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MP में जाति के चलते सरपंच को नहीं फहराने दिया था तिरंगा, सरकार ने लिया एक्शन, दिग्विजय ने दिया धन्यवाद - सरपंच को तिरंगा नहीं फहराने दिया

Rajgarh Sarpanch Not Hoist Tiranga: राजगढ़ जिले के ब्यावरा में गणतंत्र दिवस के दिन एक सरपंच को उसकी जाति के चलते झंडा वंदन नहीं करने दिया गया था. पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह द्वारा ट्वीट करने के बाद प्रशासन ने इस मामले में एक्शन लिया है.

Rajgarh Sarpanch Not Hoist Tiranga
एमपी में जाति के चलते सरपंच को नहीं फहराने दिया था तिरंगा
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 28, 2024, 10:55 PM IST

राजगढ़। मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के अंतर्गत आने वाली ब्यावरा जनपद की ग्राम पंचायत तरेना में ओछी मानसिकता का एक मामला सामने आया था. यहां गणतंत्र दिवस पर एक शख्स को बस इसलिए तिरंगा नहीं फहराने दिया गया, क्योंकि वह अनुसूचित जाति से था. पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने इस मामले का विरोध जताते हुए X पर ट्वीट भी किया था. वहीं सरकार ने इस मामले पर एक्शन लेते हुए रोजगार सहायक की सेवाओं को समाप्त कर दिया है. जिसके बाद दिग्विजय सिंह ने दोबारा से ट्वीट कर धन्यवाद दिया है.

  • मेरे सीधे सवाल हैं क्या अनुसूचित जाति का होना गुनाह है? क्या पंचायत भवन में सरपंच को झंडा फहराने का अधिकार नही है? मेरा मुख्यमंत्री से अनुरोध है कि ऐसे दोषी रोजगार सहायक लाखन सिंह को तत्काल निलंबित करना चाहिए व STSC Atrocity क़ानून के अंतर्गत कार्यवाही करना चाहिए।
    -२ @INCMP

    — digvijaya singh (@digvijaya_28) January 27, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अनुसूचित जाति के चलते नहीं फहराने दिया गया था तिरंगा

दरअसल, मामला राजगढ़ जिले के ब्यावरा जनपद की ग्राम पंचायत तरेना का है. जहां सरपंच मान ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया था. जिसमें वे 'यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि मैं मान सरपंच बोल रहा हूं. आज झंडा वंदन का दिन था. मुझे मेरी जाति के चलते रोजगार सहायक ने झंडा नहीं फहराने दिया और किसी दूसरे शख्स से झंडा वंदन करा दिया और मेरा हक छीन लिया.'

दिग्विजय ने ट्वीट कर सरकार से पूछे थे सवाल

वहीं इस वीडियो को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने X पर शेयर कर ट्वीट किया था. पूर्व सीएम ने मुख्यमंत्री को टैग करते हुए लिखा था कि, 'देश 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है, लेकिन हालात सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. मान वर्मा जी को राजगढ़ जिले की ब्यावरा तहसील की ग्राम पंचायत तरेना में सरपंच के ओहदे पर होने के बावजूद रोजगार सहायक लाखन सिंह ने झंडा वंदन नहीं करने दिया. मेरे सीधे सवाल हैं क्या अनुसूचित जाति का होना गुनाह है? क्या पंचायत भवन में सरपंच को झंडा फहराने का अधिकार नहीं है? मेरा मुख्यमंत्री से अनुरोध है कि ऐसे दोषी रोजगार सहायक लाखन सिंह को तत्काल निलंबित करना चाहिए व ST-SC Atrocity कानून के अंतर्गत कार्रवाई करना चाहिए.'

रोजगार सहायक की सेवाएं की समाप्त

वहीं दिग्विजय सिंह के ट्वीट के बाद बवाल मचा और आनन फानन में जिला प्रशासन द्वारा प्रेसनोट जारी करते हुए कहा गया कि, 'मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अक्षय तेम्रवाल ने ग्राम पंचायत तरेना-86 जनपद पंचायत ब्यावरा के ग्राम रोजगार सहायक लखनसिंह सौंधिया द्वारा सचिव की अनुपस्थिति में 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर ग्राम पंचायत में ध्वाजरोहण सरपंच के स्थान पर अन्य व्यक्ति से कराते हुए सरपंच को अपने अधिकार से वंचित किए जाने संबंधी मामला संज्ञान में आया. प्रकरण में ग्राम पंचायत में ध्वजारोहण सरपंच द्वारा किया जाना था, लेकिन रोजगार सहायक लखनसिंह सौंधिया द्वारा शासन प्रावधानों के विरुद्ध अन्य व्यक्त्ति से ध्वजारोहण कराने के कारण रोजगार सहायक की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त की गई है.'

