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मसूरी में अंतरराष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस पर निकाली गई रैली, बुजुर्गों को बताया गया धरोहर - World Senior Citizen Day - WORLD SENIOR CITIZEN DAY

World Senior Citizen Day मसूरी में ऑल मसूरी वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति ने एक रैली का आयोजन किया. रैली के दौरान सभी लोगों से वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान करने की अपील की गई. साथ ही वरिष्ठ नागरिकों के अनुभवों का लाभ उठाने का आह्वान किया गया.

World Senior Citizen Day
अंतरराष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस पर निकाली गई रैली (photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 1, 2024, 4:00 PM IST

मसूरी: पहाड़ों की रानी में अंतरराष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस पर ऑल मसूरी वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति ने रैली निकाली. रैली में वरिष्ठ नागरिकों के साथ-साथ मसूरी सनातन धर्म इंटर कॉलेज और मसूरी गर्ल्स इंटर कॉलेज के बच्चे शामिल हुए. रैली मसूरी तिलक मेमोरियल लाइब्रेरी कुलड़ी से मालरोड, इंद्रमणि बडोनी चौक, शहीद स्थल होते हुए गांधी चौक तक निकाली गई.

वरिष्ठ नागरिक हमारी धरोहर: मसूरी वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति के महामंत्री नरेंद्र साहनी और रिटायर्ड आईएएस एएस खुल्लर ने कहा कि भारतीय संस्कृति में वरिष्ठ नागरिकों को बहुत सम्मान दिया गया है. आज भी जो लोग संस्कारी हैं, वे अपने बुजुर्गों का सम्मान करते हैं. वरिष्ठ नागरिक हमारी धरोहर हैं. ऐसे में उनका सम्मान करना प्रत्येक परिवार और शहरवासी का कर्तव्य है. उन्होंने कहा कि बिना बजुर्गों के सम्मान के समाज आगे नहीं बढ़ सकता है.

पाश्चात्य संस्कृति से बुजुर्ग हो रहे परेशान: नरेंद्र साहनी और रिटायर्ड आईएएस एएस खुल्लर ने कहा कि आज पाश्चात्य संस्कृति हावी हो गई है, जिसके कारण वरिष्ठ नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन उनका अनुभव देश को नई दिशा देने और आगे बढ़ाने में काम आ सकता है. लोग उनके अनुभवों का लाभ लेकर समाज और देश के विकास में सहयोग करें. उन्होंने कहा कि वर्तमान में बुजुर्गों के साथ उनके बच्चे ही अत्याचार कर रहे हैं. कई बुजुर्गों को घरों से निकालकर बुजुर्ग आश्रम में डाल दिया गया है, जो चिंतनीय और निंदनीय है.

बुजुर्गों को हिंसा व उत्पीड़न सहने की जरूरत नहीं: वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा व देखरेख के लिए कड़े कानून बनाए गए हैं, जिसकी मूल भावना वरिष्ठ नागरिकों को समाज में सम्मान पाने, जीने व सुरक्षित रहने का अधिकार है. उन्होंने कहा कि बुजर्गों को हिंसा व उत्पीड़न सहने की जरूरत नहीं है, उसके लिए कानून बने हैं और सजा का प्रावधान भी है.

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वरिष्ठ नागरिक हमारी धरोहर: मसूरी वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति के महामंत्री नरेंद्र साहनी और रिटायर्ड आईएएस एएस खुल्लर ने कहा कि भारतीय संस्कृति में वरिष्ठ नागरिकों को बहुत सम्मान दिया गया है. आज भी जो लोग संस्कारी हैं, वे अपने बुजुर्गों का सम्मान करते हैं. वरिष्ठ नागरिक हमारी धरोहर हैं. ऐसे में उनका सम्मान करना प्रत्येक परिवार और शहरवासी का कर्तव्य है. उन्होंने कहा कि बिना बजुर्गों के सम्मान के समाज आगे नहीं बढ़ सकता है.

पाश्चात्य संस्कृति से बुजुर्ग हो रहे परेशान: नरेंद्र साहनी और रिटायर्ड आईएएस एएस खुल्लर ने कहा कि आज पाश्चात्य संस्कृति हावी हो गई है, जिसके कारण वरिष्ठ नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन उनका अनुभव देश को नई दिशा देने और आगे बढ़ाने में काम आ सकता है. लोग उनके अनुभवों का लाभ लेकर समाज और देश के विकास में सहयोग करें. उन्होंने कहा कि वर्तमान में बुजुर्गों के साथ उनके बच्चे ही अत्याचार कर रहे हैं. कई बुजुर्गों को घरों से निकालकर बुजुर्ग आश्रम में डाल दिया गया है, जो चिंतनीय और निंदनीय है.

बुजुर्गों को हिंसा व उत्पीड़न सहने की जरूरत नहीं: वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा व देखरेख के लिए कड़े कानून बनाए गए हैं, जिसकी मूल भावना वरिष्ठ नागरिकों को समाज में सम्मान पाने, जीने व सुरक्षित रहने का अधिकार है. उन्होंने कहा कि बुजर्गों को हिंसा व उत्पीड़न सहने की जरूरत नहीं है, उसके लिए कानून बने हैं और सजा का प्रावधान भी है.

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