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सोयाबीन की बुवाई के पहले बीज के अंकुरण क्षमता की करें जांच, जानिए जर्मिनेशन टेस्ट की विधि - Germination Method Soybean Seeds

मध्य प्रदेश में किसान पीला सोना यानि सोयाबीन की बुवाई की तैयारी में जुट गए हैं. मानसून आते ही खरीफ की फसलों की बुवाई शुरू हो जाएगी. ऐसे में किसानों को नुकसान से बचने के लिए बीज के अंकुरण क्षमता की जांच कर लेना चाहिए. कृषि विशेषज्ञ से जानिए जर्मिनेशन टेस्ट की विधि.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 11, 2024, 5:19 PM IST

SOYBEAN SOWING GERMINATION METHOD
बुवाई से पहले बीज अंकुरण क्षमता की जांच जरूरी (ETV Bharat)

Germination Method Testing Soybean Seeds: मध्य प्रदेश में मानसून की शुरुआत के साथ ही खरीफ की फसलों की बुवाई शुरू हो जाती है. प्रदेश में खरीफ के सीजन में 'पीले सोने' के नाम से मशहूर सोयाबीन की खेती सर्वाधिक की जाती है. इन दिनों किसान सोयाबीन की फसल के लिए खेतों को तैयार करने में जुटे हुए हैं. बुवाई के लिए किसान महंगी दरों पर बीज खरीदकर बुवाई करते है लेकिन कई बार सोयाबीन की फसल अंकुरित नहीं होने की वजह से खराब हो जाती है. ऐसी स्थिति से बचने के लिए किसानों को अपने बीज का अंकुरण परीक्षण अवश्य कर लेना चाहिए. बीज का अंकुरण परीक्षण नहीं करने की स्थिति में महंगे दाम पर खरीदा हुआ सोयाबीन का बीज खराब हो जाता है और किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है.

जर्मिनेशन टेस्ट की विधि (ETV Bharat)

जर्मिनेशन टेस्ट की विधि

किसान अपने द्वारा रखे गए या खरीदे गए सोयाबीन के बीज का परीक्षण और बीज उपचार कैसे करे इस बारे में कृषि विभाग के सहायक उप संचालक भीमा वास्के ने बताया कि "कृषि विभाग के विशेषज्ञों के अनुसार बुवाई के पहले किसानों को सोयाबीन बीज का जर्मिनेशन टेस्ट करना चाहिए. इसके लिए सभी बैग में से बराबर मात्रा में बीज लेकर उन्हें मिला लेना चाहिए. इसके बाद खेत में नमी युक्त स्थान पर 10 कतार में करीब 100 बीज की बुवाई कर दे. हल्के-हल्के पानी का छिड़काव कर दें. इसके बाद तीसरे-चौथे दिन से बीज में अंकुरण शुरू हो जाएगा. पांचवें दिन अंकुरित हुए बीज की गणना कर लें, यदि 70% से अधिक बीज अंकुरित हो जाते हैं तो हमारा बीज बुवाई करने लायक है. 70% से कम बीज अंकुरित होने पर सोयाबीन के इस बीज का उपयोग बुवाई में ना करें. किसान भाई इसके अलावा बीच के अंकुरण का परीक्षण गीले टाट में रखकर अथवा गीले पेपर के बीच रखकर भी कर सकते हैं.

बुवाई करने का सही समय

कई बार सोयाबीन उत्पादक किसान शुरुआती बारिश में ही बुवाई कर देते हैं. जिसमें नमी की कमी की वजह से बोई गई सोयाबीन खराब हो जाती है. किसानों को चाहिए कि पर्याप्त मात्रा में खेत में नमी होने पर ही सोयाबीन की बुवाई करें. बुवाई करने के पहले किसान अपने खेत में तीन-चार जगह पर हाथ से गड्ढे कर परीक्षण कर ले की 4 इंच तक पर्याप्त नमी आ चुकी है . इसके बाद ही सोयाबीन की बुवाई करनी चाहिए.

