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किसानों को रास नहीं आई MSP, औने-पौने दाम पर बाजार में लुटाया सोयाबीन

मध्य प्रदेश में 25 अक्टूबर से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की खरीद शुरू हो रही है, लेकिन रतलाम में मात्र 2% रजिस्ट्रेशन हुआ है.

RATLAM SOYBEAN LESS REGISTRATION
रतलाम में सोयाबीन की खरीद (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 23, 2024, 10:30 PM IST

रतलाम: मध्य प्रदेश के सोयाबीन किसान 4892 रुपए प्रति क्विंटल की एमएसपी पर सोयाबीन बेचने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं. जिसके कारण सोयाबीन का गढ़ कहे जाने वाले मालवा क्षेत्र में मात्र 10 फीसदी किसानों ने ही रजिस्ट्रेशन कराया है. वहीं, रतलाम जिले में महज 2 प्रतिशत किसानों ने ही एमएसपी पर फसल बेचने के लिए पंजीयन करवाया है. जबकि मध्य प्रदेश में सोयाबीन की सरकारी खरीद 25 अक्टूबर से शुरू हो रही है. किसान नेताओं का कहना है कि हमें एमएसपी 6000 रुपये प्रति क्विंटल से कम मंजूर नहीं है. छोटे किसान इससे कम दाम पर पहले ही मंडी में अपना सोयाबीन बेच चुके हैं.

मात्र 2 प्रतिशत किसानों का रजिस्ट्रेशन

रतलाम जिले में कुल 2 लाख 44 हजार सोयाबीन उत्पादक किसान हैं. जिसमें से 7846 किसानों ने ही मध्य प्रदेश सरकार को सोयाबीन बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. इतना कम पंजीयन देख किसान नेताओं ने इस मुद्दे को उठाया है. किसान नेता डीपी धाकड़ का कहना है कि, "सोयाबीन उत्पादक किसानों का भरोसा सरकार की खरीदी पर नहीं है. केवल 2 प्रतिशत किसानों ने ही सोयाबीन की फसल बेचने के लिए पंजीयन करवाया है. सरकार का खरीदी को लेकर किसी स्पष्ट नीति नहीं होने के कारण ऐसा हुआ है."

मात्र 2 प्रतिशत किसानों का रजिस्ट्रेशन (ETV Bharat)

25 तारीख से खरीदी शुरू

डीपी धाकड़ ने कहा, "प्रदेश सरकार ने सोयाबीन खरीदने के लिए 25 अक्टूबर की तारीख तय की है. जबकि छोटे और सीमांत किसान पहले ही व्यापारियों को अपनी सोयाबीन की फसल बेच चुके हैं. जबकि बचे हुए किसानों को अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि, किस गुणवत्ता पर सोयाबीन सरकार खरीदेगी और उन्हें सोयाबीन उपार्जन का भुगतान कब तक मिल पाएगा. किसान अगली फसल की तैयारी के लिए 3 हजार से 3500 रुपये प्रति क्विंटल में अपनी फसल बेच रहे हैं."

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किसानों ने नहीं दिखाई रुचि

आपको बता दें कि, रतलाम जिले में इस साल लगभग 2 लाख 84 हजार हेक्टेयर रकबे में सोयाबीन की खेती की गई थी. जिसमें से अभी तक मात्रा 20 हजार 567 हेक्टेयर रकबे की फसल का रजिस्ट्रेशन हुआ है. सरकार 25 अक्टूबर से सोयाबीन की खरीदी शुरू करने जा रही है.

रतलाम: मध्य प्रदेश के सोयाबीन किसान 4892 रुपए प्रति क्विंटल की एमएसपी पर सोयाबीन बेचने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं. जिसके कारण सोयाबीन का गढ़ कहे जाने वाले मालवा क्षेत्र में मात्र 10 फीसदी किसानों ने ही रजिस्ट्रेशन कराया है. वहीं, रतलाम जिले में महज 2 प्रतिशत किसानों ने ही एमएसपी पर फसल बेचने के लिए पंजीयन करवाया है. जबकि मध्य प्रदेश में सोयाबीन की सरकारी खरीद 25 अक्टूबर से शुरू हो रही है. किसान नेताओं का कहना है कि हमें एमएसपी 6000 रुपये प्रति क्विंटल से कम मंजूर नहीं है. छोटे किसान इससे कम दाम पर पहले ही मंडी में अपना सोयाबीन बेच चुके हैं.

मात्र 2 प्रतिशत किसानों का रजिस्ट्रेशन

रतलाम जिले में कुल 2 लाख 44 हजार सोयाबीन उत्पादक किसान हैं. जिसमें से 7846 किसानों ने ही मध्य प्रदेश सरकार को सोयाबीन बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. इतना कम पंजीयन देख किसान नेताओं ने इस मुद्दे को उठाया है. किसान नेता डीपी धाकड़ का कहना है कि, "सोयाबीन उत्पादक किसानों का भरोसा सरकार की खरीदी पर नहीं है. केवल 2 प्रतिशत किसानों ने ही सोयाबीन की फसल बेचने के लिए पंजीयन करवाया है. सरकार का खरीदी को लेकर किसी स्पष्ट नीति नहीं होने के कारण ऐसा हुआ है."

मात्र 2 प्रतिशत किसानों का रजिस्ट्रेशन (ETV Bharat)

25 तारीख से खरीदी शुरू

डीपी धाकड़ ने कहा, "प्रदेश सरकार ने सोयाबीन खरीदने के लिए 25 अक्टूबर की तारीख तय की है. जबकि छोटे और सीमांत किसान पहले ही व्यापारियों को अपनी सोयाबीन की फसल बेच चुके हैं. जबकि बचे हुए किसानों को अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि, किस गुणवत्ता पर सोयाबीन सरकार खरीदेगी और उन्हें सोयाबीन उपार्जन का भुगतान कब तक मिल पाएगा. किसान अगली फसल की तैयारी के लिए 3 हजार से 3500 रुपये प्रति क्विंटल में अपनी फसल बेच रहे हैं."

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किसानों ने नहीं दिखाई रुचि

आपको बता दें कि, रतलाम जिले में इस साल लगभग 2 लाख 84 हजार हेक्टेयर रकबे में सोयाबीन की खेती की गई थी. जिसमें से अभी तक मात्रा 20 हजार 567 हेक्टेयर रकबे की फसल का रजिस्ट्रेशन हुआ है. सरकार 25 अक्टूबर से सोयाबीन की खरीदी शुरू करने जा रही है.

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