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आप सांसद संजय सिंह को मिली राहत, वारंट जारी करने के आदेश को कोर्ट ने लिया वापस

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 15, 2024, 10:27 PM IST

एमपी-एमएलए कोर्ट ने आप सांसद संजय सिंह (AAP MP Sanjay Singh) को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने वारंट जारी करने के आदेश को वापस ले लिया है. मामले की अगली सुनवाई 29 फरवरी को होगी.

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लखनऊ : आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसद संजय सिंह को बड़ी राहत देते हुए एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष एसीजेएम अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव ने उनको वारंट के जरिए हिरासत में लिए जाने के अपने पूर्व के आदेश को वापस ले लिया है. इस मामले में अगली सुनवाई अब 29 फरवरी को होगी.

संजय सिंह के अधिवक्ता प्रांशु अग्रवाल ने शीर्ष अदालत द्वारा नौ फरवरी को पारित आदेश को दाखिल करते हुए कहा कि यद्यपि इस न्यायालय द्वारा संजय सिंह के विरुद्ध दंड प्रक्रिया संहिता के तहत वारंट आदेश जारी कर अनुपालन हेतु आदेश किया गया है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने चूंकि संजय सिंह की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. लिहाजा प्रश्नगत आदेश को वापस लिया जाए. पत्रावली के अनुसार इस मामले में तिहाड़ जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संजय सिंह को गत 4 जनवरी को तलब किया गया था. इसके बाद पांच फरवरी 2024 को उनका वारंट बनाया गया. संजय सिंह के वकील का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गत 9 फरवरी को अभिरक्षा में न लिए जाने का जो आदेश पारित किया है वह अब भी प्रभाव में है.

उल्लेखनीय है कि इस मामले की रिपोर्ट 15 अगस्त 2020 को अधिवक्ता अवनीश त्रिपाठी द्वारा राज्य सभा सांसद संजय सिंह उनके सहयोगी सभाजीत सिंह एवं समर्थक ब्रज कुमारी के विरुद्ध हजरतगंज थाने पर लिखाई गई थी. जिसमें कहा गया कि संजय सिंह ने प्रेसवार्ता में कहा कि प्रदेश में लोगों को चुन-चुन कर मारा जा रहा है तथा ब्राह्मणों पर अत्याचार हो रहा है. आरोप है कि संजय सिंह ने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के विरुद्ध भी शब्द कहे थे. वादी का आरोप है कि संजय सिंह धर्म और जाति के आधार पर समाज में वैमनस्यता फैला रहे हैं.

लखनऊ : आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसद संजय सिंह को बड़ी राहत देते हुए एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष एसीजेएम अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव ने उनको वारंट के जरिए हिरासत में लिए जाने के अपने पूर्व के आदेश को वापस ले लिया है. इस मामले में अगली सुनवाई अब 29 फरवरी को होगी.

संजय सिंह के अधिवक्ता प्रांशु अग्रवाल ने शीर्ष अदालत द्वारा नौ फरवरी को पारित आदेश को दाखिल करते हुए कहा कि यद्यपि इस न्यायालय द्वारा संजय सिंह के विरुद्ध दंड प्रक्रिया संहिता के तहत वारंट आदेश जारी कर अनुपालन हेतु आदेश किया गया है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने चूंकि संजय सिंह की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. लिहाजा प्रश्नगत आदेश को वापस लिया जाए. पत्रावली के अनुसार इस मामले में तिहाड़ जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संजय सिंह को गत 4 जनवरी को तलब किया गया था. इसके बाद पांच फरवरी 2024 को उनका वारंट बनाया गया. संजय सिंह के वकील का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गत 9 फरवरी को अभिरक्षा में न लिए जाने का जो आदेश पारित किया है वह अब भी प्रभाव में है.

उल्लेखनीय है कि इस मामले की रिपोर्ट 15 अगस्त 2020 को अधिवक्ता अवनीश त्रिपाठी द्वारा राज्य सभा सांसद संजय सिंह उनके सहयोगी सभाजीत सिंह एवं समर्थक ब्रज कुमारी के विरुद्ध हजरतगंज थाने पर लिखाई गई थी. जिसमें कहा गया कि संजय सिंह ने प्रेसवार्ता में कहा कि प्रदेश में लोगों को चुन-चुन कर मारा जा रहा है तथा ब्राह्मणों पर अत्याचार हो रहा है. आरोप है कि संजय सिंह ने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के विरुद्ध भी शब्द कहे थे. वादी का आरोप है कि संजय सिंह धर्म और जाति के आधार पर समाज में वैमनस्यता फैला रहे हैं.

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