रतलाम। लंबे समय से अटका पड़ा गोल्ड पार्क प्रोजेक्ट अब जिला अस्पताल की नई बिल्डिंग के निर्माण में भी रोड़ा बना हुआ है. प्रोजेक्ट की शुरुआत आनन फानन में जिला अस्पताल के पिछले हिस्से की पुरानी बिल्डिंग को गिराकर कर दिया गया. अब एक साल बीत जाने के बाद भी जिला अस्पताल में बनने वाली नई बिल्डिंग का कार्य कछुआ चाल से चल रहा है. इस प्रोजेक्ट की धीमी रफ्तार के चलते जिला अस्पताल में आने वाले अधिकतर मरीजों को जगह नहीं मिलने से उन्हें मेडिकल कॉलेज ही जाना पड़ रहा है.
300 बेड के अस्पताल का होना है निर्माण
रतलाम विकास प्राधिकरण को गोल्ड पार्क बनाने के लिए शासकीय आर्ट एंड साइंस कॉलेज के समीप स्थित करीब 2 लाख वर्ग फीट जमीन दी गई है. इसके लिए रतलाम विकास प्राधिकरण को रिडेंसीफिकेशन योजना के तहत जिला अस्पताल परिसर में 300 बेड का अस्पताल, 1 हजार सीट का ऑडिटोरियम और अधिकारी के जर्जर क्वार्टरों का नए सिरे से निर्माण कार्य करना है. इसके लिए जबलपुर के समदड़ीया ग्रुप को निर्माण कार्य की जिम्मेदारी दी गई और एजेंसी एमपी हाउसिंग बोर्ड को बनाया गया है.
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आचार संहिता के कारण काम धीमा
जोर शोर से शुरू किए गए इस प्रोजेक्ट की रफ्तार विधानसभा चुनाव नजदीक आते-आते थम गई. इसके बाद से ही यह प्रोजेक्ट कछुआ चाल से चल रहा है. जिला अस्पताल परिसर में 300 बेड के अस्पताल की नींव का काम साल भर से जारी है. वहीं, 1 हजार सीट के ऑडिटोरियम और कर्मचारियों के आवास के कार्य की शुरुआत अब तक नहीं हो सकी है. जिम्मेदार अधिकारी और गोल्ड पार्क प्रोजेक्ट लेने वाली कंपनी के लोगों का कहना है कि विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते कार्य की प्रगति थोड़ी धीमी हुई थी, लेकिन निर्माण कार्य जारी है.