ETV Bharat / state

आवासीय विद्यालय बने बच्चों के काल, बुरे सपने जैसा रहा साल - DEATH OF TEN CHILDREN

बीजापुर जिले में आवासीय विद्यालय समेत पोटाकेबिन में अव्यवस्थाओं का आलम है.साल 2024 में जिले में 10 बच्चों की मौत हो चुकी है.

death of Ten children
आवासीय विद्यालय बच्चों के लिए बने काल (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 31, 2024, 7:12 PM IST

Updated : Dec 31, 2024, 7:18 PM IST

बीजापुर : जिले में साल 2024 में अलग-अलग आश्रम- छात्रावास में दस बच्चों की मौत हुई है. 8 बच्चों की मौत बीमारी, एक की मौत का कारण आत्महत्या तो एक बच्ची की मौत जलने से हुई थी. एक साथ इतने बच्चों की मौत से आश्रम-छात्रावास की व्यवस्था पर सवाल खड़े हुए. इन सवालों के बाद कई दौर की जांच भी सालभर तक होती रही लेकिन जांच बेनतीजा ही साबित हुई. मौत के प्रमुख कारणों में बच्चों का बीमार होना है। उल्टी, दस्त और फूड प्वाइजनिंग जैसे कारणों से बच्चों की मौत हुई है. इससे स्पष्ट होता है कि लापरवाही तो हुई है.अगर बच्चों को बेहतर सुविधा के साथ खानपान की अच्छी गुणवत्ता मिलती तो शायद वे सही सलामत होते.

Residential schools nightmare
फूड प्वॉयजनिंग से बच्चों की मौत (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

बच्ची की मौत के बाद भी व्यवस्थाएं नहीं सुधरी :आवापल्ली के पोटाकेबिन में 6 मार्च को आग लगने से एक बच्ची की मौत हो गई थी. इस मामले के बाद पोटाकेबिन की सुरक्षा पर सवाल खड़े हुए थे. दरअसल पोटाकेबिन में आग लगने की घटनाओं से निपटने के कोई इंतजाम नहीं हैं. इस संबंध में आदेश भी जारी किए गए. लेकिन आज भी पोटाकेबिन का संचालन लापरवाही के साथ हो रहा है.जिले में विपक्षी पार्टियां हमेशा आरोप लगाती रही हैं कि पोटाकेबिन और आश्रम-छात्रावास का अधीक्षक बनने के लिए जिले में बोली लगती है.4 से 5 लाख रुपए सालाना तक का रेट तय है. इससे ही अंदाजा लगाया जा सकता है आश्रम- छात्रावास में बच्चों का कितना ख्याल रखा जाता है. उनकी सेहत जिम्मेदारों के लिए कितनी महत्वपूर्ण है.आए दिन आश्रम-छात्रावासों से ऐसी तस्वीरें सामने आती हैं जब बच्चों को गुणवत्ताहीन खाना परोसा जाता है. जिससे छात्रों की मौत हो रही है.

Residential schools nightmare
आवासीय विद्यालय में बच्चों की जान से खिलवाड़ (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

साल 2024 में कितनी मौतें : 27 फरवरी जेवियर कुजूर 13 वर्ष 7वीं का छात्र- प्री. मैट्रिक बालक छात्रावास चेरागंगी (फांसी लगाकर आत्महत्या), 6 मार्च लिप्सा. 04 वर्ष आवासीय बालिका पोटाकेबिन तिम्गापुर (पोटाकेबिन में आग लगने की वजह से जलकर मौत हो गई. 19 अप्रैल रजनी यालम 20 वर्ष छात्रा की इलाज के दौरान मौत हुई.12 जुलाई दीक्षिता रेगा उम्र- 09 वर्ष कक्षा चौथी आवासीय बालिका पोटाकेबिन तारलागुड़ा (मलेरिया से मौत), 14 जुलाई वेदिका जव्वा 4 वर्ष कक्षा तीसरी आवासीय बालिका पोटाकेबिन संगमपली (मलेरिया से मौत), 08 अगस्त अनिता कुरसम 04 वर्ष कक्षा-दूसरी 6 कन्या आश्रम बेदरे (बुखार और उल्टी दस्त से मौत), 27 सितंबर राकेश पुनम 08 वर्ष कक्षा पहली - आवासीय विद्यालय दुगईगुडा (उल्टी दस्त से मौत),10 दिसंबर शिवानी उम्र माता रुकमणी कन्या आवासीय आश्रम धनोरा (फूड पाईजनिंग से मौत),11 दिसंबर विमला कवासी कक्षा- 10वीं आवासीय कन्या पोटाकेबिन नेमेड (सिक लिंग पेन से मौत),16 दिसंबर टंकेश्वर नाग कक्षा चौथी आवासीय बालक स्कूल भटवाड़ा की मलेरिया से मौत हो चुकी है.