ये भी पढ़ें:

बंपर होगी पैदावार, लागत में आएगी कमी, DSR तकनीक से करें धान की बुवाई

हिंदुस्तान के दिल में 'पीला सोना' कर रहा मालामाल, बुंदेलखंड में किसानों के खेत हुए गुलजार

बीज उपचार का भी रखें ध्यान

सोयाबीन के बीज का बुवाई के पूर्व उपचार अवश्य करें .इसके लिए किसान भाई बाजार में उपलब्ध फंगीसाइड और पेस्टिसाइड का इस्तेमाल कर सोयाबीन के बीज का उपचार कर सकते हैं. इसके पश्चात ही निर्धारित मात्रा में बीज की बुवाई करें.

Germination Method Testing Soybean Seeds: मध्य प्रदेश में मानसून की शुरुआत के साथ ही खरीफ की फसलों की बुवाई शुरू हो जाती है. प्रदेश में खरीफ के सीजन में 'पीले सोने' के नाम से मशहूर सोयाबीन की खेती सर्वाधिक की जाती है. इन दिनों किसान सोयाबीन की फसल के लिए खेतों को तैयार करने में जुटे हुए हैं. बुवाई के लिए किसान महंगी दरों पर बीज खरीदकर बुवाई करते है लेकिन कई बार सोयाबीन की फसल अंकुरित नहीं होने की वजह से खराब हो जाती है. ऐसी स्थिति से बचने के लिए किसानों को अपने बीज का अंकुरण परीक्षण अवश्य कर लेना चाहिए. बीज का अंकुरण परीक्षण नहीं करने की स्थिति में महंगे दाम पर खरीदा हुआ सोयाबीन का बीज खराब हो जाता है और किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है.

जर्मिनेशन टेस्ट की विधि (ETV Bharat)

जर्मिनेशन टेस्ट की विधि

किसान अपने द्वारा रखे गए या खरीदे गए सोयाबीन के बीज का परीक्षण और बीज उपचार कैसे करे इस बारे में कृषि विभाग के सहायक उप संचालक भीमा वास्के ने बताया कि "कृषि विभाग के विशेषज्ञों के अनुसार बुवाई के पहले किसानों को सोयाबीन बीज का जर्मिनेशन टेस्ट करना चाहिए. इसके लिए सभी बैग में से बराबर मात्रा में बीज लेकर उन्हें मिला लेना चाहिए. इसके बाद खेत में नमी युक्त स्थान पर 10 कतार में करीब 100 बीज की बुवाई कर दे. हल्के-हल्के पानी का छिड़काव कर दें. इसके बाद तीसरे-चौथे दिन से बीज में अंकुरण शुरू हो जाएगा. पांचवें दिन अंकुरित हुए बीज की गणना कर लें, यदि 70% से अधिक बीज अंकुरित हो जाते हैं तो हमारा बीज बुवाई करने लायक है. 70% से कम बीज अंकुरित होने पर सोयाबीन के इस बीज का उपयोग बुवाई में ना करें. किसान भाई इसके अलावा बीच के अंकुरण का परीक्षण गीले टाट में रखकर अथवा गीले पेपर के बीच रखकर भी कर सकते हैं.

बुवाई करने का सही समय

कई बार सोयाबीन उत्पादक किसान शुरुआती बारिश में ही बुवाई कर देते हैं. जिसमें नमी की कमी की वजह से बोई गई सोयाबीन खराब हो जाती है. किसानों को चाहिए कि पर्याप्त मात्रा में खेत में नमी होने पर ही सोयाबीन की बुवाई करें. बुवाई करने के पहले किसान अपने खेत में तीन-चार जगह पर हाथ से गड्ढे कर परीक्षण कर ले की 4 इंच तक पर्याप्त नमी आ चुकी है . इसके बाद ही सोयाबीन की बुवाई करनी चाहिए.

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बीज उपचार का भी रखें ध्यान

सोयाबीन के बीज का बुवाई के पूर्व उपचार अवश्य करें .इसके लिए किसान भाई बाजार में उपलब्ध फंगीसाइड और पेस्टिसाइड का इस्तेमाल कर सोयाबीन के बीज का उपचार कर सकते हैं. इसके पश्चात ही निर्धारित मात्रा में बीज की बुवाई करें.

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