लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के अवध बार एसोसिएशन के नव निर्वाचित अध्यक्ष आरडी शाही का कहना है कि उनकी प्राथमिकता है कि बार की ओर से यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाए कि जो मुकदमे सूचीबद्ध होते हैं, वे सभी सुनवाई के लिए टेक अप हों. अथवा कम से कम उनमें कोई तिथि नियत कर दी जाए. उन्होंने कहा कि बार न्यायाधीशों के रोस्टर के सम्बंध में भी सुधार को प्राथमिकता देगा. सिविल के जानकार जज सिविल मुकदमे सुनें और क्रिमिनल के क्रिमिनल.
उल्लेखनीय है कि बुधवार/गुरूवार को मध्य रात्रि में अवध बार के चुनाव परिणाम आए. जिसमें अध्यक्ष पद पर आरडी शाही ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सुभाष चंद्र मिश्रा को 387 मतों से पराजित किया. महासचिव पद पर मनोज कुमार द्विवेदी ने कांटे के मुकाबले में जीत दर्ज की, उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बालकेश्वर श्रीवास्तव को मात्र 38 वोटों से पराजित किया. इसी प्रकार वरिष्ठ उपाध्यक्ष के पद पर राम उजागिर पांडेय विजयी रहे. उपाध्यक्ष मध्य के दो पदों पर प्रतिभान यादव व आशीष कुमार मिश्रा तथा कनिष्ठ उपाध्यक्ष के पद पर गणेश नाथ मिश्रा निर्वाचित हुए. संयुक्त सचिव के तीन पदों पर देवकी नंदन पाण्डेय, ज्ञान सागर गुप्ता व अम्बरीष कुमार द्विवेदी विजयी घोषित किए गए। कोषाध्यक्ष का पद सुधाकर मिश्रा के खाते में गया. वरिष्ठ कार्यकारिणी के छह पदों पर अल्पना श्रीवास्तव, देवी प्रसाद सिंह, मनोज कुमार साहू, अयोध्या प्रसाद शुक्ला, आनंद अवस्थी व प्रतिभा अग्निहोत्री ने जीत दर्ज की. जूनियर कार्यकारिणी के छह पदों पर शोभा राजपूत, अंकित कुमार यादव, नेहा सिंह, अखिलेशा नंद पांडेय, अंशुमान पांडे और कमलेश कुमार गुप्ता विजयी घोषित किए गए.
सपा विधायक पर लगा पांच हजार का हर्जाना, याचिका की सुनवाई टालने का किया था अनुरोध
लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने समाजवादी पार्टी से प्रतापगढ़ के रानीगंज क्षेत्र के विधायक राकेश कुमार वर्मा पर पांच हजार रुपये का हर्जाना लगाया है. यह आदेश न्यायमूर्ति आलोक माथुर की एकल पीठ ने रानीगंज से ही भाजपा प्रत्याशी रहे अभय कुमार उर्फ धीरज ओझा की निर्वाचन याचिका पर पारित किया है.
दरअसल, अभय कुमार ने राकेश कुमार वर्मा के 2022 विधानसभा चुनाव में रानीगंज से विधायक निर्वाचित किए जाने को हाईकोर्ट में चुनौती दी हुई है. उनकी ओर से अधिवक्ता कुलदीप पति त्रिपाठी ने दलील दी है कि राकेश कुमार वर्मा ने अपने हलफनामे में आपराधिक इतिहास की जानकारी छिपाई है, साथ ही उम्र सम्बंधी तथ्य भी गलत लिखे गए हैं. गुरूवार को मामला जब सुनवाई के लिए पेश हुआ तो राकेश कुमार वर्मा के अधिवक्ता की ओर से सुनवाई टालने की मांग की गई. जिसका अभय कुमार के अधिवक्ता ने विरोध किया. न्यायालय ने पाया कि पूर्व में कई अवसरों पर भी राकेश कुमार वर्मा की ओर से सुनवाई टालने का अनुरोध किया जा चुका है. इस पर न्यायालय ने पांच हजार रुपये हर्जाने के साथ अनुरोध को स्वीकार कर लिया है.
इसे भी पढ़ें-भ्रष्टाचार एवं रिश्वत के आरोपी दरोगा की बर्खास्तगी हाईकोर्ट ने की निरस्त