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रामायण की सीता ने हैप्पी फैमली के लिए बताई ये चार जरूरी बातें

भीलवाड़ा में दशहरा मेले में रामायण में सीता का किरदार निभाने वाली दीपिका ने सीता हरण का प्रसंग सुनाया तो लोग भाव विभोर हो गए.

दशहरा मेले का आयोजन
दशहरा मेले का आयोजन (फोटो ईटीवी भारत भीलवाड़ा)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 13, 2024, 10:12 AM IST

Updated : Oct 13, 2024, 10:34 AM IST

भीलवाड़ा. जिले में शनिवार को बड़े हर्ष और उल्लास से विजयदशमी का पर्व मनाया गया. भीलवाड़ा जिला मुख्यालय सहित गुलाबपुरा, आसींद, मांडलगढ़, बिजोलिया और गंगापुर कस्बे में रावण, मेघनाथ व कुंभकरण की पुतले का दहन किया गया इस दौरान हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे.

भीलवाड़ा जिले के गुलाबपुरा नगर पालिका की ओर से नगर पालिका के अध्यक्ष सुमित कालिया की अध्यक्षता में दशहरा मेले का आयोजन हुआ. जहां दशहरे मेले में रावण , कुंभकरण व मेघनाथ के पुतले का दहन किया गया. जहां गुलाबपुरा कस्बे के सार्वजनिक धर्मशाला से जुलूस की शुरुआत हुई इस जुलूस में रामायण धारावाहिक में सीता माता का रोल अदा करने वाली दीपिका चिखलिया ने शिरकत की. जहां दीपिका चिखलिया गुलाबपुरा कस्बे में पहुंचने पर लोगों ने माता सीता का स्वरूप जानकर प्रणाम किया .

पढ़ें : जयपुर के दशहरा मैदान में हुआ रावण दहन, आतिशबाजी में दिखा नियाग्रा फॉल और स्टार वार्स जैसा नजारा

दशहरा मेले का आयोजन : गुलाबपुरा कस्बे के चिकित्सालय के पास स्थित दशहरा मेला मैदान में रामायण टीवी सीरियल में सीता का किरदार निभाने वाली दीपिका ने मेले में मौजूद हजारों लोगों को सीता माता के हरण का प्रसंग सुनाया तो हजारों लोग भावविभोर हो उठे . जहां दीपिका ने कहा की रावण ने सीता माता का अपहरण किया अगर वह संवाद नहीं होता तो रामायण - रामायण ना रहती . श्री राम के वनवास के दौरान माता सीता ने सोने के हिरण को देखकर प्रभु श्री राम उस हिरण की मांग की थी . उस दौरान भगवान श्री राम ने सीता माता को समझाया था लेकिन सीता नहीं मानी और सोने के हिरन की मांग करती रही तब श्री राम सोने के हिरण को लेने गए ओर लक्ष्मण व सीता माता कुटिया मे रही. इसी दौरान अचानक जोर-जोर से चिल्लाने की आवाज आई. भैया लक्ष्मण मेरे भाई बचाओ. ऐसी आवाज आई यह आवाज सुनकर सीता माता रोने लगी और व्याकुल हो गई तभी अपने देवर सामान भाई लक्ष्मण को कहती है लक्ष्मण सुना आपने, यह आपके भाई की आवाज है तुम्हारे भाई को क्या हुआ , तुम जाते क्यों नहीं ? तुम यहां खड़े क्यों हो जिस भाई ने आपको पुत्र के सम्मान पाला है. उनकी जान संकट में आ गई है तो आप चूहे के भांति अपने भाभी के आंचल मैं छुप गए ?नहीं लक्ष्मण नहीं, अपने भाई के प्राण बचा लो , इसके बाद सबको पता है क्या हुआ लक्ष्मण ने लक्ष्मण रेखा खींचकर गये. उसके बाद रावण आए उसके बाद ही पूरी रामायण इस वाकया व हादसे के बाद शुरू होती है.

दीपिका ने सीता हरण का प्रसंग सुनाया (वीडियो ईटीवी भारत भीलवाड़ा)

पढ़ें : बाड़मेर में रावण दहन: श्रीराम के तीर से हुआ दशानन का अंत, राम-लक्ष्मण बोले- भ्रष्टाचार हो कम

वहीं मेले में रावण , कुंभकरण व मेघनाथ के पुतले के दहन के बाद रामायण सीरियल में माता सीता का रोल निभाने वाली दीपिका ने प्रेस से मुखातिब होते हुए कहा कि उन्होंने पतिव्रता नारी का धर्म निभाया .वर्तमान दौर मे पारिवारिक मामले बढ़ते जा रहे हैं जिसको लेकर दीपिका ने कहा कि आज के दौर में बिल्कुल पेशेंस नहीं है. जहां नव दंपति का आपस में इगो काम करता है और खुद की चलाने की बात करते हैं जबकि रिलेशनशिप व़ संबंध होते हैं उनको पेंशेंस, समझौते , प्यार व समझदारी के साथ निभाना पड़ता है. वह मुझे लगता स्ट्रेस व भागदौड की वजह से वो समझ चली गई है. नव दंपति में लेडिस को ही क्यों टारगेट किया जाता है कोई भी संबंध आदमी- औरत दोनों के साथ जुड़ा हुआ है. दोनों को समझना एक दूसरे के लिए बहुत जरूरी है. आदमी औरत की प्रॉब्लम को समझें और औरत आदमी की प्रॉब्लम को समझे तो इजीली सॉल्व किया जा सकता है यह महिलाओं का प्रॉब्लम नहीं. पति-पत्नी दोनों जैसे रक्त होता है, दो पहिए होते हैं उसी प्रकार अपनी शादी होती है रिलेशनशिप होता है उसको आपको निभाना पड़ता है.