कैसे हो नए साल की शुरुआत, पुरुष महिलाएं और छात्रों के लिए न्यू ईयर टिप्स

न्यू ईयर सेलिब्रेशन पर पुलिस की पैनी नजर, हुड़दंगियों के खिलाफ सख्त एक्शन की तैयारी

नक्सलगढ़ में शिक्षा की लौ से दूर हो रहा अंधियारा, बीजापुर सेंट्रल लाइब्रेरी की दिल्ली तक पहुंच रही चमक

बीजापुर : जिले में साल 2024 में अलग-अलग आश्रम- छात्रावास में दस बच्चों की मौत हुई है. 8 बच्चों की मौत बीमारी, एक की मौत का कारण आत्महत्या तो एक बच्ची की मौत जलने से हुई थी. एक साथ इतने बच्चों की मौत से आश्रम-छात्रावास की व्यवस्था पर सवाल खड़े हुए. इन सवालों के बाद कई दौर की जांच भी सालभर तक होती रही लेकिन जांच बेनतीजा ही साबित हुई. मौत के प्रमुख कारणों में बच्चों का बीमार होना है। उल्टी, दस्त और फूड प्वाइजनिंग जैसे कारणों से बच्चों की मौत हुई है. इससे स्पष्ट होता है कि लापरवाही तो हुई है.अगर बच्चों को बेहतर सुविधा के साथ खानपान की अच्छी गुणवत्ता मिलती तो शायद वे सही सलामत होते.

Residential schools nightmare
फूड प्वॉयजनिंग से बच्चों की मौत (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

बच्ची की मौत के बाद भी व्यवस्थाएं नहीं सुधरी :आवापल्ली के पोटाकेबिन में 6 मार्च को आग लगने से एक बच्ची की मौत हो गई थी. इस मामले के बाद पोटाकेबिन की सुरक्षा पर सवाल खड़े हुए थे. दरअसल पोटाकेबिन में आग लगने की घटनाओं से निपटने के कोई इंतजाम नहीं हैं. इस संबंध में आदेश भी जारी किए गए. लेकिन आज भी पोटाकेबिन का संचालन लापरवाही के साथ हो रहा है.जिले में विपक्षी पार्टियां हमेशा आरोप लगाती रही हैं कि पोटाकेबिन और आश्रम-छात्रावास का अधीक्षक बनने के लिए जिले में बोली लगती है.4 से 5 लाख रुपए सालाना तक का रेट तय है. इससे ही अंदाजा लगाया जा सकता है आश्रम- छात्रावास में बच्चों का कितना ख्याल रखा जाता है. उनकी सेहत जिम्मेदारों के लिए कितनी महत्वपूर्ण है.आए दिन आश्रम-छात्रावासों से ऐसी तस्वीरें सामने आती हैं जब बच्चों को गुणवत्ताहीन खाना परोसा जाता है. जिससे छात्रों की मौत हो रही है.

Residential schools nightmare
आवासीय विद्यालय में बच्चों की जान से खिलवाड़ (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

साल 2024 में कितनी मौतें : 27 फरवरी जेवियर कुजूर 13 वर्ष 7वीं का छात्र- प्री. मैट्रिक बालक छात्रावास चेरागंगी (फांसी लगाकर आत्महत्या), 6 मार्च लिप्सा. 04 वर्ष आवासीय बालिका पोटाकेबिन तिम्गापुर (पोटाकेबिन में आग लगने की वजह से जलकर मौत हो गई. 19 अप्रैल रजनी यालम 20 वर्ष छात्रा की इलाज के दौरान मौत हुई.12 जुलाई दीक्षिता रेगा उम्र- 09 वर्ष कक्षा चौथी आवासीय बालिका पोटाकेबिन तारलागुड़ा (मलेरिया से मौत), 14 जुलाई वेदिका जव्वा 4 वर्ष कक्षा तीसरी आवासीय बालिका पोटाकेबिन संगमपली (मलेरिया से मौत), 08 अगस्त अनिता कुरसम 04 वर्ष कक्षा-दूसरी 6 कन्या आश्रम बेदरे (बुखार और उल्टी दस्त से मौत), 27 सितंबर राकेश पुनम 08 वर्ष कक्षा पहली - आवासीय विद्यालय दुगईगुडा (उल्टी दस्त से मौत),10 दिसंबर शिवानी उम्र माता रुकमणी कन्या आवासीय आश्रम धनोरा (फूड पाईजनिंग से मौत),11 दिसंबर विमला कवासी कक्षा- 10वीं आवासीय कन्या पोटाकेबिन नेमेड (सिक लिंग पेन से मौत),16 दिसंबर टंकेश्वर नाग कक्षा चौथी आवासीय बालक स्कूल भटवाड़ा की मलेरिया से मौत हो चुकी है.

कैसे हो नए साल की शुरुआत, पुरुष महिलाएं और छात्रों के लिए न्यू ईयर टिप्स

न्यू ईयर सेलिब्रेशन पर पुलिस की पैनी नजर, हुड़दंगियों के खिलाफ सख्त एक्शन की तैयारी

नक्सलगढ़ में शिक्षा की लौ से दूर हो रहा अंधियारा, बीजापुर सेंट्रल लाइब्रेरी की दिल्ली तक पहुंच रही चमक

Last Updated : Dec 31, 2024, 7:18 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.