रायपुर: 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड इस बार छत्तीसगढ़ की झांकी बस्तर की मुरिया दरबार और बड़े डोंगरे की लिमऊ राजा के थीम पर आधारित है. झांकी में शामिल होने पहुंचे कलाकार लगातार झांकी के साथ प्रैक्टिस कर रहे हैं. अभ्यास के दौरान ही झांकियों की कवरेज करने आई नेशनल मीडिया की टीम ने छत्तीसगढ़ की झांकी को जमकर सराहा. छत्तीसगढ़ की झांकी को आदिवासी समाज की शिल्पकला से सजाया गया है. झांकी के जरिए आदिम जाति और जनजातीय समाज के लोकतांत्रिक चेतना को दिखाने का काम किया जाएगा.
प्रेस रिव्यू के दौरान हुई तारीफ: प्रेस रिव्यू के दौरान झांकी के साथ कलाकारों ने उम्दा प्रदर्शन किया. कलाकारों ने मांदर की थाप और बांसुरी की धुन पर जो समां बांधा उसे देखकर राष्ट्रीय मीडिया भी छत्तीसगढ़ की झांकी का मुरीद हो गया. झांकी के प्लेटफार्म पर लिमऊराजा के पास ही बेलमेटल का बैठे हुए सुंदर नंदी को दिखाया गया है. 26 जनवरी के दिन झांकी के साथ चल रही युवतियां परब नृत्य करेंगी जो देखते ही बनेगा.
साय ने दी बधाई: छत्तीसगढ़ की झांकी को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल किए जाने पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेश की जनता को बधाई दी है. सीएम ने अपने बधाई संदेश में कहा कि ये छत्तीसगढ़ के लिए खुशी की बात है कि इस बार राजपथ पर देश की जनता बस्तर की मुरिया दरबार और डोंगरे के लिमउऊ राजा की संस्कृति देखेंगे. देशभर से दिल्ली पहुंची 28 राज्यों की झांकी में से छत्तीसगढ़ की झांकी का चयन रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति ने किया है.