भीलवाड़ा. जिले में शनिवार को बड़े हर्ष और उल्लास से विजयदशमी का पर्व मनाया गया. भीलवाड़ा जिला मुख्यालय सहित गुलाबपुरा, आसींद, मांडलगढ़, बिजोलिया और गंगापुर कस्बे में रावण, मेघनाथ व कुंभकरण की पुतले का दहन किया गया इस दौरान हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे.

भीलवाड़ा जिले के गुलाबपुरा नगर पालिका की ओर से नगर पालिका के अध्यक्ष सुमित कालिया की अध्यक्षता में दशहरा मेले का आयोजन हुआ. जहां दशहरे मेले में रावण , कुंभकरण व मेघनाथ के पुतले का दहन किया गया. जहां गुलाबपुरा कस्बे के सार्वजनिक धर्मशाला से जुलूस की शुरुआत हुई इस जुलूस में रामायण धारावाहिक में सीता माता का रोल अदा करने वाली दीपिका चिखलिया ने शिरकत की. जहां दीपिका चिखलिया गुलाबपुरा कस्बे में पहुंचने पर लोगों ने माता सीता का स्वरूप जानकर प्रणाम किया .

पढ़ें : जयपुर के दशहरा मैदान में हुआ रावण दहन, आतिशबाजी में दिखा नियाग्रा फॉल और स्टार वार्स जैसा नजारा

दशहरा मेले का आयोजन : गुलाबपुरा कस्बे के चिकित्सालय के पास स्थित दशहरा मेला मैदान में रामायण टीवी सीरियल में सीता का किरदार निभाने वाली दीपिका ने मेले में मौजूद हजारों लोगों को सीता माता के हरण का प्रसंग सुनाया तो हजारों लोग भावविभोर हो उठे . जहां दीपिका ने कहा की रावण ने सीता माता का अपहरण किया अगर वह संवाद नहीं होता तो रामायण - रामायण ना रहती . श्री राम के वनवास के दौरान माता सीता ने सोने के हिरण को देखकर प्रभु श्री राम उस हिरण की मांग की थी . उस दौरान भगवान श्री राम ने सीता माता को समझाया था लेकिन सीता नहीं मानी और सोने के हिरन की मांग करती रही तब श्री राम सोने के हिरण को लेने गए ओर लक्ष्मण व सीता माता कुटिया मे रही. इसी दौरान अचानक जोर-जोर से चिल्लाने की आवाज आई. भैया लक्ष्मण मेरे भाई बचाओ. ऐसी आवाज आई यह आवाज सुनकर सीता माता रोने लगी और व्याकुल हो गई तभी अपने देवर सामान भाई लक्ष्मण को कहती है लक्ष्मण सुना आपने, यह आपके भाई की आवाज है तुम्हारे भाई को क्या हुआ , तुम जाते क्यों नहीं ? तुम यहां खड़े क्यों हो जिस भाई ने आपको पुत्र के सम्मान पाला है. उनकी जान संकट में आ गई है तो आप चूहे के भांति अपने भाभी के आंचल मैं छुप गए ?नहीं लक्ष्मण नहीं, अपने भाई के प्राण बचा लो , इसके बाद सबको पता है क्या हुआ लक्ष्मण ने लक्ष्मण रेखा खींचकर गये. उसके बाद रावण आए उसके बाद ही पूरी रामायण इस वाकया व हादसे के बाद शुरू होती है.

दीपिका ने सीता हरण का प्रसंग सुनाया (वीडियो ईटीवी भारत भीलवाड़ा)

पढ़ें : बाड़मेर में रावण दहन: श्रीराम के तीर से हुआ दशानन का अंत, राम-लक्ष्मण बोले- भ्रष्टाचार हो कम

वहीं मेले में रावण , कुंभकरण व मेघनाथ के पुतले के दहन के बाद रामायण सीरियल में माता सीता का रोल निभाने वाली दीपिका ने प्रेस से मुखातिब होते हुए कहा कि उन्होंने पतिव्रता नारी का धर्म निभाया .वर्तमान दौर मे पारिवारिक मामले बढ़ते जा रहे हैं जिसको लेकर दीपिका ने कहा कि आज के दौर में बिल्कुल पेशेंस नहीं है. जहां नव दंपति का आपस में इगो काम करता है और खुद की चलाने की बात करते हैं जबकि रिलेशनशिप व़ संबंध होते हैं उनको पेंशेंस, समझौते , प्यार व समझदारी के साथ निभाना पड़ता है. वह मुझे लगता स्ट्रेस व भागदौड की वजह से वो समझ चली गई है. नव दंपति में लेडिस को ही क्यों टारगेट किया जाता है कोई भी संबंध आदमी- औरत दोनों के साथ जुड़ा हुआ है. दोनों को समझना एक दूसरे के लिए बहुत जरूरी है. आदमी औरत की प्रॉब्लम को समझें और औरत आदमी की प्रॉब्लम को समझे तो इजीली सॉल्व किया जा सकता है यह महिलाओं का प्रॉब्लम नहीं. पति-पत्नी दोनों जैसे रक्त होता है, दो पहिए होते हैं उसी प्रकार अपनी शादी होती है रिलेशनशिप होता है उसको आपको निभाना पड़ता है.

Last Updated : Oct 13, 2024, 10:34 AM IST
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