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रतलाम में स्कूल-कॉलेजों के बाहर लग रहा खास बॉक्स, इसके खुलते ही मनचले होंगे जेल के अंदर - RATLAM POLICE INSTALL COMPLAINT BOX

रतलाम पुलिस स्कूल-कॉलेजों के बाहर शिकायत पेटियां लगा रही है. इसके जरिये छोटे बच्चे-बच्चियां छेड़खानी और यौन शोषण की शिकायत कर सकेंगी.

RATLAM POLICE INSTALL COMPLAINT BOX
छेड़खानी और यौन शोषण पर रोक लगाने की कोशिश (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 7, 2024, 7:13 PM IST

रतलाम: स्कूल-कॉलेज जाने वाली छात्राओं से छेड़खानी और स्कूली बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए रतलाम पुलिस इन दिनों शिकायत पेटी लगा रही है. शिकायत पेटियों को शैक्षणिक संस्थाओं के बाहर लगाया जा रहा है. छात्राएं और बच्चे अपने साथ होने वाली अभद्रता या किसी समस्या को एक पर्ची में लिखकर शिकायत पेटी में डाल सकते हैं. शिकायतकर्ता छात्र-छात्राओं के नाम को गोपनीय रखा जाएगा. पुलिस द्वारा हर 3-4 दिनों में इन पेटियों को खोला जाएगा और मिली शिकायतों पर कार्रवाई की जाएगी.

छेड़खानी और यौन शोषण पर रोक लगाने की कोशिश

महिलाओं और बच्चों को उनके साथ होने वाले अपराधों की शिकायत के लिए प्रशासन द्वारा कई हेल्पलाइन नंबर संचालित किए जा रहे हैं. लेकिन स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं और छोटे बच्चों के लिए मोबाइल अथवा फोन पर शिकायत करना थोड़ा मुश्किल होता है. ऐसे में छेड़खानी और यौन शोषण संबंधित मामलों में शिकायत पुलिस तक नहीं पहुंच पाती है.

स्कूल कॉलेजों के बाहर लगाई जा रही शिकायत पेटियां (ETV Bharat)

रतलाम एसपी अमित कुमार ने बताया कि "महिलाओं और बच्चों से संबंधित अपराधों के मामले में बेसिक पुलिसिंग कारगर साबित होती है. रतलाम पुलिस शिकायत पेटी लगाने के साथ ही बच्चों से संवाद भी स्थापित कर रही है. जिससे छेड़खानी और यौन शोषण जैसी घटनाओं में कमी लाई जा सकेगी. शिकायत पेटी से मिली शिकायतों पर पुलिस त्वरित कार्यवाही करेगी. शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखा जाएगा."

COMPLAINT BOXES SCHOOL COLLEGES
स्कूल के बाहर शिकायत बॉक्स लगाते रतलाम एसपी (ETV Bharat)

कहां-कहां पर लगेगी पेटियां और कैसे होगा निस्तारण?

शिकायत पेटियों को शहर के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों व कॉलेजों के बाहर लगाया जाएगा. एक महीने के अंदर इस काम को पूरा कर उसको लागू कर दिया जाएगा. पेटियां ऐसी जगह लगाई जाएंगी जहां सीसीटीवी कैमरे की पहुंच न हो, जिससे शिकायतकर्ता की पहचान न उजागर हो सके.

एसपी अमित कुमार ने बताया कि "हर 3-4 दिन में ये पेटियां खोली जाएंगी. पर्चियों को पुलिस अधिकारी पढ़ेंगे, इसके बाद उन्हें संबंधित थानों में पहुंचाया जाएगा. जहां से उन शिकायती पत्रों को अपर पुलिस अधीक्षक राकेश खाखा के पास भेजा जाएगा. एसपी और एएसपी शिकायत पत्र देखकर पुलिस को कार्रवाई के निर्देश देंगे."

रतलाम: स्कूल-कॉलेज जाने वाली छात्राओं से छेड़खानी और स्कूली बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए रतलाम पुलिस इन दिनों शिकायत पेटी लगा रही है. शिकायत पेटियों को शैक्षणिक संस्थाओं के बाहर लगाया जा रहा है. छात्राएं और बच्चे अपने साथ होने वाली अभद्रता या किसी समस्या को एक पर्ची में लिखकर शिकायत पेटी में डाल सकते हैं. शिकायतकर्ता छात्र-छात्राओं के नाम को गोपनीय रखा जाएगा. पुलिस द्वारा हर 3-4 दिनों में इन पेटियों को खोला जाएगा और मिली शिकायतों पर कार्रवाई की जाएगी.

छेड़खानी और यौन शोषण पर रोक लगाने की कोशिश

महिलाओं और बच्चों को उनके साथ होने वाले अपराधों की शिकायत के लिए प्रशासन द्वारा कई हेल्पलाइन नंबर संचालित किए जा रहे हैं. लेकिन स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं और छोटे बच्चों के लिए मोबाइल अथवा फोन पर शिकायत करना थोड़ा मुश्किल होता है. ऐसे में छेड़खानी और यौन शोषण संबंधित मामलों में शिकायत पुलिस तक नहीं पहुंच पाती है.

स्कूल कॉलेजों के बाहर लगाई जा रही शिकायत पेटियां (ETV Bharat)

रतलाम एसपी अमित कुमार ने बताया कि "महिलाओं और बच्चों से संबंधित अपराधों के मामले में बेसिक पुलिसिंग कारगर साबित होती है. रतलाम पुलिस शिकायत पेटी लगाने के साथ ही बच्चों से संवाद भी स्थापित कर रही है. जिससे छेड़खानी और यौन शोषण जैसी घटनाओं में कमी लाई जा सकेगी. शिकायत पेटी से मिली शिकायतों पर पुलिस त्वरित कार्यवाही करेगी. शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखा जाएगा."

COMPLAINT BOXES SCHOOL COLLEGES
स्कूल के बाहर शिकायत बॉक्स लगाते रतलाम एसपी (ETV Bharat)

कहां-कहां पर लगेगी पेटियां और कैसे होगा निस्तारण?

शिकायत पेटियों को शहर के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों व कॉलेजों के बाहर लगाया जाएगा. एक महीने के अंदर इस काम को पूरा कर उसको लागू कर दिया जाएगा. पेटियां ऐसी जगह लगाई जाएंगी जहां सीसीटीवी कैमरे की पहुंच न हो, जिससे शिकायतकर्ता की पहचान न उजागर हो सके.

एसपी अमित कुमार ने बताया कि "हर 3-4 दिन में ये पेटियां खोली जाएंगी. पर्चियों को पुलिस अधिकारी पढ़ेंगे, इसके बाद उन्हें संबंधित थानों में पहुंचाया जाएगा. जहां से उन शिकायती पत्रों को अपर पुलिस अधीक्षक राकेश खाखा के पास भेजा जाएगा. एसपी और एएसपी शिकायत पत्र देखकर पुलिस को कार्रवाई के निर्देश देंगे."

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