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संजय सेठ को मिला सामाजिक सरोकार का प्रतिफल, मोदी मंत्रिमंडल में मिला स्थान - Sanjay Seth became minister

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 9, 2024, 9:26 PM IST

Sanjay Seth Ranchi MP Sanjay Seth became minister. सामाजिक सरोकार से जुड़े संजय सेठ सांसद बने अब केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री भी बन गये हैं. रविवार शाम राष्ट्रपति भवन में उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली. मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में संजय सेठ को उनके कार्यों का प्रतिफल प्राप्त हुआ.

Ranchi MP Sanjay Seth became minister in Modi cabinet 2024
ग्राफिक्स इमेज (Etv Bharat)

रांचीः 64 वर्षीय संजय सेठ बीजेपी के तेजतर्रार नेता माने जाते हैं. संगठन स्तर पर वे काफी सक्रिय रहते हैं. इतना ही नहीं सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में गहराई से शामिल रहते हैं. कवि सम्मेलन, दही हांडी प्रतियोगिता, श्रीकृष्ण जन्मोत्सव जैसे आयोजन समिति में हमेशा अहम भूमिका में रहे.

सामाजिक सरोकार से जुड़े रहने का प्रतिफल उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में मिला. जब भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें रांची लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया. संजय सेठ ने भी पार्टी को निराश नहीं करते हुए भारी मतों से पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय को भारी मतों से मात दी. 2024 में दोबारा उन्हें रांची संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला.

सामाजिक कार्यों का प्रतिफल

संजय सेठ, आम जनमानस के साथ हमेशा जुड़े रहे. सामाजिक और सांस्कृतिक परिदृश्य में वे हमेशा से कार्य करते रहे हैं. इसका प्रतिफल भी उन्हें अविभाजित झारखंड से लेकर झारखंड राज्य गठन के बाद भी मिलता रहा.

Sanjay seth minister in center.
संजय सेठ का सियासी सफर (ईटीवी भारत)

1999 में संजय सेठ फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष बनाए गये. इसके अलावा वे स्थानीय बोर्ड, भारतीय स्टेट बैंक, पटना, बिहार और झारखंड के सदस्य भी रहे. इसके बाद झारखंड राज्य गठन के बाद 2005 में भी वे स्थानीय बोर्ड, भारतीय स्टेट बैंक, पटना, बिहार और झारखंड के सदस्य बने रहे. संजय सेठ 2016 में झारखंड राज्य खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष बने गये.

2014 लोकसभा चुनाव में नमो कैंपेन में संजय सेठ की अहम भूमिका रही. संजय सेठ की सामाजिक छवि को सियासी चेहरा के रुप में 2019 में नई पहचान मिली. लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा ने उन्हें रांची लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया. जिसमें संजय सेठ ने कांग्रेस प्रत्याशी सह पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय को भारी मतों से परास्त किया. 17वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए. इसके साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति, अधीनस्थ विधान संबंधी समिति के सदस्य भी हैं.

लोकसभा चुनाव 2024 में एक बार फिर से भाजपा की ओर से संजय सेठ को रांची संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है. इस बार उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी यशस्विनी सहाय को हराकर सांसद बनने का मार्ग प्रशस्त किया. दो बार रांची से सांसद बने संजय सेठ मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में केंद्रीय मंत्रिमंडल में अपनी जगह मजबूत की है. उन्हें इस बार केंद्रीय मंत्री बनने का अवसर प्राप्त हुआ है.

संजय सेठ का जीवन परिचय

संजय सेठ का जन्म 25 अगस्त, 1959 को रांची में चंद नारायण सेठ और करुणा सेठ के घर हुआ. संजय सेठ ने शुरुआत से ही बहुआयामी जीवन जिया है. 1978 में उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा कानपुर यूनिवर्सिटी से पूरी की, वे कॉमर्स ग्रेजुएट हैं. इसके बाद 1983 में झारखंड आकर यहां रांची यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड सर्विसेज से पीजीडीबीएम (पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन बिजनेस मैनेजमेंट इंडस्ट्रियल एडमिनिस्ट्रेशन) का कोर्स पूरा किया. 1983 में उन्होंने नीता सेठ के साथ विवाह किया, जिससे उन्हें दो बच्चे हैं.

अपने छात्र जीवन से ही संजय सेठ सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यों में हमेशा आगे रहे. जेपी आंदोलन के दौरान भी उनको काफी पहचान मिली. संजय सेठ सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में गहराई से शामिल रहे. वे हास्य माई जयते के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया. इसके अलावा श्रीकृष्ण जन्मोत्सव समिति के मुख्य संरक्षक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका में रहे. राजधानी रांची में दही हांडी प्रतियोगिता और मकर संक्रांति उत्सव जैसे कार्यक्रमों की देखरेख करते हैं. इसके अलावा संजय सेठ का आर्थिक विकास के प्रति उनका रूझान काफी है. वह आर्थिक मुद्दों पर केंद्रित सेमिनार, चर्चा और कार्यक्रम आयोजित करते हैं, ऐसे प्रयासों में उनकी सार्थक पहल स्पष्ट रूप से दिखाई देती है.

संजय सेठ को अपने पेशेवर और नागरिक कार्यों के अलावा, जीवन की सरल खुशियों में काफी सुकून मिलता है. उन्हें संगीत सुनना, दिलचस्प जगहों की खोज करना और अपने खाली समय में सिनेमा में डूबे रहना काफी पसंद है.

