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हाथरस हादसे के पीड़ितों से मिले राकेश टिकैत; बोले- धार्मिक आयोजन सरकार का एजेंडा तो जिम्मेदारी किसकी? - Rakesh Tikait in Hathras

हाथरस सत्संग कांड में मारे गए लोगों के परिवार वालों से मिलने भाकियू नेता राकेश टिकैत (Hathras satsang stampede) पहुंचे. इस दौरान परिजनों से मिलकर दुख जताया और बातचीत की और उन्हें मदद का भरोसा दिलाया.

सत्संग कांड के मृतकों के परिजनों से मिले भाकियू नेता राकेश टिकैत
सत्संग कांड के मृतकों के परिजनों से मिले भाकियू नेता राकेश टिकैत (फोटो क्रेडिट : Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 8, 2024, 5:29 PM IST

हाथरस पहुंचे भाकियू नेता राकेश टिकैत (वीडियो क्रेडिट : ETV bharat)

हाथरस : साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में मारे गए लोगों के परिजनों से सोमवार को भाकियू नेता राकेश टिकैत मिलने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने पीड़ित परिवारों को 50 लाख मुआवजा देने की बात कही. उन्होंने कहा कि धार्मिक आयोजन सरकार का एजेंडा है. अगला धार्मिक युद्ध होगा जो सरकार ने कहा है कि मथुरा में होगा.

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आखिर आयोजकों पर कार्रवाई क्यों हो? इसके साथ ही उन्होंने मांग की है कि 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए.धार्मिक आयोजन सरकार करा रही है. ये सरकार की योजनाएं हैं. अगर भीड़ इकट्ठी होगी तो घटनाएं भी होंगी. हादसे की जिम्मेदारी महाराज पर क्यों डाल रहे हो भाई? सरकार जिम्मेदारी ले. भोले बाबा की कोई जिम्मेदारी नहीं है. भीड़ आ रही है तो भोले बाबा की क्या जिम्मेदारी है? इंतजाम सरकार को करना चाहिए. टिकैत ने कहा कि ऋषि परंपरा से छेड़छाड़ होगी तो इस तरह के झगड़े होंगे. किसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने से और न ही एसआईटी जांच से होगी. यह तो 20 साल पहले ही एजेंडे की शुरुआत हो गई थी, लेकिन धार्मिक फंड इसके लिए रखना चाहिए. यदि इस तरह के हादसे होंगे तो उसका मुआवजा कौन देगा. उन्होंने देश को कृषि और ऋषि परंपरा का देश बताया और कहा कि यदि कृषि परंपरा से छेड़छाड़ की जाएगी तो यहां धरना प्रदर्शन आंदोलन किए जाएंगे.

यह भी पढ़ें : हाथरस सत्संग भगदड़; भोले बाबा की महिला अनुयायी बोलीं, पहली बार देखा ऐसा मंजर...कांप गई रूह

यह भी पढ़ें : हाथरस सत्संग भगदड़; न्यायिक जांच आयोग गठित, हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस बृजेश कुमार श्रीवास्तव होंगे अध्यक्ष


बाल संरक्षण अधिकार आयोग के अध्यक्ष ने जाना घायलों का हाल चाल : बाल संरक्षण अधिकार आयोग के अध्यक्ष देवेन्द्र शर्मा ने सिकंदराराऊ हादसे के घायलों का हाल जाना. उन्होंने कहा कि मैं इस घटना में प्रभावित बच्चों की चिंता करने के लिए आया था. जनपद में 19 परिवार इस घटना से प्रभावित हुए हैं, जहां कैजुअल्टी हुई हैं. 19 परिवारों में सात बच्चे हैं, उन बच्चों के पढ़ने की चिंता सरकार करेगी. मुख्यमंत्री बाल सामान्य योजना के तहत 2500 रुपये प्रतिमाह सरकार देगी. इसको लेकर जिला प्रोबेशन अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं. जिन परिवारों में बेटियां हैं, उन्हें कन्या सुमंगला योजना के तहत लाभ दिया जाएगा. बच्चों का अटल आवासीय योजना के तहत प्रवेश भी कराया जाएगा. देवेन्द्र शर्मा ने बताया कि 18 साल तक की लड़कियों को सरकार की योजना के अंतर्गत लाभ दिया जाएगा और उनकी शादी में कोई और उनकी शिक्षा में कोई परेशानी ना आए, इसका पूरा ध्यान रहेगा जाएगा. जिला प्रोवेशन अधिकारी को खास तौर पर यह आदेश दिए हैं.

यह भी पढ़ें : प्री बजट चर्चा में न बुलाए जाने पर सरकार से रूठे राकेश टिकैत, पेपर लीक पर कही ये बात - Farmer Leader Rakesh Tikait

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हाथरस पहुंचे भाकियू नेता राकेश टिकैत (वीडियो क्रेडिट : ETV bharat)

हाथरस : साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में मारे गए लोगों के परिजनों से सोमवार को भाकियू नेता राकेश टिकैत मिलने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने पीड़ित परिवारों को 50 लाख मुआवजा देने की बात कही. उन्होंने कहा कि धार्मिक आयोजन सरकार का एजेंडा है. अगला धार्मिक युद्ध होगा जो सरकार ने कहा है कि मथुरा में होगा.

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आखिर आयोजकों पर कार्रवाई क्यों हो? इसके साथ ही उन्होंने मांग की है कि 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए.धार्मिक आयोजन सरकार करा रही है. ये सरकार की योजनाएं हैं. अगर भीड़ इकट्ठी होगी तो घटनाएं भी होंगी. हादसे की जिम्मेदारी महाराज पर क्यों डाल रहे हो भाई? सरकार जिम्मेदारी ले. भोले बाबा की कोई जिम्मेदारी नहीं है. भीड़ आ रही है तो भोले बाबा की क्या जिम्मेदारी है? इंतजाम सरकार को करना चाहिए. टिकैत ने कहा कि ऋषि परंपरा से छेड़छाड़ होगी तो इस तरह के झगड़े होंगे. किसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने से और न ही एसआईटी जांच से होगी. यह तो 20 साल पहले ही एजेंडे की शुरुआत हो गई थी, लेकिन धार्मिक फंड इसके लिए रखना चाहिए. यदि इस तरह के हादसे होंगे तो उसका मुआवजा कौन देगा. उन्होंने देश को कृषि और ऋषि परंपरा का देश बताया और कहा कि यदि कृषि परंपरा से छेड़छाड़ की जाएगी तो यहां धरना प्रदर्शन आंदोलन किए जाएंगे.

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