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अजमेर में रावण दहन: रघुनाथजी के बाण से हुआ दंभी रावण का अंत, चंद सैकंडों में जल गया पुतला

अजमेर में रावण दहन धूमधाम से हुआ. इससे पहले शहर के रघुनाथजी मंदिर से भगवान राम की सवारी निकली, जो पटेल स्टेडियम पहुंची.

Ravana Dahan In Ajmer
रघुनाथजी के बाण से हुआ दंभी रावण का अंत, चंद सैकंडों में जल गया पुतला (Photo ETV Bharat Ajmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 12, 2024, 9:36 PM IST

अजमेर: अजमेर में विजयदशमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. पटेल स्टेडियम में रावण कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों का दहन किया गया. शहर के अंदरूनी क्षेत्र घसेटी स्थित भगवान श्रीरघुनाथजी के मंदिर से सवारी पटेल स्टेडियम तक राजसी ठाठ बाट के साथ पहुंची. यहां श्रीराम बने कलाकार ने अहंकार रूपी रावण का वध किया. इससे पहले रामलीला के कलाकारों ने लंका दहन और राम रावण युद्ध का भी मंचन किया. रावण दहन देखने हजारों लोग आए. स्टेडियम में जगह की कमी हर किसी को खलती नजर आई. स्टेडियम के भीतर फेंसिंग लगी हुई थी. लिहाजा, लोगों ने स्टेडियम के चारों ओर बनी सीढ़ियों पर बैठकर रावण दहन देखा.

दशहरा महोत्सव के तहत सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए. उसके बाद जब भगवान श्रीरघुनाथजी की सवारी पटेल स्टेडियम पहुंची तो जय श्री सियाराम के जयकारों से स्टेडियम गूंज उठा. चांदी की पालकी में भगवान राम अपनी मां जानकी के साथ रावण के अहंकार का मर्दन करने पहुंचे. इससे पहले घसीटी क्षेत्र स्थित श्रीरघुनाथजी मंदिर से शोभायात्रा का आयोजन हुआ. सवारी पर रास्ते में जगह-जगह फूल बरसाए गए. देर शाम श्रीरघुनाथजी की सवारी पटेल स्टेडियम पहुंची. सवारी के साथ रामलीला के कलाकार भी थे.

अजमेर में रावण दहन (ETV Bharat Ajmer)

पढ़ें: स्वर्णनगरी में हर्षोल्लासपूर्वक मनाया गया दशहरा, रावण के पुतलों का किया दहन

पटेल स्टेडियम में वीर हनुमान ने सबसे पहले लंका का दहन किया. इस दौरान राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, अजमेर दक्षिण से विधायक अनीता भदेल, मेयर ब्रजलता हाड़ा, नगर निगम में प्रतिपक्ष नेता द्रोपदी कोली समेत भी मौजूद रहे. इसके बाद मेघनाथ का लक्ष्मण के बाण से अंत हुआ. कुंभकरण का वध श्रीराम बने कलाकार ने अपने बाण से किया. रामलीला के कलाकारों ने राम और रावण युद्ध का मंचन किया. इसके बाद भगवान राम बने कलाकार ने रावण की नाभि पर अग्निबाण छोड़ा. रावण का पुतला चंद सेकंड में धरती पर आ गिरा. इस बार नगर निगम की ओर से रावण दहन के बाद आतिशबाजी नहीं की गई. रघुनाथ मंदिर से निकली सवारी के साथ ही धनुष बाण भी आते हैं. इससे ही रावण का दहन होता है. सवारी की यह परम्परा ढाई सौ वर्ष पुरानी है.

यह भी पढ़ें:मेहंदीपुर बालाजी में दशहरे पर उमड़ा जनसैलाब, महंत नरेशपुरी ने दी यज्ञ में आहुति

हमारे भीतर मौजूद अहंकार का अंत जरूरी: इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, अजमेर दक्षिण से विधायक अनीता भदेल और राजस्थान देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष ओमप्रकाश भडाणा भी थे. रावण दहन के बाद उन्होंने रघुनाथजी की आरती की. देवनानी ने कहा कि सही मायने में जब तक हमारे भीतर अहंकार का अंत नहीं होगा, तब तक इस पर्व को मनाने की सार्थकता पूर्ण नहीं होगी. लोगों में छल,कपट अहंकार समाप्त हो. देवनानी ने माना कि शहर के बीच रावण दहन करने के लिए अब कोई स्थान नहीं है. हालांकि, उन्होंने नगर निगम का धन्यवाद दिया और कहा कि विपरीत परिस्थितियों के बाद भी नगर निगम ने रावण दहन का आयोजन किया है. अजमेर दक्षिण से विधायक अनीता भदेल ने विचार व्यक्त किए.

