ETV Bharat / state

कौन जीतेगा रामगढ़ का रण, उबाल खाने लगी राजनीति, जानें किसे मिल सकता है टिकट ! - उपचुनाव का मैदान

7 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासी पार्टियों ने कमर कस ली है. रामगढ़ सीट पर दोनों दलों की नजरें लगी हुई है.

रामगढ़ का रण
रामगढ़ का रण (फाइल फोटो)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 15, 2024, 7:58 AM IST

अलवर. रामगढ़ विधानसभा चुनाव में उपचुनाव की तिथि का अभी चुनाव आयोग ने ऐलान नहीं किया है, लेकिन क्षेत्र में राजनीति उबाल जोर मारने लगी है. टिकट के दावेदार अपने दलों के बड़े नेताओं से सम्पर्क साधने में जुटे हैं, वहीं प्रमुख राजनीतिक दल अभी कार्यकर्ताओं एवं क्षेत्रीय लोगों से फीडबैक लेने और सर्वे में जुटे हैं. रामगढ़ उपचुनाव को लेकर वैसे तो कांग्रेस व भाजपा गंभीर दिखाई पड़ रही हैं, लेकिन भाजपा में दावेदारों की लंबी कतार होने के कारण यहां माथापच्ची ज्यादा करनी पड़ रही है.

रामगढ़ विधायक रहे जुबेर खां के निधन के चलते रामगढ़ विधानसभा सीट पर जल्द ही उपचुनाव होना है. कांग्रेस व भाजपा में उपचुनाव को लेकर हलचल दिखाई पड़ रही है, तीसरे मोर्चे के दलों ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं. इन दलों की निगाह कांग्रेस व भाजपा के टिकट बंटवारे पर टिकी है. वहीं दोनों प्रमुख दल मजबूत उम्मीदवार की तलाश में जुटे हैं. कांग्रेस में प्रत्याशी चयन को लेकर मारामारी ज्यादा दिखाई नहीं दे रही. कारण है कि रामगढ़ सीट पर पिछले दो दशक से ज्यादा समय से कांग्रेस की ओर से जुबेर खां या उनके परिवार के सदस्य चुनाव लड़ते रहे हैं. जुबेर खां के आकस्मिक निधन के बाद क्षेत्र में उनके प्रति उपजी सहानुभूति का लाभ उठाने के लिए कांग्रेस इस बार भी जुबेर खां के परिवार के किसी सदस्य पर दांव लगाने की तैयारी में है. अभी जुबेर खां के छोटे पुत्र आर्यन के रामगढ़ सीट पर उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी होने की उम्मीद ज्यादा है. जुबेर खां की पत्नी साफ़िया खां का शोक के चलते अभी घर से बाहर निकलना संभव नहीं हो पा रहा है, इस कारण आर्यन को इस बार उपचुनाव में कांग्रेस की ओर से उतारने की पूरी तैयारी है.

कांग्रेस पार्टी की ओर से रामगढ़ उपचुनाव को लेकर तैयारी शुरू की जा चुकी है. कार्यकर्ताओं की बैठक का आयोजन कर सभी को चुनाव में जुटने को कहा गया है.

-योगेश मिश्रा, कांग्रेस जिलाध्यक्ष

पढ़ें: उपचुनाव में कांग्रेस से दो कदम आगे भाजपा, उम्मीदवारों के 3 नामों का पैनल, हारे बड़े चेहरों पर दांव खेलने की तैयारी

भाजपा में दावेदारों की भरमार : रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के लिए भाजपा में टिकट के दावेदारों की लंबी कतार है. हालांकि भाजपा में ज्ञानदेव आहूजा भी इस सीट पर डेढ़ दशक से ज्यादा समय से सक्रिय रहे हैं और चुनाव लड़े हैं. वे यहां से कई बार भाजपा के विधायक भी रहे हैं. इस कारण उपचुनाव में भी भाजपा की ओर से ज्ञानदेव आहूजा पर फ़िर से दांव लगाने की चर्चा जोरों पर है. वहीं ज्ञानेदव आहूजा के भतीजे जय आहूजा भी 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से भाग्य आजमा चुके हैं, लेकिन वे ज्ञानदेव आहूजा की तरह क्षेत्र में प्रभाव कायम नहीं कर पाए और तीसरे नम्बर पर लुढ़क गए. रामगढ़ सीट पर सुखवंत सिंह का दावा भी मजबूत माना जा रहा है. वे 2018 में यहां से भाजपा टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं, हालांकि सुखवंत यहां से जीत नहीं सके, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी साफ़िया खां को कड़ी टक्कर देने में कामयाब रहे थे. वहीं 2023 के विधानसभा चुनाव में सुखवंत सिंह को भाजपा का टिकट नहीं मिलने पर वे बागी होकर असपा से चुनाव लड़े और दूसरे नम्बर पर रहकर कांग्रेस को टक्कर देते दिखे. इस कारण सुखवंत सिंह दावेदारी को लेकर चर्चा में हैं. इसके अलावा पूर्व विधायक बनवारीलाल सिंघल ने इस बार रामगढ़ से उपचुनाव में भाजपा टिकट पर दावेदारी जताई है. हालांकि वे दो बार अलवर शहर से भाजपा टिकट पर चुनाव जीते, लेकिन बाद में पिछले दो विधानसभा चुनाव में उन्हें पार्टी ने कहीं से भी टिकट नहीं दिया. सिंघल भी इस बार रामगढ़ उपचुनाव में भाजपा टिकट पर अपना दावा जता रहे हैं. इसके अलावा भी रामगढ़ सीट पर भाजपा टिकट के कई और दावेदार हैं, लेकिन वे बायोडाटा तक सीमित हैं, चर्चा में ज्यादा नहीं है.

