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सुधीर के तीखे तीर, नौ विधायक अपने फैसले पर अडिग, सियासी संकट के लिए सीएम सुक्खू जिम्मेदार, इस्तीफा देकर जनता दरबार में जाएं

Sudhir Sharma on CM Sukhvinder Singh Sukhu: सुधीर शर्मा ने एक बार फिर से मौजूदा हालात के लिए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को जिम्मेदार ठहराते हुए उनपर कई आरोप जड़े हैं. साथ ही सुखविंदर सुक्खू से इस्तीफे की मांग की है.

सीएम सुक्खू और सुधीर शर्मा
सीएम सुक्खू और सुधीर शर्मा
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Mar 9, 2024, 12:59 PM IST

शिमला: राज्यसभा सीट के लिए क्रॉस वोट करने वाले विधायक अपने बगावती तेवरों पर कायम हैं. विधानसभा चुनाव 2022 में धर्मशाला से चुन कर आए सुधीर शर्मा (स्पीकर के फैसले के बाद फिलहाल विधानसभा सदस्यता बर्खास्त) ने हिमाचल के मौजूदा सियासी घटनाक्रम पर एक बार फिर से अपनी प्रतिक्रिया दी है. सुधीर शर्मा ने इस बार सीधे-सीधे सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू पर एक साथ कई आरोपों के तीर छोड़े हैं

'इस्तीफा दें सीएम सुक्खू'

सुधीर शर्मा ने कहा कि हिमाचल में जो हालात बने हैं, उसके लिए सीएम सुखविंदर सिंह और उनके मित्र जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू में यदि जरा सी भी नैतिकता है तो इस्तीफा देकर जनता के दरबार में जाएं. सुधीर शर्मा ने कहा कि नौ विधायकों का न तो कोई अपहरण हुआ है और न ही वे सीएम की तरफ से दिए जा रहे प्रलोभनों में आएंगे. सुधीर शर्मा ने तंज कसा कि जो लोग पंच तक का चुनाव नहीं लड़ सकते थे, उन्हें कैबिनेट रैंक दिया गया है.

मीडिया को जारी प्रतिक्रिया में सुधीर शर्मा ने कहा कि राज्यसभा सीट पर मतदान को लेकर नौ विधायकों ने जो रुख अपनाया, उसने कांग्रेस सरकार और दिल्ली में बैठी हाईकमान को सोचने पर मजबूर कर दिया है. जब विधायकों के काम ही नहीं हो रहे थे तो उनके विधायक बने रहने का क्या लाभ था. सुधीर शर्मा ने दावा किया कि सीएम अब विधायकों के परिवार वालों से संपर्क कर रहे हैं. अफसर विधायकों के पास जाकर उनकी मिन्नतें कर रहे हैं. एक के बाद एक सियासी झटके खाने के बाद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू अब जल्दी-जल्दी कैबिनेट बुलाकर फैसले कर रहे हैं. अब सरकारी खजाने की चिंता क्यों नहीं हो रही ? कारण ये है कि मामला अब अपनी कुर्सी तक आ गया है.

'हिमाचल में सबसे अलोकप्रिय सरकार'

सुधीर शर्मा ने बड़ा आरोप लगाया कि जो नेता 43 (चालीस कांग्रेस सदस्य और तीन निर्दलीय) को साथ नहीं रख पाया, प्रदेश का दौरा नहीं कर सका, कार्यकर्ता से नहीं मिल सका, जिसने भू और माइनिंग माफिया को संरक्षण दिया, जिसके शासन में उद्योग पलायन कर गए, अफसर तानाशाह बन गए, विधायक भटकते रहे, उसे राज्यसभा चुनाव के नतीजे के बाद खुद ही इस्तीफा दे देना चाहिए था. सुधीर ने कहा कि नौ विधायक अपनी इच्छा से प्रदेश और राष्ट्र हित में साथ हैं. इस समय जो ईमान की बातें कर रहे हैं, उनके बारे में जल्दी खुलासे होंगे. मामला सुप्रीम कोर्ट में है और जीत सत्य की होगी.

सुधीर ने दावा किया कि हिमाचल में अब तक की सबसे अलोकप्रिय सरकार है. अनुभवहीन लोगों और नौसिखियों के कारण ये माहौल बना है. सुधीर ने ये भी मांग की है कि जो लोग सीएम के कहने पर खरीद-फरोख्त की बात कर रहे हैं, केंद्रीय जांच एजेंसियों को उनकी जांच कर एक्शन लेना चाहिए. सुधीर शर्मा ने ये प्रतिक्रिया मीडिया में एक संदेश के जरिए भेजी है. उल्लेखनीय है कि हरियाणा के ललित होटल में काफी समय बिताने के बाद अब नौ विधायक उत्तराखंड के ऋषिकेश में एक निजी होटल में ठहरे हैं. उधर, सोमवार को इनकी तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई होने के आसार हैं. उसके बाद ही हिमाचल की सियासत का अगला रुख स्पष्ट होगा.

