शिमला: कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल हुए सुधीर शर्मा ने कहा कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में पहली बार दल बदला है. सुधीर ने कहा कि जब तक वे जिंदा हैं, भाजपा में रहेंगे. साथ ही ये भी कहा कि भाजपा में कार्यकर्ता बनकर राष्ट्र निर्माण के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की नीतियों को आगे बढ़ाने में अपनी हैसियत के अनुसार योगदान देंगे. शनिवार दोपहर बाद कांग्रेस से बगावत करने वाले छह नेताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया. दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में उन्हें विधिवत रूप से पार्टी की सदस्यता देकर शामिल किया गया. इस मौके पर हिमाचल भाजपा के अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने सभी का परिचय करवाते हुए उन्हें भाजपा में शामिल होने पर बधाई दी.
'कई बार अपमानित कर आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाई'
इस अवसर पर सुधीर शर्मा ने कहा कि वे स्वेच्छा से भाजपा में शामिल हुए हैं. सुधीर शर्मा ने इस दौरान कांग्रेस पार्टी और हाईकमान पर गंभीर आरोप लगाए. सुधीर शर्मा ने कहा कि प्रदेश की जनता के मन में कई सवाल थे कि हम लोगों ने ये कदम क्यों उठाया? सुधीर ने कहा कि वे सभी चुनाव में हिमाचल के विकास के मुद्दे पर चुनकर आए थे. उन्हें बार-बार अपमानित किया गया और आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाई गई. सुधीर शर्मा ने कहा कि जब निरंतर किसी के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाई जाए तो यही परिणाम होता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास कोई विजन ही नहीं रहा है. यही कारण है कि पार्टी का विघटन हो रहा है. कांग्रेस सिर्फ एक काम करती है और वो काम है पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना करना. कांग्रेस को ये पता ही नहीं है कि उन्होंने करना क्या है.
मनु सिंघवी को राज्यसभा उम्मीदवार बनाने पर उठाया सवाल
सुधीर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने उस अभिषेक मनु सिंघवी को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया, जो राम मंदिर से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट में दूसरे पक्ष में खड़े थे. सुधीर ने कहा कि उन्होंने अपनी मर्जी से हर्ष महाजन को वोट डाला. राज्यसभा चुनाव में दिखाकर मतदान करना होता है. उन्होंने अपने प्रदेश के नेता को वोट डाला है. सुधीर ने दोहराया कि वे भाजपा में रहेंगे और निष्ठा से कार्यकर्ता के रूप में काम करेंगे.
सुक्खू सरकार से थे पूर्व विधायक नाराज
उल्लेखनीय है कि सुधीर शर्मा कांग्रेस से चार बार विधायक रहे हैं. वे वीरभद्र सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. उनके पिता पंडित संतराम हिमाचल कांग्रेस के एक बड़े नेता रहे हैं. वे कैबिनेट मंत्री रहे हैं और वीरभद्र सिंह सरकार में कद्दावर नेता माने जाते थे. सुधीर शर्मा अगली पीढ़ी के युवा कांग्रेस नेता थे. इस बार जीतकर आने के बाद उन्हें सुखविंदर सरकार में मंत्री पद नहीं मिला. सुधीर शर्मा सहित अन्य विधायक अपनी ही पार्टी से नाराज चल रहे थे. राज्यसभा चुनाव में उन्होंने अपनी नाराजगी को साफ व्यक्त करते हुए भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया. फिलहाल, सुधीर शर्मा बाकी नेताओं के साथ अब भाजपा में शामिल हो गए हैं.