बिलासपुर: छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान यानी कि सिम्स में एक अनोखा मामला सामने आया है. यहां 26 साल के युवक में पुरुष के साथ ही महिला के जननांग भी पाए गए. यानी कि उसमें मेल और फीमेल दोनों के प्राइवेट पार्ट है. इस तरह की बीमारी को मेडिकल साइंस में पर्सिस्टेंट म्यूलेरियन डक्ट सिंड्रोम कहा जाता है. इस बीमारी में पुरुष और महिला दोनों के प्राइवेट पार्ट एक शरीर में रहते हैं
पेट में दर्द होने पर पहुंचा अस्पताल, तो हुआ खुलासा: इससे पहले भी देश में ऐसे मामले सामने आ चुके हैं. ये चौथा मामला पूरे देश में है, जिसमें पुरुष के अंदर महिला के प्राइवेट पार्ट भी पाए गए हैं. बताया जा रहा है कि युवक के पेट में दर्द की शिकायत होने पर वो सिम्स इलाज के लिए गया था. इलाज के दौरान खुलासा हुआ किया उसके शरीर में दो प्राइवेट पार्ट हैं. जांच के बाद उसका कैंसर डायग्नोज हुआ, तो डॉक्टरों ने इसका ऑपरेशन कर कैंसर वाले जगह को साफ कर दिया. अब युवक की स्थिति स्थिर बताई जा रही है, लेकिन उसके अंदर महिला के प्राइवेट पार्ट अब भी मौजूद हैं, जिसे निकाला नहीं जा सकता.
युवक के पेट से गर्भाशय को किया गया निष्क्रिय: इस बारे में ईटीवी भारत ने सिम्स मेडिकल कॉलेज के कैंसर विभाग के एचओडी डॉक्टर चंद्रहास ध्रुव से बातचीत की. उन्होंने बताया कि, "युवक करीब 8 महीने पहले इलाज के लिए उनके पास आया था. उस समय युवक को लगातार तीन-चार महीने से बुखार और पेट में दर्द हो रहा था. उसके शरीर में कई जगह गांठ हो गया था. युवक का इलाज जब शुरू किया गया, तो उसके शरीर के अलग-अलग हिस्सों की जांच की गई. जांच में पाया गया कि युवक के पेट में महिला का गर्भाशय भी है. इसमें अंडाणु बन रहे हैं. यही अंडाणु लंबे समय तक शरीर में रहकर कैंसर का रूप ले रहा है. तब डॉक्टर ने युवक का ऑपरेशन करने से पहले, उसे कीमोथेरेपी दी. कीमोथेरेपी से डॉक्टर ने पाया कि युवक के अंदर नए अंडाणु बनना बंद हो गए हैं. तब उसका ऑपरेशन करना सुनिश्चित किया गया. युवक का ऑपरेशन कर गर्भाशय में बन रहे अंडाणु में हुए कैंसर को निकाल तो लिया गया, लेकिन युवक के पेट में अब भी गर्भाशय मौजूद है. युवक के पेट से गर्भाशय नहीं निकला है, हालांकि वह निष्क्रिय हो गया है. आने वाले 2 सालों तक युवक को फॉलो अप में रखा गया है, ताकि दोबारा समस्या विकराल रूप ले, इससे पहले उसका इलाज शुरू कर दिया जाए."
इस तरह की समस्या तब होती है, जब बच्चा गर्भ में रहता है. उसके जननांग बनने की प्रक्रिया पहले महीने से सातवें महीने के बीच तक होती है. पुरुष और महिला बनने की प्रक्रिया दो अलग-अलग नलियों से होती है.अगर फीमेल वाली नलियां बननी शुरू हुई तो लड़की पैदा होती है. मेल वाली नलियां बनना शुरू होती है तो लड़का पैदा होता है, लेकिन इस युवक के साथ कुछ अलग हुआ है. जब वह गर्भ में रहा होगा तो उसके दोनों जननांग की नालियां एक साथ विकसित होने लगी होगी. इसी वजह से उसमें महिला और पुरुष दोनों के जननांग बन गए हैं. -डॉ. चंद्रहास ध्रुव, कैंसर स्पेशलिस्ट
देश में चौथा मामला:डॉक्टर चंद्रहास ध्रुव की मानें तो इस तरह का केश बहुत ही रेयर होता है. अब तक देश में यह चौथा मामला सामने आया है. पहले दिल्ली से ऐसा मामला सामने आया था. दूसरा वेल्लोर से, तीसरा साउथ से और चौथा बिलासपुर से सामने आया है. इस तरह के मामले में मेडिकल साइंस में इलाज तो है, लेकिन जिन्हें ऐसी समस्या होती है, उनका दांपत्य जीवन उनके शरीर पर निर्भर करता है. अगर उनका शरीर बैकअप ले तो वह अच्छे से अपना जीवन जी सकते हैं. ऐसे मरीजों को हमेशा डॉक्टरों के संपर्क में रहना पड़ता है. साथ ही समय-समय पर जांच करानी होती है.