रामनगर: नैनीताल जिले के रामनगर की महिला समूह 'वूमेन रिसोर्स सेंटर' की महिलाएं दिनों दिन सफलता के नये आयाम छू रही हैं. इस दिवाली इस महिला समूह की दोगुनी हो गई है. जिससे महिलाएं काफी खुश हैं. 'वूमेन रिसोर्स सेंटर' की महिलाएं त्योहारी सीजन में दिवाली गिफ्ट हैंपर, घरेलू सजावट सामान के साथ ही दूसरी चीजें तैयार करती हैं. जिसे बाजा में खूब पसंद किया जा रहा है. जिसके कारण महिलाओं की आय दो गुनी हो गई है.
बता दें उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामनगर में स्थित 'वूमेन रिसोर्स सेंटर' से जुड़कर 30 से ज्यादा महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं. रामनगर के कानिया क्षेत्र में 'वूमेन रिसोर्स सेंटर' स्वयं सहायता समूह स्थित है. जिनमें क्षेत्र की ग्रामीण महिलाओं के साथ ही शहर की महिलाएं भी इस समूह से जुड़ी हैं. यहां महिलाएं पहाड़ी व ऑर्गेनिक उत्पाद तैयार कर उनकी बिक्री कर रही हैं. जिससे इन महिलाओं की स्थिति के साथ ही आर्थिक स्थिति में भी तेजी से सुधार हो रहा है. उसके साथ ही महिलाएं स्वरोजगार से जुड़ गई हैं.
बता दें रामनगर की महिलाएं स्वयं सहायता समूह से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रही हैं. उसके साथ ही पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष महिलाओं की आय भी दोगनी हो गई है. जानकारी देते हुए 'वूमेन रिसोर्स सेंटर' संयोजक अनिता आंनद ने बताया महिलाओं ने इस वर्ष दिवाली पर 280 से ज्यादा गिफ्ट हैम्पर बनाये. जिसमें पहाड़ी उत्पाद, पहाड़ी हल्दी,मसाले,पिशी नूड़,खुद बजाया अचार ,शहद,ऑर्गेनिक उत्पाद, ऐपण, गोबर के दिये, मोमबत्ती आदि जैसी चीजें शामिल थी. जिसका मूल्य 1100, 600, 250 रुपये रखा गया. अनिता ने बताया हमारे गिफ्ट हैंपर को स्थानीय लोगों के साथ ही देश के अलग-अलग क्षेत्र के लोगों ने भी बहुत पसंद किया है. जिससे पिछले 10 दिनों में हमें बहुत डिमांड आई हैं. हमने 280 से ज्यादा गिफ्ट हैंपर कोरियर के माध्यम बाहर भेजे हैं.
उन्होंने कहा पिछले वर्ष की बात करें तो लगभग 2 लाख से ज्यादा की आमदनी महिला समूह को हुई थी. इस वर्ष यह आमदनी दोगना होकर 5 लाख से ज्यादा पहुंच गई है. जिसको लेकर इस समूह से जुड़ी सभी महिलाएं उत्साहित हैं. उन्होंने कहा मुनाफे को आज हम महिलाएं आपस में बांट रही हैं. जिससे इस समूह से जुड़ी महिलाएं इन रुपयों से दिवाली की खरीदारी व अपने अन्य कामों में उपयोग कर सकेंगी.
बता दें कि समूह में 30 से ज्यादा महिलाएं स्वरोजगार से जुड़कर आत्मनिर्भर हो रही हैं. समूह से जुड़ी बुजुर्ग महिला दमयंती पन्त कहती हैं कि वह इस समूह से जुड़कर काफी खुश हैं. वह खाली समय में यहां आकर काम करती हैं. जिससे उनकी आमदनी हो जाती है. कमलेश बुधानी कहती हैं वह आज अपने घर का खर्चा चलाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. वह कहती हैं आज हम महिलाएं घर चूल्हे तक सीमित नहीं हैं. उन्होंने कहा आने वाले समय भी भी सहायता समूह ऐसे ही काम करता रहेगा.