बलौदाबाजार : छत्तीसगढ़ में सरकार ने मातृत्व शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों की मदद से रेडी टू ईट योजना शुरु की.जिसमें गर्भवती महिलाओं को अच्छी सेहत के लिए पौष्टिक आहार निशुल्क बांटा जाता है. इस योजना का मकसद सिर्फ इतना था कि जो माताएं आर्थिक तंगी झेल रही हैं कम से कम उन्हें गर्भावस्था में पोषण आहार मिल सके.ताकि जच्चा और बच्चा दोनों ही स्वस्थ्य हो.लेकिन इस योजना का बलौदाबाजार जिले में हाल ये है कि जो फूड गर्भवती माताओं को मिलना चाहिए,वो पशुओं का आहार बन रहा है.यानी रेडी टू ईट के पैकेट्स पशु आहार केंद्र में धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं.जिसे खाकर पशु अपना वजन बढ़ा रहे.
शिकायत के बाद हुई कार्रवाई : आंगनबाड़ी केंद्र में मिलने वाले रेडी टू ईट फूड की जानकारी जिम्मेदारों से की गई, तो उनकी नींद टूटी. शिकायत होने पर महिला एवं बाल विकास विभाग के अफसरों ने संबंधित पशु आहार केंद्र से 11 रेडी टू ईट फूड पैकेट की जब्ती की. आपको बता दें कि रेडी टू ईट फूट के पैकेट में साफ तौर पर निर्देशित है कि इसे खरीदा या बेचा जाना दंडनीय अपराध है.फिर भी ये पैकैट्स पशु आहार केंद्र तक कैसे पहुंचे ये जांच का विषय है.
क्या है शिकायतकर्ता के आरोप ? : भाटापारा के रहने वाले शिकायतकर्ता सुरेश अग्रवाल का कहना है कि उन्होंने तीन माह पहले रेडी टू ईट फूड भाटापारा के बाजार में बिकने की शिकायत की थी.उन्होंने पांच पैकेट फूड बैच नंबर के साथ विभाग को दिया, लेकिन ना तो उस पर कोई जांच हुई और ना ही कोई कार्रवाई की गई. बाद में फिर उन्होंने शिकायत की तब भाटापारा के अग्रवाल पशु आहार केंद्र से विभाग के जिला अधिकारी आदित्य शर्मा ने 11 पैकेट फूड जब्त किया. जिसमें शिशु आहार, बाल आहार और महतारी आहार मिला था.
''जिस दुकान में जब्ती की कार्रवाई की गई उस दुकान में कार्रवाई के समय कम से कम 70 पैकेट फूड मौजूद था. अधिकारियों ने लेनदेन कर अपनी कार्रवाई में कम पैकेट की जब्ती दिखाई है.''- सुरेश अग्रवाल शिकायतकर्ता
कैसे पकड़ाएंगे जिम्मेदार ? : इस मामले में हैरान करने वाली बात ये है कि अधिकारियों के पैकेट्स जब्त करने के बाद भी मामले की शिकायत पुलिस से नहीं की गई है.यही नहीं खुद भी अब तक अफसरों ने रिपोर्ट बनाकर कलेक्टर को नहीं सौंपी है.ऐसे में अब आरोप लग रहे हैं कि अधिकारी ही पशु आहार की दुकान चलाने वाले संचालक को बचाने की कोशिश कर रहे हैं.इस पूरे मामले की जानकारी जब ईटीवी भारत को लगी तो महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी टिकवेंद्र जाटवार से सवाल पूछा गया.जिसमें जवाब मिला कि संबंधित मामले को थाने में भेजा जा रहा है. वहीं कलेक्टर केएल चौहान ने इस पूरे मामले की जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी से लेने का आश्वासन दिया है.