इसे भी पढ़ें- रांची लोकसभा सीट से दूसरी बार सांसद निर्वाचित होने पर संजय सेठ ने निकाला विजय जुलूस, व्यक्त किया जनता का आभार - Sanjay Seth Victory Procession

इसे भी पढे़ं- पारंपरिक गीतों पर खूब झूमे सांसद संजय सेठ, होली के रंग में हुए सराबोर - Holi Milan ceremony

इसे भी पढ़ें- रांची में नमो पतंग उत्सव का आयोजन, सांसद संजय सेठ ने लोगों से की संस्कृति को जिंदा रखने की अपील

रांचीः 64 वर्षीय संजय सेठ बीजेपी के तेजतर्रार नेता माने जाते हैं. संगठन स्तर पर वे काफी सक्रिय रहते हैं. इतना ही नहीं सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में गहराई से शामिल रहते हैं. कवि सम्मेलन, दही हांडी प्रतियोगिता, श्रीकृष्ण जन्मोत्सव जैसे आयोजन समिति में हमेशा अहम भूमिका में रहे.

सामाजिक सरोकार से जुड़े रहने का प्रतिफल उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में मिला. जब भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें रांची लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया. संजय सेठ ने भी पार्टी को निराश नहीं करते हुए भारी मतों से पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय को भारी मतों से मात दी. 2024 में दोबारा उन्हें रांची संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला.

सामाजिक कार्यों का प्रतिफल

संजय सेठ, आम जनमानस के साथ हमेशा जुड़े रहे. सामाजिक और सांस्कृतिक परिदृश्य में वे हमेशा से कार्य करते रहे हैं. इसका प्रतिफल भी उन्हें अविभाजित झारखंड से लेकर झारखंड राज्य गठन के बाद भी मिलता रहा.

Sanjay seth minister in center.
संजय सेठ का सियासी सफर (ईटीवी भारत)

1999 में संजय सेठ फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष बनाए गये. इसके अलावा वे स्थानीय बोर्ड, भारतीय स्टेट बैंक, पटना, बिहार और झारखंड के सदस्य भी रहे. इसके बाद झारखंड राज्य गठन के बाद 2005 में भी वे स्थानीय बोर्ड, भारतीय स्टेट बैंक, पटना, बिहार और झारखंड के सदस्य बने रहे. संजय सेठ 2016 में झारखंड राज्य खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष बने गये.

2014 लोकसभा चुनाव में नमो कैंपेन में संजय सेठ की अहम भूमिका रही. संजय सेठ की सामाजिक छवि को सियासी चेहरा के रुप में 2019 में नई पहचान मिली. लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा ने उन्हें रांची लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया. जिसमें संजय सेठ ने कांग्रेस प्रत्याशी सह पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय को भारी मतों से परास्त किया. 17वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए. इसके साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति, अधीनस्थ विधान संबंधी समिति के सदस्य भी हैं.

लोकसभा चुनाव 2024 में एक बार फिर से भाजपा की ओर से संजय सेठ को रांची संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है. इस बार उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी यशस्विनी सहाय को हराकर सांसद बनने का मार्ग प्रशस्त किया. दो बार रांची से सांसद बने संजय सेठ मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में केंद्रीय मंत्रिमंडल में अपनी जगह मजबूत की है. उन्हें इस बार केंद्रीय मंत्री बनने का अवसर प्राप्त हुआ है.

संजय सेठ का जीवन परिचय

संजय सेठ का जन्म 25 अगस्त, 1959 को रांची में चंद नारायण सेठ और करुणा सेठ के घर हुआ. संजय सेठ ने शुरुआत से ही बहुआयामी जीवन जिया है. 1978 में उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा कानपुर यूनिवर्सिटी से पूरी की, वे कॉमर्स ग्रेजुएट हैं. इसके बाद 1983 में झारखंड आकर यहां रांची यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड सर्विसेज से पीजीडीबीएम (पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन बिजनेस मैनेजमेंट इंडस्ट्रियल एडमिनिस्ट्रेशन) का कोर्स पूरा किया. 1983 में उन्होंने नीता सेठ के साथ विवाह किया, जिससे उन्हें दो बच्चे हैं.

अपने छात्र जीवन से ही संजय सेठ सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यों में हमेशा आगे रहे. जेपी आंदोलन के दौरान भी उनको काफी पहचान मिली. संजय सेठ सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में गहराई से शामिल रहे. वे हास्य माई जयते के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया. इसके अलावा श्रीकृष्ण जन्मोत्सव समिति के मुख्य संरक्षक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका में रहे. राजधानी रांची में दही हांडी प्रतियोगिता और मकर संक्रांति उत्सव जैसे कार्यक्रमों की देखरेख करते हैं. इसके अलावा संजय सेठ का आर्थिक विकास के प्रति उनका रूझान काफी है. वह आर्थिक मुद्दों पर केंद्रित सेमिनार, चर्चा और कार्यक्रम आयोजित करते हैं, ऐसे प्रयासों में उनकी सार्थक पहल स्पष्ट रूप से दिखाई देती है.

संजय सेठ को अपने पेशेवर और नागरिक कार्यों के अलावा, जीवन की सरल खुशियों में काफी सुकून मिलता है. उन्हें संगीत सुनना, दिलचस्प जगहों की खोज करना और अपने खाली समय में सिनेमा में डूबे रहना काफी पसंद है.

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