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किसानों की फसलों पर इंद्रदेव का प्रहार, सोयाबीन की MSP छोड़ अब ये मांग कर रहे किसान - MP Crops Destroyed

मध्य प्रदेश में बारिश किसानों के लिए आफत बनी हुई है. लगातार हो रही बारिश से किसानों की फसलें खराब हो रही हैं. सोयाबीन पर 6000 रुपए न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग करने वाले किसान अब सरकार से सर्वे और मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

MP CROPS DESTROYED
सोयाबीन की MSP छोड़ अब ये मांग कर रहे किसान (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 30, 2024, 10:04 PM IST

रतलाम: मौसम की दोहरी मार से किसानों की सोयाबीन की लागत मिलने की उम्मीद भी अब टूटने लगी है. किसानों को यदि सोयाबीन की एमएसपी ₹6000 प्रति क्विंटल मिल भी जाती है, तो प्रति बीघा उत्पादन कम मिलने और बारिश से खराब हुई सोयाबीन की गुणवत्ता की वजह से प्रति बीघा लागत भी नहीं निकल पाएगी. इसी वजह से किसान अब खराब हुई फसल का सर्वे करने और फसल बीमा की मांग प्रशासन से कर रहे हैं.

गौरतलब है की मध्य प्रदेश में सोयाबीन की फसल पर बीमारियों और अंत में अतिवृष्टि की दोहरी मार पड़ी है. वहीं, सोयाबीन की कम कीमत भी किसानों को परेशान किए हुए है.

किसानों की फसलों पर इंद्रदेव का प्रहार (ETV Bharat)

किसानों की फसलें हुई खराब

सोयाबीन कृषक जगदीश चौहान का कहना है कि महंगी मजदूरी देकर सोयाबीन कटवाए थे, लेकिन अब खेतों में बड़ी सोयाबीन बारिश की वजह से अंकुरित हो गई है और क्वालिटी भी खराब हो गई है. अब हमारी फसल को अच्छे दामों पर कौन खरीदेगा. इसमें तो हमारी लागत भी नहीं निकल पाएगी.' एक अन्य किसान सुभाष धाकड़ ने बताया कि 'प्रति बीघा सोयाबीन की खेती में 10 से ₹12000 का खर्च होता है. उत्पादन के नाम पर हमें दो से ढाई क्विंटल प्रति बीघा सोयाबीन मिल रही है. यदि सरकार ₹6000 प्रति क्विंटल एमएसपी दे भी देती है, तो भी किसानों को कोई फायदा होने वाला नहीं है. खराब हुई फसल का सर्वे करने की मांग अब किसान प्रशासन से कर रहे हैं.

MP SOYBEAN MSP FASAL BIMA
किसानों की फसल हुई खराब (ETV Bharat)

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खराब फसलों का सर्वे कराने और मुआवजे की मांग

एक अन्य किसान सतपाल चौधरी ने बताया कि खेत में सोयाबीन की फसल खराब हो जाने के बाद जब बीमा करने वाली कंपनी की हेल्पलाइन पर फोन किया गया तो उन्हें कोई मदद नहीं मिली. ना ही उनकी शिकायत ग्राहक सेवा प्रतिनिधि ने लिखी. सतपाल चौधरी ने प्रशासन से इस मामले में खराब हुई फसलों का तुरंत सर्वे करवाने और मुआवजा देने की मांग की है. बहरहाल, सोयाबीन को लेकर किसानों की रही सही उम्मीद भी अब टूटने लगी है. इसके बाद अब किसान प्रदेश सरकार से खराब हुई फसलों का सर्वे करवाने एवं मुआवजा और बीमा राशि दिलवाने की उम्मीद लगा रहे हैं.

रतलाम: मौसम की दोहरी मार से किसानों की सोयाबीन की लागत मिलने की उम्मीद भी अब टूटने लगी है. किसानों को यदि सोयाबीन की एमएसपी ₹6000 प्रति क्विंटल मिल भी जाती है, तो प्रति बीघा उत्पादन कम मिलने और बारिश से खराब हुई सोयाबीन की गुणवत्ता की वजह से प्रति बीघा लागत भी नहीं निकल पाएगी. इसी वजह से किसान अब खराब हुई फसल का सर्वे करने और फसल बीमा की मांग प्रशासन से कर रहे हैं.

गौरतलब है की मध्य प्रदेश में सोयाबीन की फसल पर बीमारियों और अंत में अतिवृष्टि की दोहरी मार पड़ी है. वहीं, सोयाबीन की कम कीमत भी किसानों को परेशान किए हुए है.

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किसानों की फसलें हुई खराब

सोयाबीन कृषक जगदीश चौहान का कहना है कि महंगी मजदूरी देकर सोयाबीन कटवाए थे, लेकिन अब खेतों में बड़ी सोयाबीन बारिश की वजह से अंकुरित हो गई है और क्वालिटी भी खराब हो गई है. अब हमारी फसल को अच्छे दामों पर कौन खरीदेगा. इसमें तो हमारी लागत भी नहीं निकल पाएगी.' एक अन्य किसान सुभाष धाकड़ ने बताया कि 'प्रति बीघा सोयाबीन की खेती में 10 से ₹12000 का खर्च होता है. उत्पादन के नाम पर हमें दो से ढाई क्विंटल प्रति बीघा सोयाबीन मिल रही है. यदि सरकार ₹6000 प्रति क्विंटल एमएसपी दे भी देती है, तो भी किसानों को कोई फायदा होने वाला नहीं है. खराब हुई फसल का सर्वे करने की मांग अब किसान प्रशासन से कर रहे हैं.

MP SOYBEAN MSP FASAL BIMA
किसानों की फसल हुई खराब (ETV Bharat)

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खराब फसलों का सर्वे कराने और मुआवजे की मांग

एक अन्य किसान सतपाल चौधरी ने बताया कि खेत में सोयाबीन की फसल खराब हो जाने के बाद जब बीमा करने वाली कंपनी की हेल्पलाइन पर फोन किया गया तो उन्हें कोई मदद नहीं मिली. ना ही उनकी शिकायत ग्राहक सेवा प्रतिनिधि ने लिखी. सतपाल चौधरी ने प्रशासन से इस मामले में खराब हुई फसलों का तुरंत सर्वे करवाने और मुआवजा देने की मांग की है. बहरहाल, सोयाबीन को लेकर किसानों की रही सही उम्मीद भी अब टूटने लगी है. इसके बाद अब किसान प्रदेश सरकार से खराब हुई फसलों का सर्वे करवाने एवं मुआवजा और बीमा राशि दिलवाने की उम्मीद लगा रहे हैं.

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