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वॉट्सऐप पर मिला है शादी का इंविटेशन, तो हो जाएं सावधान, कार्ड पर क्लिक करने की गलती पड़ सकती है भारी - FAKE WEDDING INVITATIONS

शादी के सीजन का फायदा उठाते हुए स्कैमर्स यूजर्स शादी के इंविटेशन भेज रहे हैं और उनकी निजी जानकारी हासिल कर लेते हैं.

ऑनलाइन स्कैम
ऑनलाइन स्कैम (Getty Images)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 27, 2024, 5:47 PM IST

नई दिल्ली: भारत में शादियों का सीजन चल रहा है. ऐसे में स्कैमर्स एक्टिव हो गए हैं और इसका फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं. हाल ही में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां स्कैमर्स ने शादी के फर्जी इनविटेशन भेजकर लोगों का मोबाइल हैक कर लिया और फिर उनके साथ धोखाधड़ी की.

शादी के सीजन का फायदा उठाते हुए स्कैमर्स यूजर्स शादी के इंविटेशन की एक फर्जी पीडीएफ फाइल भेज रहे हैं और उनकी निजी जानकारी हासिल कर लेते हैं. इन फाइलों को अक्सर वॉट्सऐप या ईमेल के जरिए शेयर किया जाता है. यह फाइलें डिवाइस में घुसपैठ करने के लिए डिजाइन किए गए मैलवेयर से लैस होती हैं.

कैसे लोगों को निशाना बनाते हैं स्कैमर्स
लोगों से धोखाधड़ी करने के लिए स्कैमर्स लोगों को वॉट्सऐप, ईमेल और मैसेज पर APK फाइल भेजते हैं. यूजर्स निमंत्रण के साथ आई APK को बेझिझक डाउनलोड कर लेते हैं. ये मैलवेयर APK फाइलें पीड़ित के फोन पर पूरा नियंत्रण कर सकती हैं, जिससे हमलावरों को नेट बैंकिंग, वॉट्सऐप और एसएमएस जैसे संवेदनशील ऐप तक एक्सेस मिल जाता है. इतना ही नहीं स्कैमर्स इन फाइलों के जरिए OTP को भी इंटरसेप्ट कर सकते हैं, जिससे वे बैंक अकाउंट को खाली कर सकते हैं.

वेंडिग इंविटेशन कार्ड स्कैम से कैसे बचें
वेंडिग इंविटेशन कार्ड स्कैम से बचने के लिए मैलवेयर सुरक्षा ऐप इंस्टॉल करें और अनचाही फाइलों या लिंक पर क्लिक करने से बचें. इससे आप स्कैम के रिस्क को कम कर सकते हैं. अनजान सोर्स से आने वाली फाइलों, विशेष रूप से APK फॉर्मेट में आने वाली फाइलों से सावधान रहें.

इससे बचने के लिए अनजान नंबर से आए मैसेज को नजरअंदाज करें. साथ ही किसी भी अनजान नंबर से आई फाइल को डाउनलोड न करें. स्कैम से सुरक्षित रहने के लिए बिना चेक किए वीडियो या खोलने की कोशिश ना करें.

भारत में साइबर अपराध के बढ़ते मामले
हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में इस तरह के कई मामले सामने आए है. इसके चलते इन राज्यों के अधिकारियों ने अनचाहे शादी के कार्ड की फाइलें खोलने के खिलाफ तत्काल चेतावनी जारी की है. भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के अनुसार 2024 के पहले चार महीनों में ही ऑनलाइन घोटालों में 1,750 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ.

यह भी पढ़ें- अब करना होगा OTP का इंतजार, जानिए 1 दिसंबर से सभी टेलिकॉम कस्टमर्स पर क्या होगा असर

नई दिल्ली: भारत में शादियों का सीजन चल रहा है. ऐसे में स्कैमर्स एक्टिव हो गए हैं और इसका फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं. हाल ही में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां स्कैमर्स ने शादी के फर्जी इनविटेशन भेजकर लोगों का मोबाइल हैक कर लिया और फिर उनके साथ धोखाधड़ी की.

शादी के सीजन का फायदा उठाते हुए स्कैमर्स यूजर्स शादी के इंविटेशन की एक फर्जी पीडीएफ फाइल भेज रहे हैं और उनकी निजी जानकारी हासिल कर लेते हैं. इन फाइलों को अक्सर वॉट्सऐप या ईमेल के जरिए शेयर किया जाता है. यह फाइलें डिवाइस में घुसपैठ करने के लिए डिजाइन किए गए मैलवेयर से लैस होती हैं.

कैसे लोगों को निशाना बनाते हैं स्कैमर्स
लोगों से धोखाधड़ी करने के लिए स्कैमर्स लोगों को वॉट्सऐप, ईमेल और मैसेज पर APK फाइल भेजते हैं. यूजर्स निमंत्रण के साथ आई APK को बेझिझक डाउनलोड कर लेते हैं. ये मैलवेयर APK फाइलें पीड़ित के फोन पर पूरा नियंत्रण कर सकती हैं, जिससे हमलावरों को नेट बैंकिंग, वॉट्सऐप और एसएमएस जैसे संवेदनशील ऐप तक एक्सेस मिल जाता है. इतना ही नहीं स्कैमर्स इन फाइलों के जरिए OTP को भी इंटरसेप्ट कर सकते हैं, जिससे वे बैंक अकाउंट को खाली कर सकते हैं.

वेंडिग इंविटेशन कार्ड स्कैम से कैसे बचें
वेंडिग इंविटेशन कार्ड स्कैम से बचने के लिए मैलवेयर सुरक्षा ऐप इंस्टॉल करें और अनचाही फाइलों या लिंक पर क्लिक करने से बचें. इससे आप स्कैम के रिस्क को कम कर सकते हैं. अनजान सोर्स से आने वाली फाइलों, विशेष रूप से APK फॉर्मेट में आने वाली फाइलों से सावधान रहें.

इससे बचने के लिए अनजान नंबर से आए मैसेज को नजरअंदाज करें. साथ ही किसी भी अनजान नंबर से आई फाइल को डाउनलोड न करें. स्कैम से सुरक्षित रहने के लिए बिना चेक किए वीडियो या खोलने की कोशिश ना करें.

भारत में साइबर अपराध के बढ़ते मामले
हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में इस तरह के कई मामले सामने आए है. इसके चलते इन राज्यों के अधिकारियों ने अनचाहे शादी के कार्ड की फाइलें खोलने के खिलाफ तत्काल चेतावनी जारी की है. भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के अनुसार 2024 के पहले चार महीनों में ही ऑनलाइन घोटालों में 1,750 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ.

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