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चुनाव जीतने के बाद रामवीर स‍िंह ब‍िधूड़ी को इस सीट से देना होगा इस्‍तीफा, जान‍िए खास वजह - Lok Sabha Election Result

दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट से बीजेपी कैंड‍िडेट रामवीर सिंह ब‍िधूड़ी चुनाव जीत गए हैं. ब‍िधूड़ी दिल्ली की बदरपुर विधानसभा से बीजेपी विधायक भी हैं. अब उनके सांसद चुने जाने के बाद इस सीट पर विधानसभा का उपचुनाव होना भी तय माना जा रहा है. इसके ल‍िए ब‍िधूड़ी को व‍िधानसभा सदस्‍यता से इस्‍तीफा देना होगा.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 6, 2024, 7:02 AM IST

नई द‍िल्‍ली: रामवीर सिंह ब‍िधूड़ी के संसद सदस्य चुने जाने के बाद अब बदरपुर विधानसभा पर उप-चुनाव होना तय हैं. बताया जाता है कि उपचुनाव उस स्थिति में करवाए जाते हैं जब कोई सीट क‍िन्‍ही कारणों से र‍िक्‍त हो जाती है. इसमें किसी सदस्य की मृत्यु होने, या सीट से स्‍वत: इस्‍तीफा देने या फिर संसद के दोनों सदनों में से किसी सदन के लिए न‍िर्वाच‍ित होने स्थिति या क‍िसी दूसरी वजह से रिक्त हो जाती है तो उस स्‍थ‍िति में सीट पर उप-चुनाव करवाए जाते हैं. इस सीट के र‍िक्‍त होने की सूचना भारत के निर्वाचन आयोग को संबंधित राज्‍य की विधानसभा के स्पीकर की तरफ से भेजी जाती है.

आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि विधानसभा अध्यक्ष की ओर से इस तरह की रिपोर्ट हर माह चुनाव आयोग को प्रेषित की जाती है, जिससे कि आगे की व्यवस्थाएं उपचुनाव संबंधी की जा सकें. सूत्रों का कहना है कि रामवीर सिंह बिधूड़ी की तरफ से यह ऑप्ट किया जाएगा यानी व‍िकल्‍प चुना जाएगा क‍ि वो संसद के सदस्य रहते हैं या फिर द‍िल्‍ली विधानसभा के सदस्य. अगर वह विधानसभा की बजाय संसद के सदस्य रहने का ऑप्‍शन चयन करते हैं, तो उनको द‍िल्‍ली विधानसभा के सदस्य की सदस्‍यता से विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपना होगा. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष की ओर से बदरपुर सीट को रिक्त घोषित करने संबंधी सूचना निर्वाचन आयोग को र‍िपोर्ट बनाकर भेजनी होगी.

यह भी पढ़ें- सौरभ भारद्वाज ने चीफ सेक्रेटरी पर लगाया आरोप, बोले- मॉनसून से न‍िपटने की तैयार‍ियों पर नहीं दी र‍िपोर्ट

इसके बाद ही यह न‍िर्णय ल‍िया जाता है क‍ि उक्‍त सीट पर उप-चुनाव करवाने की जरूरत है या नहीं. सभी पहलुओं पर व‍िचार व‍िमर्श के बाद ही तय होगा क‍ि इस सीट पर उपचुनाव कराए जाएं. उप-चुनाव की स्‍थ‍ित‍ि के ल‍िए यह भी व‍िचार क‍िया जाता है क‍ि अगर उस सीट के र‍िक्‍त होने के बाद अगर अगली व‍िधानसभा का कार्यकाल समाप्‍त होने में छह माह से ज्‍यादा का वक्‍त बचा है या नहीं. हालांक‍ि, सीट र‍िक्‍त होने के बाद न‍ियमों के मुताब‍िक उप-चुनाव जरूरत के अनुसार करीब 6 महीने की अवध‍ि के भीतर होते हैं.