रामगढ़ उपचुनाव की तैयारियों में पार्टी जुटी है. बूथ लेवल तक कार्यकर्ताओं चुनावी तैयारी में जुटने को कहा गया है. प्रदेश स्तर से दावेदारों के नाम आदि अभी नहीं मांगे गए हैं. -अशोक गुप्ता , भाजपा जिलाध्यक्ष

पार्टियां रख रही फूंक-फूंक कर कदम : रामगढ़ उपचुनाव में कांग्रेस व भाजपा दोनों ही प्रमुख दल प्रत्याशी चयन को लेकर सतर्क दिखाई पड़ रहे हैं. कांग्रेस में टिकट को लेकर ज्यादा मारामारी नहीं होने से कार्यकर्ताओं की राय एवं लोगों के फीडबैक पर जोर दिया जा रहा है. वहीं भाजपा में टिकट को लेकर माथापच्ची ज्यादा है. इस कारण पार्टी नेता कार्यकर्ताओं व आमजन का फीडबैक लेने के साथ ही स्वयं के स्तर पर सर्वे भी करा रही है. हालांकि भाजपा की ओर से प्रदेश कोर कमेटी की बैठक में तीन दावेदारों के नाम के पैनल तैयार होने की चर्चा भी जोरों पर है.

पढ़ें: केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव बोले- रामगढ़ उपचुनाव में कमल ही भाजपा का प्रत्याशी, मैदान में उतरेगा हर कार्यकर्ता - Bhupendra Yadav On By Election

उपचुनाव को लेकर प्रदेश स्तर पर हलचल : रामगढ़ उपचुनाव को लेकर कांग्रेस व भाजपा में स्थानीय स्तर पर ज्यादा हलचल दिखाई नहीं पड़ती. यहां दोनों ही दलों की ओर से कार्यकर्ताओं की बैठकों में फीडबैक लेने एवं एकजुटता का संदेश दिया जा रहा है. लेकिन प्रदेश स्तर पर दोनों ही दलों के नेता उपचुनाव को लेकर गंभीर दिखाई पड़ रहे हैं.

अलवर. रामगढ़ विधानसभा चुनाव में उपचुनाव की तिथि का अभी चुनाव आयोग ने ऐलान नहीं किया है, लेकिन क्षेत्र में राजनीति उबाल जोर मारने लगी है. टिकट के दावेदार अपने दलों के बड़े नेताओं से सम्पर्क साधने में जुटे हैं, वहीं प्रमुख राजनीतिक दल अभी कार्यकर्ताओं एवं क्षेत्रीय लोगों से फीडबैक लेने और सर्वे में जुटे हैं. रामगढ़ उपचुनाव को लेकर वैसे तो कांग्रेस व भाजपा गंभीर दिखाई पड़ रही हैं, लेकिन भाजपा में दावेदारों की लंबी कतार होने के कारण यहां माथापच्ची ज्यादा करनी पड़ रही है.

रामगढ़ विधायक रहे जुबेर खां के निधन के चलते रामगढ़ विधानसभा सीट पर जल्द ही उपचुनाव होना है. कांग्रेस व भाजपा में उपचुनाव को लेकर हलचल दिखाई पड़ रही है, तीसरे मोर्चे के दलों ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं. इन दलों की निगाह कांग्रेस व भाजपा के टिकट बंटवारे पर टिकी है. वहीं दोनों प्रमुख दल मजबूत उम्मीदवार की तलाश में जुटे हैं. कांग्रेस में प्रत्याशी चयन को लेकर मारामारी ज्यादा दिखाई नहीं दे रही. कारण है कि रामगढ़ सीट पर पिछले दो दशक से ज्यादा समय से कांग्रेस की ओर से जुबेर खां या उनके परिवार के सदस्य चुनाव लड़ते रहे हैं. जुबेर खां के आकस्मिक निधन के बाद क्षेत्र में उनके प्रति उपजी सहानुभूति का लाभ उठाने के लिए कांग्रेस इस बार भी जुबेर खां के परिवार के किसी सदस्य पर दांव लगाने की तैयारी में है. अभी जुबेर खां के छोटे पुत्र आर्यन के रामगढ़ सीट पर उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी होने की उम्मीद ज्यादा है. जुबेर खां की पत्नी साफ़िया खां का शोक के चलते अभी घर से बाहर निकलना संभव नहीं हो पा रहा है, इस कारण आर्यन को इस बार उपचुनाव में कांग्रेस की ओर से उतारने की पूरी तैयारी है.

