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हर्बल गुलाल बनाकर अच्छी कमाई कर रही गोपालगंज की रेखा देवी, दूसरों को भी बना रही आत्मनिर्भर - Herbal gulal in gopalganj

Herbal Gulal In Gopalganj: होली के मौके पर रंगों की काफी डिमांड होती है, लेकिन केमिकल युक्त रंग हमारे स्किन के लिए हानीकारक होते हैं. ऐसे में हर्बल रंग या गुलाल अच्छा विकल्प है. गुलाल भी महिलाओं के जीविकोपार्जन का जरिया बन गया है. गोपालगंज की रेखा देवी हर्बल गुलाल बनाकर अलग-अलग जिलों में उसकी सप्लाई कर रही हैं, जिससे उन्हें अच्छी कमाई हो रही है.

हर्बल गुलाल बनाकर आत्मनिर्भर बनी रेखा देवी
हर्बल गुलाल बनाकर आत्मनिर्भर बनी रेखा देवी
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 27, 2024, 9:14 AM IST

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गोपालगंज: बिहार में महिलाएं हर्बल गुलाल बनाकर आत्मनिर्भर बन रही हैं. खास बात यह है कि हर्बल गुलाल बनाने में ज्यादा पूंजी की भी जरूरत नहीं पड़ती है. गोपालगंज की रेखा देवी भी हर्बल गुलाल की डिमांड को देखते हुए इसका उत्पादन कर रही हैं. रेखा देवी पालक, हल्दी, चुकंदर, मेहंदी जैसी चीजों से हर्बल गुलाल तैयार करती हैं, और उसकी सप्लाई कर अच्छी आमदनी कर लेती है.

हर्बल गुलाल बनाकर सप्लाई: जिले के हथुआ प्रखंड के हथुआ गांव निवासी रेखा देवी खुद आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ दूसरों की सेहत का ख्याल भी रखती है. रेखा पिछले कई वर्षों से मशरूम से बने व्यंजन और हर्बल गुलाल तैयार कर लाखों की आमदनी कर रही हैं. इनके द्वारा तैयार गुलाल पटना समेत विभिन्न जिलों में सप्लाई किया जाता है.

सेहत का ख्याल रखती हैं रेखा: रेखा देवी ने बताया कि उन्होंने हर्बल गुलाल इसलिए बनाना शुरू किया क्योंकि मार्केट में मिलने वाले गुलाल में केमिकल रहता है, जो स्किन और आंख में लगने पर उसे नुकसान पहुंचाता है. जिसके बाद उनके मन में ये आइडिया आया. रेखा लाल, पीला, हरा, ऑरेंज ये सब रंग के हर्बल गुलाल बनाती हैं. पीला वाला हल्दी का बना होता है, हरा वाला पालक से, लाल चुकंदर से बनता है. वहीं वह दूसरे फलों का भी इस्तेमाल करती हैं.

"कुछ साल से हर्बल गुलाल बना रही हूं. मार्केट में मिलने वाले गुलाल में केमिकल होता है, जो हमारे सेहत के लिए हानीकारक है. धीरे-धीरे लोग जागरूक हो रहे हैं, इसलिए हर्बल गुलाल की डिमांड बढ़ी है. खास तौर से पढ़े-लिखे लोग इसका महत्व समझते हैं. हल्दी, चुकंदर, पालक साग ये सब का प्रयोग कर गुलाल बनाया जाता है."- रेखा देवी, महिला उद्यमी

मशरूम से बने सामानों की बिक्री: रेखा हर्बल गुलाल बनाने के साथ मशरूम की खेती कर उससे बने व्यंजनों का भी उत्पादन करती हैं. बताया गया कि महिलाओं का एक ग्रूप है, जो हर्बल गुलाल और मशरूम के व्यंजनों को तैयार करती है. रेखा देवी मशरूम से बने समोसा, लड्डू, बिस्किट, भुजिया, आचार जैसे कई वैरायटीज बनाती हैं, जिसकी बाजारों में खूब डिमांड रहती है.

