कानपुर : रतन हाउसिंग डेवलपर्स लिमिटेड ग्रुप के कानपुर, लखनऊ और नोएडा समेत करीब 15 ठिकानों पर एसजीएसटी (State Goods and Services Tax) की टीमों ने सर्वे किया. करीब 24 घंटे तक कार्रवाई चलती रही. अब यह सर्वे पूरा हो चुका है. अफसरों को 2 फर्मों में टैक्स समेत अन्य चीजों के कागजातों में गड़बड़ी मिली. इसके बाद दोनों फर्मों ने 5.90 करोड़ रुपये जमा करा दिए.
रियल इस्टेट कारोबार के लिए चर्चित रतन हाउसिंग डेवलपर्स लिमिटेड ग्रुप के 15 ठिकानों पर एसजीएसटी की टीमों ने एक साथ सर्वे शुरू किया. शुक्रवार की शाम से शुरू हुआ सर्वे शनिवार रात तक जारी रहा. एसजीएसटी अफसरों के मुताबिक साल 2019 की कर व्यवस्था के अनुसार कंपनी की ओर से घोषित आय-व्यय का सर्वे किया गया. जांच टीम में शामिल डिप्टी कमिश्नर विवेक उपाध्याय, संजीव शुक्ला, राजेश सिंह आदि ने दस्तावेजों की गहनता से जांच की.
डिप्टी कमिश्नर विवेक उपाध्याय ने बताया कि करीब 24 घंटे तक सर्वे का कार्य चलता रहा. इसमें जांच टीम को रतन हाउसिंग डेवलपमेंट लिमिटेड व रतन बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड में टैक्स समेत व अन्य दस्तावेजों में गड़बड़ी मिली. पता चला कि साल 2019 की नई कर व्यवस्था के नियमों का पालन नहीं किया गया. आम ग्राहकों को दिए फ्लैट्स में जो कर लिया गया वह मानकों से अधिक था. इसके अलावा कंपनी की ओर से इनपुट टैक्स क्रेडिट भी नहीं लिया जाना चाहिए था.
सर्वे के बाद दोनों फर्मों ने गलती को स्वीकार किया. इसके बाद 5.90 करोड़ रुपए की राशि जमा करा दी. सीजीएसटी के आला अफसरों ने मीडिया को बताया कि 60 अफसरों की अलग-अलग टीमों ने फर्मों के कार्यालयों, फाइलों और लैपटॉप की जांच की. अफसरों ने कई दस्तावेजों को जमा भी कराया है. अफसरों का दावा है कि यह साल 2024 का बड़ा सर्वे था. फर्म के खिलाफ शिकायत मिली थी. इसके बाद सर्वे कराने का निर्णय लिया गया.
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