राजनांदगांव: पूरा देश इस समय राममय हो चुका है. हर किसी की जुबान पर इस समय राम का नाम है. देश के लोग 22 जनवरी का इंतजार कर रहे हैं. इस दिन अयोध्या में रामलला की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा होनी है. इसकी तैयारियां शुरू हो चुकी है. हालांकि राजनांदगांव में एक ऐसी समिति है जो पिछले 80 सालों से रामचरितमानस का प्रचार कर रही है. पिछली पांच पीढ़ियों से यहां रामायण का पाठ किया जा रहा है. इस जगह पर पुन्ना लाल बख्शी और बलदेव प्रसाद मिश्र जैसे प्रख्यात साहित्यकार भी रामचरितमानस का पाठ कर चुके हैं.
80 वर्षों से रामचरितमानस का पाठ : दरअसल, हम बात कर रहे हैं राजनांदगांव शहर के गांधी चौक के पास स्थित श्री रामायण प्रचारक समिति की. ये समिति पिछले 80 सालों से रामचरितमानस का पाठ कर रही है. इस समिति में करीब 70 सदस्य हैं, जो मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के चरित्र और राम लीला का पाठ करते हैं. आने वाली पीढ़ियों को भी इसका ज्ञान देते हैं. यहां के सदस्यों की ओर से पीढ़ी दर पीढ़ी इसका ज्ञान और रामचरितमानस का पाठ करने की सीख दी जा रही है. प्रतिदिन रामचरितमानस का पाठ इनके द्वारा किया जाता है.
जानिए क्या कहते हैं प्रचारक: इस विषय में ईटीवी भारत ने विस्तार से जानने के लिए रामायण प्रचारक समिति के सदस्य अरविंद तिवारी से बातचीत की. उन्होंने बताया कि, "युवा वर्ग और हम बुजुर्ग लोग सालों से यहां रामचरितमानस का पाठ करते हैं. रामायण प्रचारक समिति के संस्थापक के बाद हम पांचवी पीढ़ी हैं, जो नियमित रूप से यहां रामचरितमानस का पाठ करते आ रहे हैं. यहां हर वर्ग के लोग उत्साह और स्वेच्छा से रामचरितमानस का पाठ करते हैं. सावन माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी में गोस्वामी तुलसी दास जी का आयोजन होता है. इस संस्था से मूर्धन्य साहित्यकार पदुम लाल पुन्ना लाल बख्शी, बलदेव प्रसाद मिश्र और भी कई नामी हस्तियां यहां से जुड़े हुए थे. यहां उन्होंने प्रवचन किया था. यह हमारा सौभाग्य है कि आयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के प्रसंग से हम जुड़ने वाले हैं."
बताया जा रहा है कि 22 जनवरी को भी सुबह से ही यहां भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. इस दौरान यहां रामचरितमानस का पाठ प्रोजेक्टर पर दिखाया जाएगा. इसके साथ ही अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का भी यहां प्रसारण देखने की व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही भंडारे का भी आयोजन किया जाएगा. श्री रामायण प्रचारक समिति की ओर से लगातार 80 वर्षों से रामचरितमानस का पाठ किया जा रहा है. इसमें बुजुर्गों से लेकर युवा भी जुड़ रहे हैं. प्रतिदिन रामचरितमानस का पाठ किया जाता है.