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स्वर्णनगरी में हर्षोल्लासपूर्वक मनाया गया दशहरा, रावण के पुतलों का किया दहन

जैसलमेर में रावण दहन कार्यक्रम धूमधाम से मनाया गया. यहां विदेशी पर्यटकों ने भी दशहरे का लुत्फ उठाया.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

Updated : 2 hours ago

Ravana Dahan  in Jaisalmer
स्वर्णनगरी में हर्षोल्लासपूर्वक मनाया गया दशहरा (Photo ETV Bharat Jaisalmer)

जैसलमेर/सवाईमाधोपुर: सीमावर्ती जैसलमेर में शनिवार को दशहरा हर्षोल्लासपूर्वक मनाया गया. जिला प्रमुख प्रतापसिंह, विधायक छोटूसिंह भाटी व जिला कलेक्टर प्रतापसिंह ने श्रीराम की भूमिका निभाते हुए अहंकार रूपी रावण का अग्निबाण चलाकर वध किया. रावण के ​साथ कुम्भकरण और मेघनाथ के पुतलों को भी जलाया गया. रावण दहन करीब 18 मिनट तक चला. यह आयोजन स्थानीय शहीद पूनम सिंह स्टेडियम में हुआ.

स्वर्णनगरी में हर्षोल्लासपूर्वक मनाया गया दशहरा (Photo ETV Bharat Jaisalmer)

इस दौरान बड़ी संख्या में बच्चे,बुजुर्ग, महिला और पुरुष शामिल हुए. जोरदार आतिशबाजी से स्वर्णनगरी का आसमान रंगीन हो गया. इस मौके पर सभापति हरिवल्लभ कल्ला, जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी, भाजपा जिलाध्यक्ष चंद्रप्रकाश शारदा व नगर परिषद आयुक्त लजपाल सिंह सहित प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे. इस मौके पर बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटकों ने भी रावण दहन का आनंद उठाया.

पढ़ें: मेहंदीपुर बालाजी में दशहरे पर उमड़ा जनसैलाब, महंत नरेशपुरी ने दी यज्ञ में आहुति

1984 से शुरू हुई रावण दहन की परम्परा: गौरतलब है कि जैसलमेर में रावण दहन की परंपरा नहीं थी. जानकारों के अनुसार यहां 1984 में रावण दहन की परंपरा शुरू हुई. शुरुआत में व्यास बगेची के आगे रावण दहन होता था. उसके बाद से पूनम स्टेडियम में रावण दहन शुरू हुआ, तब से यह परंपरा जारी है.

पहले भैंसे की ​बलि चढ़ाते थे: बुजुर्गों के अनुसार यहां के राजा शक्ति के उपासक थे. पहले यह पर्व तीन दिन तक चलता था. दशहरे पर चैनपुरा मोहल्ले के उत्तर में बने बुर्ज में राजा का सिंहासन लगता था. जैसलमेर का दशहरा पर्व हर बार अष्टमी से शुरू होता था. अष्टमी को बकरे की और 9वीं को भैंसे की बलि चढ़ाई जाती थी. यह आयोजन दुर्ग के चौक में होते थे.

सवाईमाधोपुर में कृषि मंत्री डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने की राम लक्ष्मण जानकी की पूजा: इधर, सवाईमाधोपुर जिले में विजयदशमी पर्व धूमधाम से मनाया गया. दशहरा मैदान एवं शहर के रामलीला मैदान में रावण दहन किया गया. बजरिया स्थित मानटाउन रामलीला मैदान से भगवान श्रीराम की शोभायात्रा निकाली गई जो शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए दशहरा मैदान पहुंची. शोयात्रा में श्रीराम,लक्ष्मण,सीता, हनुमान, रावण और मेघनाद की सजीव झांकिंयां सजाई गई. शोभायात्रा में अखाड़ेबाजों ने हेरतअंगेज कलाओं का प्रदर्शन किया. शहर के दशहरा मैदान पर रावण दहन हुआ. रावण दहन से पूर्व कृषि मंत्री डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा ने श्रीराम, लक्ष्मण, माता सीता और हनुमानजी की पूजा अर्चना की. सवाईमाधोपुर में नगर परिषद की ओर से तीन दिवसीय विजय दशमी महोत्सव आयोजित किया जा रहा है.

