प्रयागराज : जिले की एसटीएफ टीम ने नकल माफिया गैंग से जुड़े दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए दोनों अभियुक्त यूपी लोकसेवा आयोग, आरओ/एआरओ और पिछले साल हुई पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले से जुड़े हुए थे. कई महीनों से फरार चल रहे दोनों अभियुक्तों को एसटीएफ प्रयागराज यूनिट ने कीडगंज थाना क्षेत्र के बैरहना इलाके से गिरफ्तार कर लिया है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है.
यूपी लोक सेवा आयोग की तरफ से फरवरी 2024 में आयोजित आरओ/एआरओ भर्ती परीक्षा और उत्तर प्रदेश पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में यूपी एसटीएफ की टीम आरोपी संजय कुशवाहा और कामेश्वर नाथ मौर्या की तलाश कर रही थी. यूपी में भर्ती परीक्षा के पेपर लीक कराने के मामले में फरार आरोपियों संजय कुशवाहा और कामेश्वर नाथ मौर्या के खिलाफ मुकदमा दर्ज है और उसके बाद ये दोनों अभियुक्त फरार चल रहे थे, जिन्हें एसटीएफ की टीम ने सटीक सूचना मिलने के बाद घेराबंदी करके कीडगंज थाना क्षेत्र के बैरहना इलाके से गिरफ्तार कर लिया है. पकड़े गए अभियुक्तों के पास से एसटीएफ ने दो मोबाइल फोन, नगद रुपये और दस्तावेजों के साथ ही कार बरामद की है.
अभियुक्तों ने पूछताछ में दी अहम जानकारियां : यूपी एसटीएफ द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, एसटीएफ की चंगुल में आये दोनों अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि यूपी लोकसेवा आयोग की तरफ से पिछले साल आयोजित हुई आरओ/एआरओ भर्ती परीक्षा व यूपी पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कराने वाले गैंग के मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा और रवि अत्री के सहयोगी के रूप में दोनों काम करते थे. फरवरी 2024 में यूपी लोकसेवा आयोग द्वारा समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा से पहले ही प्रिन्टिंग प्रेस में काम करने वाले अभियुक्त सुनील रघुवंशी द्वारा पेपर को बाहर निकलवाकर अभियुक्त विशाल दुबे, सुभाष प्रकाश के माध्यम से अभियुक्त राजीव नयन मिश्रा व अन्य लोगों तक पहुंचाया गया था.
आरोपियों ने एसटीएफ को पूछताछ में बताया कि राजीव नयन मिश्रा द्वारा ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने के लालच में पेपर को अपने गैंग के अन्य सदस्यों के साथ ही उन लोगों को भी परीक्षा का प्रश्नपत्र भेजा गया था. आरोपियों ने बताया कि उन लोगों ने भी प्रत्येक अभ्यर्थी से 12-12 लाख रुपये में सौदा तय किया था. इसके साथ ही उसने एडवांस के रूप में अभ्यर्थियों से रुपये भी ले लिए थे. उसी बीच एक दूसरे तक पेपर पहुंचाने के दौरान पेपर सोशल मीडिया में लीक हो गया था. यही नहीं इन आरोपियों ने पूछताछ के दौरान यह भी बताया कि यूपी सिपाही भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों को मध्य प्रदेश के एक रिसोर्ट रीवा में पेपर पढ़वाने के लिए अपनी गाड़ी से लेकर गए थे. इसके साथ ही उस कार्य के बदले रिसॉर्ट के मालिक को भी 5 लाख रुपये दिए गए थे.
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