शिमला: हिमाचल प्रदेश में आत्महत्या के मामलों में कमी देखने को मिली है. प्रदेश में बढ़ रहे आत्महत्या के मामलों को लेकर पुलिस भी चिंतित है. पुलिस ने बीते साल प्रदेश में आत्महत्या के मामलों का डाटा जारी किया है. पुलिस मुख्यालय की ओर से तीन सालों के जारी आंकड़ों में प्रतिवर्ष आत्महत्या और सुसाइड के लिए उकसाने के मामलों में गिरावट आई है. आत्महत्या से संबंधित सीआरपीसी के तहत दर्ज मामले साल 2021 में 850, 2022 में 692 और साल 2023 में 669 मामले सामने आए हैं. आत्महत्या के लिए उकसाने के भारतीय दंड संहिता 306 के तहत साल 2021 में 67, 2022 में 74 और साल 2023 में 54 मामले सामने आए हैं.
हिमाचल प्रदेश के डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि हिमाचल में आत्महत्या के रुझान और आत्महत्या के लिए उकसाने के मामलों में बीते साल कमी दर्ज की है, जो आत्महत्या के मामलों की प्रवृत्तियों और अपराध की रोकथाम और सार्वजनिक सुरक्षा के पुलिस के प्रयासों से संभव हुआ है. इसके लिए विभाग ने निवारक उपाय और संवेदनशील जांच दोनों की और लोगों में इस संबंध में जानकारी भी फैलाई. उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों का डाटा आत्महत्याओं की संख्या और संबंधित पूछताछ में उल्लेखनीय कमी दर्शाता है.
डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि हिमाचल पुलिस द्वारा कार्यान्वित रणनीतियों के कारण ही यह गिरावट आई है. उन्होंने कहा कि आत्महत्या-प्रवण क्षेत्रों की मैपिंग जैसी पहल,परामर्श सेवाओं की पेशकश और लक्षित पुलिस हस्तक्षेप ने इस सकारात्मक प्रवृत्ति में योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि इन संख्याओं में कमी उत्साहजनक है, लेकिन मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या के मुद्दों से जुड़ी जटिलताओं व संवेदनशीलताओं को स्वीकार करना भी आवश्यक है. पुलिस विभाग जनसमुदाय को सहायता और सुरक्षा प्रदान करने के लिए तत्परता से काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि आत्महत्या और आत्महत्या के लिए उकसाने की घटनाओं को कम करने के प्रयास पुलिस विभाग की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं.
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