राजनांदगांव: आज से शारदीय नवरात्रि शुरू हो चुकी है. नवरात्रि से पहले मां के मंदिरों में पर्व को लेकर खास व्यवस्था की गई है. इस बीच राजनांदगांव में विश्व प्रसिद्ध मां बम्लेश्वरी देवी मंदिर में नवरात्रि के पहले दिन भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली. यहां 1600 फीट ऊंचे पहाड़ों पर मां विराजमान हैं. मां के दर्शन के लिए देश-विदेश से भक्त यहां पहुंच रहे हैं. मां बम्लेश्वरी के दर्शन के लिए 1000 से अधिक सीढ़ियां चढ़ कर भक्तों को जाना पड़ता है.
10000 से अधिक ज्योति कलश जलाए गए: इस बार नवरात्रि के पहले दिन भक्तों की भीड़ माता के दर्शन के लिए उमड़ पड़ी है. 10000 से अधिक ज्योति कलश इस बार जलाए गए हैं. साथ ही 900 से अधिक पुलिस अधिकारी कर्मचारियों की ड्यूटी सुरक्षा के लिए लगाई गई है. नवरात्रि पर्व के साथ ही यहां डोंगरगढ़ का मेला भी लगता है. इस दौरान लोगों की काफी भीड़ उमड़ती है. यही कारण है कि पहले ही प्रशासन की ओर से सुरक्षा को लेकर खास व्यवस्था की गई है.
दर्शन से होते हैं भक्तों के कष्ट दूर: नवरात्रि के पहले दिन भिलाई से मां बम्लेश्वरी के दर्शन करने पहुंची वंदना साहू ने कहा कि हम यहां 10 साल बाद आए हैं. मां के प्रति हमारी काफी आस्था है. यहां आने वाले की हर मनोकामना पूरी होती है. वहीं, एक अन्य भक्त चंद्रेश साहू ने कहा कि नवरात्रि के पहले दिन मां के भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है. आगे और भी भीड़ देखने को मिलेगी. यहां हम हर साल माता के दर्शन के लिए नवरात्रि के मौके पर पहुंचते हैं. मां के दर्शन मात्र से ही भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.
दूसरे राज्यों से भी आते हैं भक्त: मां बमलेश्वरी के दरबार में वैसे तो हमेशा भक्तों की भीड़ रहती है लेकिन नवरात्रि के मौके पर भक्तों की भीड़ देखने लायक होती है. यहां छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे देश से भक्त अपनी मुराद लेकर आते हैं. भक्तों की मानें तो यहां माता के दर्शन मात्र से ही उनके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. डोंगरगढ़ में मां बमलेश्वरी के दो मंदिर स्थित है. ऊपर पहाड़ों पर मां बड़ी बम्लेश्वरी विराजमान हैं. वहीं, नीचे मां छोटी बम्लेश्वरी का मंदिर है. नवरात्र पर लाखों की तादाद में भक्त माता के दर्शन के लिए पहुंचते हैं.
दर्शन के लिए चढ़नी पड़ती है हजार सीढ़ियां: विश्व प्रसिद्ध मां बम्लेश्वरी देवी मंदिर जिले के डोंगरगढ़ में स्थित है. 1600 फीट ऊपर पहाड़ों पर माता का मंदिर स्थापित है. यहां पहुंचने के लिए 1000 से अधिक सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है. इसके साथ ही यहां रुकने की भी व्यवस्था है. दूर-दूर से भक्त माता के दर्शन के लिए पहुंचते हैं.
वीर सेन ने की थी मंदिर की स्थापना: प्राचीन समय में डोंगरगढ़ को कामाख्या नगरी के नाम से जाना जाता था. राजा वीर सेन ने माता बम्लेश्वरी मंदिर की स्थापना की गई थी. मंदिर का अपना एक अलग इतिहास है. मां बम्लेश्वरी के दर्शन मात्र से ही सभी मनोकामना पूर्ण होती है. चैत्र और शारदीय नवरात्र पर्व पर 10 लाख से अधिक श्रद्धालु माता के दर्शन करते हैं. इसके साथ ही पदयात्रा कर यहां पहुंचते हैं. नवरात्रि पर्व पर भव्य मेले का भी आयोजन किया जाता है. डोंगरगढ़ में सुरक्षा को लेकर नवरात्र पर्व को लेकर 900 से अधिक पुलिस अधिकारी कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है.