गौरतलब है क‍ि साल 2022 में भी द‍िल्‍ली की राज‍िन्‍दर नगर सीट पर व‍िधानसभा का उपचुनाव हुआ था जोक‍ि राघव चड्ढा का पंजाब से राज्‍यसभा सदस्‍य भेजे जाने के बाद खाली हो गई थी. राघव चड्ढा के इस्‍तीफा देने के बाद इस सीट पर हुए उपचुनाव में आम आदमी पार्टी के दुर्गेश पाठक न‍िर्वाच‍ित हुए थे.

ये भी पढ़ें: दिल्ली में अबकी बार तीन पूर्व मेयरों ने राजनीति के दिग्गजों को हराया, जानिए उनके बारे में

नई द‍िल्‍ली: रामवीर सिंह ब‍िधूड़ी के संसद सदस्य चुने जाने के बाद अब बदरपुर विधानसभा पर उप-चुनाव होना तय हैं. बताया जाता है कि उपचुनाव उस स्थिति में करवाए जाते हैं जब कोई सीट क‍िन्‍ही कारणों से र‍िक्‍त हो जाती है. इसमें किसी सदस्य की मृत्यु होने, या सीट से स्‍वत: इस्‍तीफा देने या फिर संसद के दोनों सदनों में से किसी सदन के लिए न‍िर्वाच‍ित होने स्थिति या क‍िसी दूसरी वजह से रिक्त हो जाती है तो उस स्‍थ‍िति में सीट पर उप-चुनाव करवाए जाते हैं. इस सीट के र‍िक्‍त होने की सूचना भारत के निर्वाचन आयोग को संबंधित राज्‍य की विधानसभा के स्पीकर की तरफ से भेजी जाती है.

आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि विधानसभा अध्यक्ष की ओर से इस तरह की रिपोर्ट हर माह चुनाव आयोग को प्रेषित की जाती है, जिससे कि आगे की व्यवस्थाएं उपचुनाव संबंधी की जा सकें. सूत्रों का कहना है कि रामवीर सिंह बिधूड़ी की तरफ से यह ऑप्ट किया जाएगा यानी व‍िकल्‍प चुना जाएगा क‍ि वो संसद के सदस्य रहते हैं या फिर द‍िल्‍ली विधानसभा के सदस्य. अगर वह विधानसभा की बजाय संसद के सदस्य रहने का ऑप्‍शन चयन करते हैं, तो उनको द‍िल्‍ली विधानसभा के सदस्य की सदस्‍यता से विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपना होगा. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष की ओर से बदरपुर सीट को रिक्त घोषित करने संबंधी सूचना निर्वाचन आयोग को र‍िपोर्ट बनाकर भेजनी होगी.

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इसके बाद ही यह न‍िर्णय ल‍िया जाता है क‍ि उक्‍त सीट पर उप-चुनाव करवाने की जरूरत है या नहीं. सभी पहलुओं पर व‍िचार व‍िमर्श के बाद ही तय होगा क‍ि इस सीट पर उपचुनाव कराए जाएं. उप-चुनाव की स्‍थ‍ित‍ि के ल‍िए यह भी व‍िचार क‍िया जाता है क‍ि अगर उस सीट के र‍िक्‍त होने के बाद अगर अगली व‍िधानसभा का कार्यकाल समाप्‍त होने में छह माह से ज्‍यादा का वक्‍त बचा है या नहीं. हालांक‍ि, सीट र‍िक्‍त होने के बाद न‍ियमों के मुताब‍िक उप-चुनाव जरूरत के अनुसार करीब 6 महीने की अवध‍ि के भीतर होते हैं.

गौरतलब है क‍ि साल 2022 में भी द‍िल्‍ली की राज‍िन्‍दर नगर सीट पर व‍िधानसभा का उपचुनाव हुआ था जोक‍ि राघव चड्ढा का पंजाब से राज्‍यसभा सदस्‍य भेजे जाने के बाद खाली हो गई थी. राघव चड्ढा के इस्‍तीफा देने के बाद इस सीट पर हुए उपचुनाव में आम आदमी पार्टी के दुर्गेश पाठक न‍िर्वाच‍ित हुए थे.

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