गोपालगंजः अपने ही पिता से सुरक्षित न रह पाना किसी भी बेटी के लिए सबसे बड़ा दर्द है. बिहार के इस झकझोर देने वाले मामले में एक नाबालिग लड़की के साथ उसके पिता ने रिश्तों की मर्यादा को कुचलते हुए दुराचार किया था. तीन साल के लंबे इंतजार के बाद, कोर्ट ने आज पीड़िता के आंसुओं को थोड़ी राहत दी. विशेष पाक्सो अदालत ने आरोपी पिता को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
अर्थ दंड भी लगायाः व्यवहार न्यायालय के एडीजे छह सह विशेष न्यायाधीश पाक्सो संजीव कुमार पांडेय की अदालत ने आरोपी पिता को दोषी करार देते हुए 60 हजार रुपये अर्थ दंड भी लगाया. अर्थदंड की रकम अदा नहीं करने पर दोषी को छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. इस मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने एक लाख रुपये क्षतिपूर्ति के रूप में पीड़िता को देने का भी आदेश दिया.
क्या था मामला: बरौली थाना क्षेत्र में एक किशोरी के साथ उसका पिता करीब एक वर्ष से जबरदस्ती दुराचार कर रहा था. विरोध करने पर उसे मारने-पीटने की धमकी भी देता था. बाद में जब उसकी मां को जानकारी हुई तो उसने इसका विरोध किया. उसे भी जान से मारने की धमकी दी गई. थक हारकर महिला ने करीब तीन साल पूर्व बरौली थाना में अपने पति के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई.
कोर्ट में सुनवाई पूरीः मामले में अनुसंधानकर्ता की ओर से आरोप पत्र समर्पित किए जाने के बाद एडीजे छह सह विशेष न्यायाधीश पाक्सो संजीव कुमार पांडेय की अदालत में मामले की सुनवाई चल रही थी. जिसके बाद आज अभियोजन पक्ष से विशेष लोक अभियोजक पाक्सो दारोगा सिंह तथा बचाव पक्ष से अधिवक्ता मधुसूदन तिवारी की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आपराधिक मामले में अपना अंतिम निर्णय सुनाया.
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