जैसलमेर/सवाईमाधोपुर: सीमावर्ती जैसलमेर में शनिवार को दशहरा हर्षोल्लासपूर्वक मनाया गया. जिला प्रमुख प्रतापसिंह, विधायक छोटूसिंह भाटी व जिला कलेक्टर प्रतापसिंह ने श्रीराम की भूमिका निभाते हुए अहंकार रूपी रावण का अग्निबाण चलाकर वध किया. रावण के ​साथ कुम्भकरण और मेघनाथ के पुतलों को भी जलाया गया. रावण दहन करीब 18 मिनट तक चला. यह आयोजन स्थानीय शहीद पूनम सिंह स्टेडियम में हुआ.

स्वर्णनगरी में हर्षोल्लासपूर्वक मनाया गया दशहरा (Photo ETV Bharat Jaisalmer)

इस दौरान बड़ी संख्या में बच्चे,बुजुर्ग, महिला और पुरुष शामिल हुए. जोरदार आतिशबाजी से स्वर्णनगरी का आसमान रंगीन हो गया. इस मौके पर सभापति हरिवल्लभ कल्ला, जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी, भाजपा जिलाध्यक्ष चंद्रप्रकाश शारदा व नगर परिषद आयुक्त लजपाल सिंह सहित प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे. इस मौके पर बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटकों ने भी रावण दहन का आनंद उठाया.

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1984 से शुरू हुई रावण दहन की परम्परा: गौरतलब है कि जैसलमेर में रावण दहन की परंपरा नहीं थी. जानकारों के अनुसार यहां 1984 में रावण दहन की परंपरा शुरू हुई. शुरुआत में व्यास बगेची के आगे रावण दहन होता था. उसके बाद से पूनम स्टेडियम में रावण दहन शुरू हुआ, तब से यह परंपरा जारी है.

पहले भैंसे की ​बलि चढ़ाते थे: बुजुर्गों के अनुसार यहां के राजा शक्ति के उपासक थे. पहले यह पर्व तीन दिन तक चलता था. दशहरे पर चैनपुरा मोहल्ले के उत्तर में बने बुर्ज में राजा का सिंहासन लगता था. जैसलमेर का दशहरा पर्व हर बार अष्टमी से शुरू होता था. अष्टमी को बकरे की और 9वीं को भैंसे की बलि चढ़ाई जाती थी. यह आयोजन दुर्ग के चौक में होते थे.

सवाईमाधोपुर में कृषि मंत्री डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने की राम लक्ष्मण जानकी की पूजा: इधर, सवाईमाधोपुर जिले में विजयदशमी पर्व धूमधाम से मनाया गया. दशहरा मैदान एवं शहर के रामलीला मैदान में रावण दहन किया गया. बजरिया स्थित मानटाउन रामलीला मैदान से भगवान श्रीराम की शोभायात्रा निकाली गई जो शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए दशहरा मैदान पहुंची. शोयात्रा में श्रीराम,लक्ष्मण,सीता, हनुमान, रावण और मेघनाद की सजीव झांकिंयां सजाई गई. शोभायात्रा में अखाड़ेबाजों ने हेरतअंगेज कलाओं का प्रदर्शन किया. शहर के दशहरा मैदान पर रावण दहन हुआ. रावण दहन से पूर्व कृषि मंत्री डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा ने श्रीराम, लक्ष्मण, माता सीता और हनुमानजी की पूजा अर्चना की. सवाईमाधोपुर में नगर परिषद की ओर से तीन दिवसीय विजय दशमी महोत्सव आयोजित किया जा रहा है.

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