ये भी पढ़ें: देहरादून नहीं ऋषिकेश शिफ्ट किए गए कांग्रेस के बागी नेता, सीएम सुक्खू ने जताई चिंता

शिमला: राज्यसभा सीट के लिए क्रॉस वोट करने वाले विधायक अपने बगावती तेवरों पर कायम हैं. विधानसभा चुनाव 2022 में धर्मशाला से चुन कर आए सुधीर शर्मा (स्पीकर के फैसले के बाद फिलहाल विधानसभा सदस्यता बर्खास्त) ने हिमाचल के मौजूदा सियासी घटनाक्रम पर एक बार फिर से अपनी प्रतिक्रिया दी है. सुधीर शर्मा ने इस बार सीधे-सीधे सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू पर एक साथ कई आरोपों के तीर छोड़े हैं

'इस्तीफा दें सीएम सुक्खू'

सुधीर शर्मा ने कहा कि हिमाचल में जो हालात बने हैं, उसके लिए सीएम सुखविंदर सिंह और उनके मित्र जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू में यदि जरा सी भी नैतिकता है तो इस्तीफा देकर जनता के दरबार में जाएं. सुधीर शर्मा ने कहा कि नौ विधायकों का न तो कोई अपहरण हुआ है और न ही वे सीएम की तरफ से दिए जा रहे प्रलोभनों में आएंगे. सुधीर शर्मा ने तंज कसा कि जो लोग पंच तक का चुनाव नहीं लड़ सकते थे, उन्हें कैबिनेट रैंक दिया गया है.

मीडिया को जारी प्रतिक्रिया में सुधीर शर्मा ने कहा कि राज्यसभा सीट पर मतदान को लेकर नौ विधायकों ने जो रुख अपनाया, उसने कांग्रेस सरकार और दिल्ली में बैठी हाईकमान को सोचने पर मजबूर कर दिया है. जब विधायकों के काम ही नहीं हो रहे थे तो उनके विधायक बने रहने का क्या लाभ था. सुधीर शर्मा ने दावा किया कि सीएम अब विधायकों के परिवार वालों से संपर्क कर रहे हैं. अफसर विधायकों के पास जाकर उनकी मिन्नतें कर रहे हैं. एक के बाद एक सियासी झटके खाने के बाद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू अब जल्दी-जल्दी कैबिनेट बुलाकर फैसले कर रहे हैं. अब सरकारी खजाने की चिंता क्यों नहीं हो रही ? कारण ये है कि मामला अब अपनी कुर्सी तक आ गया है.

'हिमाचल में सबसे अलोकप्रिय सरकार'

सुधीर शर्मा ने बड़ा आरोप लगाया कि जो नेता 43 (चालीस कांग्रेस सदस्य और तीन निर्दलीय) को साथ नहीं रख पाया, प्रदेश का दौरा नहीं कर सका, कार्यकर्ता से नहीं मिल सका, जिसने भू और माइनिंग माफिया को संरक्षण दिया, जिसके शासन में उद्योग पलायन कर गए, अफसर तानाशाह बन गए, विधायक भटकते रहे, उसे राज्यसभा चुनाव के नतीजे के बाद खुद ही इस्तीफा दे देना चाहिए था. सुधीर ने कहा कि नौ विधायक अपनी इच्छा से प्रदेश और राष्ट्र हित में साथ हैं. इस समय जो ईमान की बातें कर रहे हैं, उनके बारे में जल्दी खुलासे होंगे. मामला सुप्रीम कोर्ट में है और जीत सत्य की होगी.

सुधीर ने दावा किया कि हिमाचल में अब तक की सबसे अलोकप्रिय सरकार है. अनुभवहीन लोगों और नौसिखियों के कारण ये माहौल बना है. सुधीर ने ये भी मांग की है कि जो लोग सीएम के कहने पर खरीद-फरोख्त की बात कर रहे हैं, केंद्रीय जांच एजेंसियों को उनकी जांच कर एक्शन लेना चाहिए. सुधीर शर्मा ने ये प्रतिक्रिया मीडिया में एक संदेश के जरिए भेजी है. उल्लेखनीय है कि हरियाणा के ललित होटल में काफी समय बिताने के बाद अब नौ विधायक उत्तराखंड के ऋषिकेश में एक निजी होटल में ठहरे हैं. उधर, सोमवार को इनकी तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई होने के आसार हैं. उसके बाद ही हिमाचल की सियासत का अगला रुख स्पष्ट होगा.

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