रतलाम। रतलाम एसपी राहुल लोढा ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पूरे मामले का खुलासा किया है. एसपी ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार अभी तक रतलाम निवासी चार व्यक्तियों के नाम पर फर्जी कंपनियां बनाकर अलग-अलग बैंकों में खाते खुलवाए गए. इन बैंक खातों के माध्यम से करोड़ों रुपए का ट्रांजेक्शन किया गया. रतलाम में फास्ट फूड का ठेला लगाने वाले सूरज चौरे ने पुलिस में शिकायत की थी. इसके बाद एसपी राहुल लोढा के निर्देश पर जांच शुरू हुई तो जो मामला सामने आया उससे पुलिस की आंखें भी फटी रह गईं.
राजस्थान निवासी 3 लोग गिरफ्तार
एसपी राहुल लोढा ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने राजस्थान निवासी तुलसीराम पिता गोपाल ओझा, योगेश पिता मदनलाल शर्मा और सूर्य प्रकाश त्रिपाठी को गिरफ्तार किया है. वर्तमान में तीनों लोग रतलाम के शक्ति नगर में रह रहे थे. फरियादी सूरज ने पुलिस को शिकायत में बताया कि कुछ समय पहले उसकी मुलाकात तुलसीराम से हुई थी. तुलसीराम ने सूरज को हर महीने 15 हजार रुपए देने का लालच दिया. इसके बदले में सूरज के नाम से एक फर्म बनाकर बैंक खाते खुलवाए गए. तुलसीराम ने बैंक खाते की डिटेल्स, चेक बुक और खाते में दर्ज नंबर की सिम सूरज से ले ली थी. तुलसीराम ने सूरज को और भी लोगों के खाते खुलवाने और पैसे देने का लालच दिया. इसके बाद सूरज ने दो और खाते खुलवाए, लेकिन तुलसीराम ने दो अन्य खातों के पैसे सूरज को नहीं दिए.
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
पैसे नहीं मिलने पर सूरज बैंक में खाता बंद करवाने गया तो उसे पता चला कि उसके खाते से करोड़ों रुपए का लेनदेन हो रहा है. उसके चेक पर किसी अन्य व्यक्ति का हस्ताक्षर कर लेनदेन किया जा रहा है. इसके बाद फरियादी सूरज द्वारा बैंक खाता फ्रिज करवाने के लिए आवेदन दिया गया. मामले की शिकायत पुलिस को की गई. एसपी राहुल लोढा ने बताया कि फरियादी की रिपोर्ट पर धारा 420, 467, 468 ,120 बी में प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच शुरू की गई. साइबर सेल रतलाम और औद्योगिक क्षेत्र रतलाम पुलिस की संयुक्त टीम बनाई गई. इसके बाद शक्ति नगर में आरोपियों के ठिकानों पर दबिश देकर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.
आरोपी पुलिस रिमांड पर
आरोपियों को न्यायालय में पेश कर 3 फरवरी तक की रिमांड ली गई है. एसपी राहुल लोढा ने बताया कि जांच में अभी तक रतलाम के चार लोगों के नाम से अलग-अलग बैंकों में खाता खोले जाने की जानकारी मिली है. सूरज के अलावा जिन लोगों के नाम पर खाते खोले गए हैं, उनमें एक मजदूरी करता है. एक प्रिंटिंग प्रेस पर काम करता है और एक सब्जी का ठेला लगाता है. चारों लोगों को पैसे का लालच देकर दस्तावेज लिए गए और फर्जी कंपनियां बनाकर बाकायदा जीएसटी नंबर भी लिए गए. इसके बाद अलग-अलग बैंकों में खाते खुलवाए गए.
दो माह के अंदर खुले खाते
एसपी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ये खाते डेढ़ से दो माह पहले ही खुलवाए गए हैं. इतने समय में ही इन खातों से 50 से 60 करोड रुपए का ट्रांजेक्शन होने की जानकारी सामने आई है. खातों की जांच में पता चला है कि इनमें अलग-अलग शहरों से रुपए का लेनदेन किया गया है. करोड़ों रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ है, जो चौंकाने वाला है. आरोपियों के मोबाइल नंबर से उन्हें कुछ अन्य मोबाइल नंबर प्राप्त हुए हैं. वहीं एक लैपटॉप भी जब्त किया गया है. आरोपियों की कुछ लोगों से चैटिंग भी मिली है. पुलिस तकनीकी जांच और पूछताछ के आधार पर पता लगाने का प्रयास कर रही है कि इस पूरे खेल के पीछे कौन-कौन लोग शामिल हैं.
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कई शहरों में फ्रॉड अकाउंट खुलवाए
जांच में पुलिस को अन्य शहरों में भी 35 से 40 खातों की जानकारी मिली है वहीं अन्य राज्यों में भी 40 से 50 फर्जी कंपनियों का पता लगा है. कुछ शहरों में खातों को फ्रिज भी करवाया गया है, जिससे पता चलता है कि अन्य शहरों में भी इस पूरे खेल की शिकायत हुई है, जिसके बाद खाते फ्रीज हुए हैं. रतलाम पुलिस ने भी यहां खोले गए सभी खातों को फ्रीज करवा दिया है. एसपी राहुल लोढा ने बताया कि बैंक के किसी खाते में संदिग्ध या बड़े ट्रांजेक्शन होने पर बैंक अधिकारी को इनकम टैक्स विभाग को इसकी जानकारी देनी होती है. रतलाम में खोले गए नौ खातों में पिछले डेढ़ माह में 50 करोड़ से अधिक का ट्रांजेक्शन हुआ, लेकिन बैंको की ओर से इस और कोई ध्यान नहीं दिया गया. जल्द ही संबंधित बैंक के अधिकारियों से भी पुलिस सवाल जवाब करेगी.