक्खू सरकार को खतरा नहीं है और वो सेफ जोन में पहुंच चुकी है. ऐसे में बीजेपी को प्रदेश में एक बार फिर सरकार बनाने की उम्मीद को झटका लगा है.

ये भी पढ़ें: राजीव भारद्वाज ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के मंत्री को दी पटखनी, 36 सालों की 'तपस्या' हुई सफल

ये भी पढे़ं: राजनीति की भी क्वीन साबित हुई कंगना, छह बार के सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह को चुनावी मैदान में दी पटखनी

ये भी पढ़ें: क्रिकेट की पिच से राजनीति के अखाड़े में अनुराग ठाकुर ने खोला 'जीत का पंजा', कांग्रेस की लगातार 9वीं हार

शिमला: राज्यसभा चुनाव के समय कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी में शामिल हुए छह में चार बागी विधायक चुनाव हार गए. सिर्फ दो बागी विधायकों के साथ ही जनता खड़ी हुई नजर आई. दल बदल का कलंक झेलने वाले इन विधायकों को जनता ने घर बिठा दिया है. ये चारों अब डेढ़ साल में ही विधायक से पूर्व विधायक हो गए. राजेंद्र राणा, चैतन्य शर्मा, देवेंद्र कुमार भुट्टो अपने क्षेत्रों में विधानसभा चुनाव हार गए. जनता ने इनके लिए विधानसभा के दरवाजे बंद करवा दिए.

सुजानपुर में क्यों लगा बीजेपी को झटका

सुजनापुर सीट पर एक वोट सीएम, एक वोट पीएम के नारे ने खेल पलट दिया. दूसरा यहां भीतरघात की आशंका पहले से ही लगाई जा रही थी. 2017 की प्रेम कुमार धूमल की राजेंद्र राणा के हाथों हुई हार उनके समर्थक अभी तक नहीं भूले हैं. साथ ही रणजीत राणा अभी एक महीना पहले ही कांग्रेस में शामिल हुए थे और पिछले चुनाव में राजेंद्र राणा को कड़ी टक्कर दी थी. कई बीजेपी नेताओं से उनके अभी भी संबंध हैं. लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी अनुराग ठाकुर को यहां से 23 से अधिक वोटों की लीड मिली है, जबकि राजेंद्र राणा यहां 27 हजार वोटों के करीब ही अटक गए.

himachal by election
सुजानपुर उपचुनाव का रिजल्ट (चुनाव आयोग)

लाहौल उपचुनाव में जमानत भी नहीं बचा पाए रवि ठाकुर

लाहौल स्पीति को 52 साल बाद महिला विधायक मिली है. दल बदल कर बीजेपी में शामिल हुए रवि ठाकुर अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए. उनसे ज्यादा वोट निर्दलीय प्रत्याशी रामलाल मारकंडा के पक्ष में पड़े. यहां बीजेपी अपने बागी राम लाल मारकंडा को मैनेज करने में नाकाम रही, जबकि कांग्रेस एकजुट रही. मंत्री जगत सिंह नेगी और सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर ने उनकी जीत के लिए जी तोड़ मेहनत की थी. साथ ही सीएम सुक्खू ने भी लाहौल-स्पीति पहुंचकर उनका प्रचार किया था.

himachal by election
लाहौल स्पीति उपचुनाव का रिजल्ट (चुनाव आयोग)

धर्मशाला में सीएम सुक्खू का नहीं चला जादू

उपचुनाव में सबसे ज्यादा हमलावर सीएम सुक्खविंदर सिंह सुक्खू सुधीर शर्मा पर ही थे. सबसे ज्यादा जनसभाएं और रैलियां सीएम सुक्खू ने धर्मशाला में ही की हैं. सुधीर शर्मा पर सीएम सुक्खू ने कई गंभीर आरोप लगाए. सीएम के लगाए आरोपों को सुधीर शर्मा ने सबूतों के साथ खारिज कर दिया. इससे जनता का उनपर विश्वास बढ़ गया. चुनावी प्रबंधन, बीजेपी के मजबूत संगठन और अपने सियासी अनुभव से सुधीर शर्मा ने अपनी कश्ती पार लगा ली. निर्दलीय प्रत्याशी राकेश चौधरी ने भी यहां से ओबीसी वोट हासिल किया. 10 हजार से अधिक वोट हासिल कर कांग्रेस के लिए साइलेंट किल बन गए.

