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उत्तराखंड में 108 इमरजेंसी एंबुलेंस का रिस्पांस टाइम 20 मिनट से घटाकर 12 मिनट हुआ, 3 गुना किया जुर्माना - 108 EMERGENCY AMBULANCE

कॉल करने के बाद अगर 108 एंबुलेंस सेवा तय समय पर नहीं पहुंचती है तो संचालन कंपनी को तीन गुना जुर्माना देना होगा.

108 EMERGENCY AMBULANCE
108 इमरजेंसी एंबुलेंस का रिस्पांस टाइम (Photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 4, 2024, 2:26 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के साथ ही 108 एम्बुलेंस के जरिए मरीज समय से अस्पताल पहुंचे इस पर जोर दे रही है. इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग में 108 एंबुलेंस के रिस्पांस टाइम को न सिर्फ कम कर दिया है, बल्कि समय के भीतर एंबुलेंस न पहुंचने पर लगाए जाने वाले जुर्माने को भी बढ़ा दिया है. यानी प्रदेश में संचालित 108 इमरजेंसी एंबुलेंस सेवा के लिए कॉल करने पर अगर तय समय के भीतर एंबुलेंस नहीं पहुंची तो एंबुलेंस संचालन कंपनी को तीन गुना जुर्माना देना होगा.

राज्य सरकार ने इमरजेंसी के दौरान तत्काल एंबुलेंस उपलब्ध कराए जाने को लेकर ये निर्णय लिया है. इसके साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में 108 इमरजेंसी एंबुलेंस के रिस्पांस टाइम को 35 मिनट से घटाकर 20 मिनट कर दिया है. इसी क्रम में मैदानी क्षेत्रों में इमरजेंसी एंबुलेंस के रिस्पांस टाइम को 20 मिनट से घटकर 12 मिनट कर दिया है.

उत्तराखंड राज्य में 108 इमरजेंसी एंबुलेंस की 272 गाड़ियां संचालित हो रही हैं, जिनका संचालन निजी कंपनी द्वारा किया जा रहा है. एंबुलेंस के लिए जो रिस्पांस टाइम तय किया गया था, उस समय के अनुसार अगर एंबुलेंस नहीं पहुंचती थी, तो एंबुलेंस संचालन कंपनी पर एक हजार का जुर्माने का प्रावधान था. लेकिन अब उत्तराखंड सरकार ने रिस्पांस टाइम को काम करते हुए जुर्माने को तीन गुना बढ़ा दिया है. यानी अगर रिस्पांस टाइम पर एम्बुलेंस नहीं पहुंचती है, तो एंबुलेंस संचालन कंपनी को तीन हज़ार रुपए का जुर्माना देना होगा.

इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार ने 108 इमरजेंसी सेवा और सरकारी अस्पतालों में विभागीय एम्बुलेंस को भी आउटसोर्स करने का निर्णय लिया है. क्योंकि एंबुलेंस संचालन कंपनी एंबुलेंस खराब होने की दलील देती रही है, लिहाजा अब सरकार एंबुलेंस की व्यवस्था भी आउटसोर्स के जरिए करने का निर्णय लिया है.

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देहरादून: उत्तराखंड सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के साथ ही 108 एम्बुलेंस के जरिए मरीज समय से अस्पताल पहुंचे इस पर जोर दे रही है. इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग में 108 एंबुलेंस के रिस्पांस टाइम को न सिर्फ कम कर दिया है, बल्कि समय के भीतर एंबुलेंस न पहुंचने पर लगाए जाने वाले जुर्माने को भी बढ़ा दिया है. यानी प्रदेश में संचालित 108 इमरजेंसी एंबुलेंस सेवा के लिए कॉल करने पर अगर तय समय के भीतर एंबुलेंस नहीं पहुंची तो एंबुलेंस संचालन कंपनी को तीन गुना जुर्माना देना होगा.

राज्य सरकार ने इमरजेंसी के दौरान तत्काल एंबुलेंस उपलब्ध कराए जाने को लेकर ये निर्णय लिया है. इसके साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में 108 इमरजेंसी एंबुलेंस के रिस्पांस टाइम को 35 मिनट से घटाकर 20 मिनट कर दिया है. इसी क्रम में मैदानी क्षेत्रों में इमरजेंसी एंबुलेंस के रिस्पांस टाइम को 20 मिनट से घटकर 12 मिनट कर दिया है.

उत्तराखंड राज्य में 108 इमरजेंसी एंबुलेंस की 272 गाड़ियां संचालित हो रही हैं, जिनका संचालन निजी कंपनी द्वारा किया जा रहा है. एंबुलेंस के लिए जो रिस्पांस टाइम तय किया गया था, उस समय के अनुसार अगर एंबुलेंस नहीं पहुंचती थी, तो एंबुलेंस संचालन कंपनी पर एक हजार का जुर्माने का प्रावधान था. लेकिन अब उत्तराखंड सरकार ने रिस्पांस टाइम को काम करते हुए जुर्माने को तीन गुना बढ़ा दिया है. यानी अगर रिस्पांस टाइम पर एम्बुलेंस नहीं पहुंचती है, तो एंबुलेंस संचालन कंपनी को तीन हज़ार रुपए का जुर्माना देना होगा.

इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार ने 108 इमरजेंसी सेवा और सरकारी अस्पतालों में विभागीय एम्बुलेंस को भी आउटसोर्स करने का निर्णय लिया है. क्योंकि एंबुलेंस संचालन कंपनी एंबुलेंस खराब होने की दलील देती रही है, लिहाजा अब सरकार एंबुलेंस की व्यवस्था भी आउटसोर्स के जरिए करने का निर्णय लिया है.

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