होली पर लगभग 4 क्विंटल गुलाल की बिक्री: इस बार अभी तक 4 क्विंटल गुलाल की बिक्री महिला की जा चुकी है, जिसमें उन्हें अच्छा मुनाफा हुआ है. रेखा की तरह ही दूसरी महिलाएं भी हर्बल गुलाल बना रही है, और आत्मनिर्भर बन रही हैं. खास बात यह है कि हर्बल गुलाल बनाने में ज्यादा पूंजी की भी जरूरत नहीं पड़ती है. हर्बल गुलाल बनाने के लिए आस-पास ही पेड़-पौधे मिल जाता है. इससे कम लगात में बेहतर मुनाफा कमाया जा सकता है.

ये भी पढ़ें: होली के बाजार में हर्बल गुलाल की बहार, पालक-चुकंदर और हल्दी से शिल्पी ने किया तैयार

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गोपालगंज: बिहार में महिलाएं हर्बल गुलाल बनाकर आत्मनिर्भर बन रही हैं. खास बात यह है कि हर्बल गुलाल बनाने में ज्यादा पूंजी की भी जरूरत नहीं पड़ती है. गोपालगंज की रेखा देवी भी हर्बल गुलाल की डिमांड को देखते हुए इसका उत्पादन कर रही हैं. रेखा देवी पालक, हल्दी, चुकंदर, मेहंदी जैसी चीजों से हर्बल गुलाल तैयार करती हैं, और उसकी सप्लाई कर अच्छी आमदनी कर लेती है.

हर्बल गुलाल बनाकर सप्लाई: जिले के हथुआ प्रखंड के हथुआ गांव निवासी रेखा देवी खुद आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ दूसरों की सेहत का ख्याल भी रखती है. रेखा पिछले कई वर्षों से मशरूम से बने व्यंजन और हर्बल गुलाल तैयार कर लाखों की आमदनी कर रही हैं. इनके द्वारा तैयार गुलाल पटना समेत विभिन्न जिलों में सप्लाई किया जाता है.

सेहत का ख्याल रखती हैं रेखा: रेखा देवी ने बताया कि उन्होंने हर्बल गुलाल इसलिए बनाना शुरू किया क्योंकि मार्केट में मिलने वाले गुलाल में केमिकल रहता है, जो स्किन और आंख में लगने पर उसे नुकसान पहुंचाता है. जिसके बाद उनके मन में ये आइडिया आया. रेखा लाल, पीला, हरा, ऑरेंज ये सब रंग के हर्बल गुलाल बनाती हैं. पीला वाला हल्दी का बना होता है, हरा वाला पालक से, लाल चुकंदर से बनता है. वहीं वह दूसरे फलों का भी इस्तेमाल करती हैं.

"कुछ साल से हर्बल गुलाल बना रही हूं. मार्केट में मिलने वाले गुलाल में केमिकल होता है, जो हमारे सेहत के लिए हानीकारक है. धीरे-धीरे लोग जागरूक हो रहे हैं, इसलिए हर्बल गुलाल की डिमांड बढ़ी है. खास तौर से पढ़े-लिखे लोग इसका महत्व समझते हैं. हल्दी, चुकंदर, पालक साग ये सब का प्रयोग कर गुलाल बनाया जाता है."- रेखा देवी, महिला उद्यमी

मशरूम से बने सामानों की बिक्री: रेखा हर्बल गुलाल बनाने के साथ मशरूम की खेती कर उससे बने व्यंजनों का भी उत्पादन करती हैं. बताया गया कि महिलाओं का एक ग्रूप है, जो हर्बल गुलाल और मशरूम के व्यंजनों को तैयार करती है. रेखा देवी मशरूम से बने समोसा, लड्डू, बिस्किट, भुजिया, आचार जैसे कई वैरायटीज बनाती हैं, जिसकी बाजारों में खूब डिमांड रहती है.

होली पर लगभग 4 क्विंटल गुलाल की बिक्री: इस बार अभी तक 4 क्विंटल गुलाल की बिक्री महिला की जा चुकी है, जिसमें उन्हें अच्छा मुनाफा हुआ है. रेखा की तरह ही दूसरी महिलाएं भी हर्बल गुलाल बना रही है, और आत्मनिर्भर बन रही हैं. खास बात यह है कि हर्बल गुलाल बनाने में ज्यादा पूंजी की भी जरूरत नहीं पड़ती है. हर्बल गुलाल बनाने के लिए आस-पास ही पेड़-पौधे मिल जाता है. इससे कम लगात में बेहतर मुनाफा कमाया जा सकता है.

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