रतलाम. मामले का खुलासा होने के बाद निगम आयुक्त को शासन ने निलंबित कर दिया था. इसके बाद उज्जैन लोकायुक्त पुलिस ने करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी के धोखाधड़ी के इस मामले में निगम आयुक्त, उपायुक्त, उप पंजीयक सहित प्लॉट खरीदने वाले भूमाफियाओं के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर किया है. कहा जा रहा है कि इस मामले में कई और बड़े नाम भी सामने आ सकते हैं.
क्या है फर्जी रजिस्ट्री का मामला?
दरअसल, कुछ समय पहले तत्कालीन निगम आयुक्त अखिलेश गहरवार, उपायुक्त विकास सोलंकी और उप पंजीयक प्रसन्न गुप्ता ने भू माफियाओं से साठगांठ करके सिविक सेंटर स्थित 27 प्लॉट की नियम विरुद्ध रजिस्ट्री करवा दी थी. मामले की जानकारी लगने पर निगम सम्मेलन में भाजपा पार्षदों ने सिविक सेंटर के इस फर्जीवाड़े का खुलासा किया था. निगम सम्मेलन में इन फर्जी रजिस्ट्रियों को निरस्त करने का प्रस्ताव पास कर शासन को भी भेजा गया था.
भाजपा ने की थी लोकायुक्त से शिकायत
इस फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद भाजपा पार्षदों ने लोकायुक्त पुलिस उज्जैन से भी इस मामले की शिकायत की थी. इसके बाद मामले में जांच के बाद तत्कालीन निगम आयुक्त, उपायुक्त और उप पंजीयक के विरुद्ध धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया. फिलहाल भ्रष्ट अधिकारियों और भू माफियाओं को गिरफ्तार करने की तैयारी की जा रही है.