अजमेर: अजमेर में विजयदशमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. पटेल स्टेडियम में रावण कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों का दहन किया गया. शहर के अंदरूनी क्षेत्र घसेटी स्थित भगवान श्रीरघुनाथजी के मंदिर से सवारी पटेल स्टेडियम तक राजसी ठाठ बाट के साथ पहुंची. यहां श्रीराम बने कलाकार ने अहंकार रूपी रावण का वध किया. इससे पहले रामलीला के कलाकारों ने लंका दहन और राम रावण युद्ध का भी मंचन किया. रावण दहन देखने हजारों लोग आए. स्टेडियम में जगह की कमी हर किसी को खलती नजर आई. स्टेडियम के भीतर फेंसिंग लगी हुई थी. लिहाजा, लोगों ने स्टेडियम के चारों ओर बनी सीढ़ियों पर बैठकर रावण दहन देखा.

दशहरा महोत्सव के तहत सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए. उसके बाद जब भगवान श्रीरघुनाथजी की सवारी पटेल स्टेडियम पहुंची तो जय श्री सियाराम के जयकारों से स्टेडियम गूंज उठा. चांदी की पालकी में भगवान राम अपनी मां जानकी के साथ रावण के अहंकार का मर्दन करने पहुंचे. इससे पहले घसीटी क्षेत्र स्थित श्रीरघुनाथजी मंदिर से शोभायात्रा का आयोजन हुआ. सवारी पर रास्ते में जगह-जगह फूल बरसाए गए. देर शाम श्रीरघुनाथजी की सवारी पटेल स्टेडियम पहुंची. सवारी के साथ रामलीला के कलाकार भी थे.

अजमेर में रावण दहन (ETV Bharat Ajmer)

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पटेल स्टेडियम में वीर हनुमान ने सबसे पहले लंका का दहन किया. इस दौरान राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, अजमेर दक्षिण से विधायक अनीता भदेल, मेयर ब्रजलता हाड़ा, नगर निगम में प्रतिपक्ष नेता द्रोपदी कोली समेत भी मौजूद रहे. इसके बाद मेघनाथ का लक्ष्मण के बाण से अंत हुआ. कुंभकरण का वध श्रीराम बने कलाकार ने अपने बाण से किया. रामलीला के कलाकारों ने राम और रावण युद्ध का मंचन किया. इसके बाद भगवान राम बने कलाकार ने रावण की नाभि पर अग्निबाण छोड़ा. रावण का पुतला चंद सेकंड में धरती पर आ गिरा. इस बार नगर निगम की ओर से रावण दहन के बाद आतिशबाजी नहीं की गई. रघुनाथ मंदिर से निकली सवारी के साथ ही धनुष बाण भी आते हैं. इससे ही रावण का दहन होता है. सवारी की यह परम्परा ढाई सौ वर्ष पुरानी है.

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हमारे भीतर मौजूद अहंकार का अंत जरूरी: इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, अजमेर दक्षिण से विधायक अनीता भदेल और राजस्थान देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष ओमप्रकाश भडाणा भी थे. रावण दहन के बाद उन्होंने रघुनाथजी की आरती की. देवनानी ने कहा कि सही मायने में जब तक हमारे भीतर अहंकार का अंत नहीं होगा, तब तक इस पर्व को मनाने की सार्थकता पूर्ण नहीं होगी. लोगों में छल,कपट अहंकार समाप्त हो. देवनानी ने माना कि शहर के बीच रावण दहन करने के लिए अब कोई स्थान नहीं है. हालांकि, उन्होंने नगर निगम का धन्यवाद दिया और कहा कि विपरीत परिस्थितियों के बाद भी नगर निगम ने रावण दहन का आयोजन किया है. अजमेर दक्षिण से विधायक अनीता भदेल ने विचार व्यक्त किए.

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