himachal by election
धर्मशाला उपचुनाव का रिजल्ट (चुनाव आयोग)

बड़सर में बीजेपी की टिकट पर लखनपाल का चौका

बड़सर से बीजेपी की टिकट पर आईडी लखनपाल ने जीत का चौका लगाया, जबकि कांग्रेस को हार मिली. बलदेव शर्मा के बाद आईडी लखनपाल ने बीजेपी के लिए ये सीट 16 सालों बाद जीती है. दिलचस्प बात ये है कांग्रेस की टिकट पर लखनपाल ने ही बलदेव शर्मा को हराया था. बीजेपी का टिकट मिलने के बाद लखनपाल स्थानीय नेताओं को मनाने में कामयाब रहे. उन्होंने बीजेपी के सभी नेताओं की नाराजगी को दूर करते हुए बड़सर में कमल खिला दिया. यहां कुछ हद तक भीतरघात के बाद भी लखनपाल अपने व्यक्तिगत वोटों के जरिए जीतने में कामयाब रहे हैं.

himachal by election
बड़सर उपचुनाव का रिजल्ट (चुनाव आयोग)

राकेश कालिया ने एक भार फिर दिखाया दम

इन उपचुनावों के नतीजों पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार का भविष्य टिका था. ऊना जिले की गगरेट सीट पर कांग्रेस ने एक बार फिर जीत हासिल की है. यहां राकेश कालिया ने बीजेपी के चैतन्य शर्मा को हरा दिया. राकेश कालिया और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री का राजनीतिक प्रबंधन और कौशल यहां काम आया, जबकि यहां भी बीजेपी भीरघात को नहीं रोक पाई. चुनाव प्रदेश के सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के लिए भी प्रतिष्ठा का सवाल था. गगरेट सीट डिप्टी सीएम के गृह जिले में आती है. इस समय प्रदेश के दो महत्वपूर्ण सीएम और डिप्टी सीएम निचले हिमाचल से हैं. सीएम का गृह जिला हमीरपुर और डिप्टी सीएम का गृह जिला ऊना पड़ोसी जिले हैं. ऐसे में इस समय सत्ता का केंद्र निचला हिमाचल ही है. इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि जब प्रदेश के दो बड़े महत्वपूर्ण पद निचले हिमाचल को मिले हैं.

himachal by election
गगरेट विधानसभा का रिजल्ट (चुनाव आयोग)

विवेक शर्मा पहली बार पहुंचे विधानसभा

हिमाचल प्रदेश की कुटलैहड़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी विवेक शर्मा ने बाजी मारी है. कुटलैहड़ सीट को भी कांग्रेस की झोली में डालने का दबाव डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री पर था. कांग्रेस प्रत्याशी विवेक शर्मा अपना पहला चुनाव लड़ रहे थे. भुट्टो को टिकट दिए जाने के बाद कुटलैहड़ से पूर्व विधायक वीरेंद्र कंवर कोप भवन में चले गए थे. उन्होंने बीजेपी की बैठकों से एकदम से किनारा कर लिया था. चुनावी रणनीति से भी उनकी दूरी देखने को मिली थी. उन्होंने बीजेपी हाईकमान से दोबारा टिकट वितरण पर सोच विचार करने के लिए कहा था. राजीव बिंदल उन्हें मनाने उनके घर भी गए थे, लेकिन उनकी नाराजगी दूर नहीं कर पाए थे.

himachal by election
कुटलैहड़ उपचुनाव का रिजल्ट (चुनाव आयोग)

विधानसभा उपचुनाव में चार सीटें जीतने के बाद कांग्रेस की सदस्या संख्या अब विधानसभा में 38 हो गई है. ऐसे में अब सुक्खू सरकार को खतरा नहीं है और वो सेफ जोन में पहुंच चुकी है. ऐसे में बीजेपी को प्रदेश में एक बार फिर सरकार बनाने की उम्मीद को झटका लगा है.

ये भी पढ़ें: राजीव भारद्वाज ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के मंत्री को दी पटखनी, 36 सालों की 'तपस्या' हुई सफल

ये भी पढे़ं: राजनीति की भी क्वीन साबित हुई कंगना, छह बार के सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह को चुनावी मैदान में दी पटखनी

ये भी पढ़ें: क्रिकेट की पिच से राजनीति के अखाड़े में अनुराग ठाकुर ने खोला 'जीत का पंजा', कांग्रेस की लगातार 9वीं हार

Last Updated : Jun 5, 2024, 10:32 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.