मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: इन दिनों पूरे देश में राम भक्त रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या पहुंच रहे हैं. सालों प्रतिक्षा के बाद आखिरकार रामजी अयोध्या में विराजमान हुए हैं. यही कारण है कि हर राम भक्त अयोध्या एक बार जाकर रामजी के दर्शन को पहुंच रहे हैं. इस बीच मनेन्द्रगढ़ से एक 60 साल का रामभक्त पैदल रामजी की यात्रा के लिए निकल पड़े हैं. जगह-जगह रामभक्त इनका स्वागत कर रहे हैं.
सात नदियों का जल लेकर करेंगे रामलला का दर्शन: दरअसल, मनेद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर से पंडित विष्णु दत्त मिश्रा नंगे पांव रामजी के दर्शन को निकल पड़े हैं. सबसे पहले उन्होंने हसदेव नदी का जल लेकर पंचमुखी हनुमान मंदिर में दर्शन किए फिर वो रामजी की नगरी अयोध्या के लिए निकल पड़े. इस दौरान जगह-जगह श्रद्धालुओं ने उनका स्वागत किया. ईटीवी भारत ने पंडित विष्णु दत्त मिश्रा से बातचीत की. उन्होंने बताया कि, "यहां से पहले अमरकंटक पहुंचेंगे. वहां से प्रयागराज होते हुए सात नदियों का जल लेकर रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या पहुंचेंगे.पहले जब अयोध्या गया था तब संकल्प लिया था कि जब भगवान नारायण अपने स्थान पर विराजमान हो जाएंगे, तो वह उनसे निवेदन करेंगे कि वह कैलाश मानसरोवर को भी स्वतंत्र करावे. क्योंकि यह वर्तमान में चीन के अधीन है और हमारा यह भारतवर्ष बाबा भोलेनाथ के बिना अधूरा सा है."
इससे पहले वैष्णो माता के कर चुके हैं दर्शन: स्थानीय लोगों की मानें तो बुजुर्ग पंडित विष्णु दत्त मिश्रा हसदेव गंगा नदी के तट पर रहते हैं. वो माता रानी की सेवा करते हैं. नौ दिनों तक उपवास रखते हैं. माता रानी के भक्त हैं. पिछले मार्च में उन्होंने 2150 किलोमीटर पैदल चल माता रानी वैष्णो देवी के दर्शन किए थे. जिसमें उनकी यह यात्रा 114 दिनों में पूरी हुई थी.
पहले ही लिया था संकल्प: बताया जा रहा है कि पंडित विष्णु दत्त मिश्रा ने यह संकल्प लिया था कि जब हमारे प्रभु राम अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे, तब पैदल उनके दर्शन को लिए जाउंगा. उनके पैर पखारने के लिए हसदेव, रामदाह, प्रयागराज से त्रिवेणी नदी का जल लेकर जाउंगा. बता दें कि बुजुर्ग विष्णु दत्त मिश्रा इससे पहले माता वैष्णो देवी के दर्शन भी लगभग दो हजार से अधिक किलोमीटर की पदयात्रा कर चुके हैं. तब वह वहां से माता की ज्योति लेकर मनेद्रगढ़ वापस आए थे.