कांग्रेस पार्टी की ओर से रामगढ़ उपचुनाव को लेकर तैयारी शुरू की जा चुकी है. कार्यकर्ताओं की बैठक का आयोजन कर सभी को चुनाव में जुटने को कहा गया है.

-योगेश मिश्रा, कांग्रेस जिलाध्यक्ष

पढ़ें: उपचुनाव में कांग्रेस से दो कदम आगे भाजपा, उम्मीदवारों के 3 नामों का पैनल, हारे बड़े चेहरों पर दांव खेलने की तैयारी

भाजपा में दावेदारों की भरमार : रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के लिए भाजपा में टिकट के दावेदारों की लंबी कतार है. हालांकि भाजपा में ज्ञानदेव आहूजा भी इस सीट पर डेढ़ दशक से ज्यादा समय से सक्रिय रहे हैं और चुनाव लड़े हैं. वे यहां से कई बार भाजपा के विधायक भी रहे हैं. इस कारण उपचुनाव में भी भाजपा की ओर से ज्ञानदेव आहूजा पर फ़िर से दांव लगाने की चर्चा जोरों पर है. वहीं ज्ञानेदव आहूजा के भतीजे जय आहूजा भी 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से भाग्य आजमा चुके हैं, लेकिन वे ज्ञानदेव आहूजा की तरह क्षेत्र में प्रभाव कायम नहीं कर पाए और तीसरे नम्बर पर लुढ़क गए. रामगढ़ सीट पर सुखवंत सिंह का दावा भी मजबूत माना जा रहा है. वे 2018 में यहां से भाजपा टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं, हालांकि सुखवंत यहां से जीत नहीं सके, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी साफ़िया खां को कड़ी टक्कर देने में कामयाब रहे थे. वहीं 2023 के विधानसभा चुनाव में सुखवंत सिंह को भाजपा का टिकट नहीं मिलने पर वे बागी होकर असपा से चुनाव लड़े और दूसरे नम्बर पर रहकर कांग्रेस को टक्कर देते दिखे. इस कारण सुखवंत सिंह दावेदारी को लेकर चर्चा में हैं. इसके अलावा पूर्व विधायक बनवारीलाल सिंघल ने इस बार रामगढ़ से उपचुनाव में भाजपा टिकट पर दावेदारी जताई है. हालांकि वे दो बार अलवर शहर से भाजपा टिकट पर चुनाव जीते, लेकिन बाद में पिछले दो विधानसभा चुनाव में उन्हें पार्टी ने कहीं से भी टिकट नहीं दिया. सिंघल भी इस बार रामगढ़ उपचुनाव में भाजपा टिकट पर अपना दावा जता रहे हैं. इसके अलावा भी रामगढ़ सीट पर भाजपा टिकट के कई और दावेदार हैं, लेकिन वे बायोडाटा तक सीमित हैं, चर्चा में ज्यादा नहीं है.

रामगढ़ उपचुनाव की तैयारियों में पार्टी जुटी है. बूथ लेवल तक कार्यकर्ताओं चुनावी तैयारी में जुटने को कहा गया है. प्रदेश स्तर से दावेदारों के नाम आदि अभी नहीं मांगे गए हैं. -अशोक गुप्ता , भाजपा जिलाध्यक्ष

पार्टियां रख रही फूंक-फूंक कर कदम : रामगढ़ उपचुनाव में कांग्रेस व भाजपा दोनों ही प्रमुख दल प्रत्याशी चयन को लेकर सतर्क दिखाई पड़ रहे हैं. कांग्रेस में टिकट को लेकर ज्यादा मारामारी नहीं होने से कार्यकर्ताओं की राय एवं लोगों के फीडबैक पर जोर दिया जा रहा है. वहीं भाजपा में टिकट को लेकर माथापच्ची ज्यादा है. इस कारण पार्टी नेता कार्यकर्ताओं व आमजन का फीडबैक लेने के साथ ही स्वयं के स्तर पर सर्वे भी करा रही है. हालांकि भाजपा की ओर से प्रदेश कोर कमेटी की बैठक में तीन दावेदारों के नाम के पैनल तैयार होने की चर्चा भी जोरों पर है.

पढ़ें: केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव बोले- रामगढ़ उपचुनाव में कमल ही भाजपा का प्रत्याशी, मैदान में उतरेगा हर कार्यकर्ता - Bhupendra Yadav On By Election

उपचुनाव को लेकर प्रदेश स्तर पर हलचल : रामगढ़ उपचुनाव को लेकर कांग्रेस व भाजपा में स्थानीय स्तर पर ज्यादा हलचल दिखाई नहीं पड़ती. यहां दोनों ही दलों की ओर से कार्यकर्ताओं की बैठकों में फीडबैक लेने एवं एकजुटता का संदेश दिया जा रहा है. लेकिन प्रदेश स्तर पर दोनों ही दलों के नेता उपचुनाव को लेकर गंभीर दिखाई पड़ रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.