उन्नाव : जिले में संचालित दो स्लाटर हाउसों को अनियमित तरीके से एनओसी देना क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी को भारी पड़ गया. उत्तर प्रदेश शासन के मुख्य सचिव के निर्देश पर हुई जांच में क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी द्वारा स्लाटर हाउसों द्वारा मानक पूरे किए बगैर एनओसी देने की बात सामने आई है. इसके बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष ने क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं, वहीं, शासन की इस कार्रवाई से जिले में हड़कंप मचा हुआ है.
जानकारी के मुताबिक, क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी अनिल माथुर पर जिले में संचालित दो स्लाटर हाउसों की स्थापना और संचालन के लिए एनओसी गलत तरीके से देने की शिकायत मुख्य सचिव से की गई थी. इस पर मुख्य सचिव ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पत्र भेजकर मामले की जांच कर आख्या भेजने के निर्देश दिए थे. इस पर जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम का गठन किया गया था. इसमें मुख्य पर्यावरण अधिकारी (प्रशासन) राजेंद्र सिंह, मुख्य विधि अधिकारी (प्रभारी) महेंद्र नाथ, पर्यावरण अभियंता प्रवीण कुमार, जेपी मौर्य और विधि अधिकारी अनुज चौबे शामिल थे. टीम को 15 अक्टूबर तक साक्ष्य और तथ्यों के आधार पर जांच आख्या प्रस्तुत करनी थी. जांच रिपोर्ट में क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी अनिल माथुर द्वारा उनके पद अनुरूप दायित्वों का ढंग से निर्वहन न करते हुए दोनों स्लाटर हाउसों की स्थापना और संचालन के लिए अनियमित तरीके से सहमति देने की पुष्टि हुई है.
जारी आदेश के मुताबिक, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. रवींद्र प्रताप सिंह ने क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी अनिल माथुर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी निलंबन अवधि के दौरान लखनऊ स्थित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुख्यालय से संबद्ध रहेंगे.
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