यहां पढ़ें...

जिला प्रशासन ने की कार्रवाई

वहीं प्रशासन द्वारा कारवाई करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक और ट्वीट राजगढ़ कलेक्टर को टैग करते हुए लिखा की 'धन्यवाद'. बता दें मामले में जिला पंचायत सीईओ अक्षय तेमरवाल ने ईटीवी से बात करते हुए कहा कि, 'प्रकरण में रोजगार सहायक के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जा चुकी है.'

राजगढ़। मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के अंतर्गत आने वाली ब्यावरा जनपद की ग्राम पंचायत तरेना में ओछी मानसिकता का एक मामला सामने आया था. यहां गणतंत्र दिवस पर एक शख्स को बस इसलिए तिरंगा नहीं फहराने दिया गया, क्योंकि वह अनुसूचित जाति से था. पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने इस मामले का विरोध जताते हुए X पर ट्वीट भी किया था. वहीं सरकार ने इस मामले पर एक्शन लेते हुए रोजगार सहायक की सेवाओं को समाप्त कर दिया है. जिसके बाद दिग्विजय सिंह ने दोबारा से ट्वीट कर धन्यवाद दिया है.

  • मेरे सीधे सवाल हैं क्या अनुसूचित जाति का होना गुनाह है? क्या पंचायत भवन में सरपंच को झंडा फहराने का अधिकार नही है? मेरा मुख्यमंत्री से अनुरोध है कि ऐसे दोषी रोजगार सहायक लाखन सिंह को तत्काल निलंबित करना चाहिए व STSC Atrocity क़ानून के अंतर्गत कार्यवाही करना चाहिए।
    -२ @INCMP

    — digvijaya singh (@digvijaya_28) January 27, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अनुसूचित जाति के चलते नहीं फहराने दिया गया था तिरंगा

दरअसल, मामला राजगढ़ जिले के ब्यावरा जनपद की ग्राम पंचायत तरेना का है. जहां सरपंच मान ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया था. जिसमें वे 'यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि मैं मान सरपंच बोल रहा हूं. आज झंडा वंदन का दिन था. मुझे मेरी जाति के चलते रोजगार सहायक ने झंडा नहीं फहराने दिया और किसी दूसरे शख्स से झंडा वंदन करा दिया और मेरा हक छीन लिया.'

दिग्विजय ने ट्वीट कर सरकार से पूछे थे सवाल

वहीं इस वीडियो को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने X पर शेयर कर ट्वीट किया था. पूर्व सीएम ने मुख्यमंत्री को टैग करते हुए लिखा था कि, 'देश 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है, लेकिन हालात सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. मान वर्मा जी को राजगढ़ जिले की ब्यावरा तहसील की ग्राम पंचायत तरेना में सरपंच के ओहदे पर होने के बावजूद रोजगार सहायक लाखन सिंह ने झंडा वंदन नहीं करने दिया. मेरे सीधे सवाल हैं क्या अनुसूचित जाति का होना गुनाह है? क्या पंचायत भवन में सरपंच को झंडा फहराने का अधिकार नहीं है? मेरा मुख्यमंत्री से अनुरोध है कि ऐसे दोषी रोजगार सहायक लाखन सिंह को तत्काल निलंबित करना चाहिए व ST-SC Atrocity कानून के अंतर्गत कार्रवाई करना चाहिए.'

रोजगार सहायक की सेवाएं की समाप्त

वहीं दिग्विजय सिंह के ट्वीट के बाद बवाल मचा और आनन फानन में जिला प्रशासन द्वारा प्रेसनोट जारी करते हुए कहा गया कि, 'मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अक्षय तेम्रवाल ने ग्राम पंचायत तरेना-86 जनपद पंचायत ब्यावरा के ग्राम रोजगार सहायक लखनसिंह सौंधिया द्वारा सचिव की अनुपस्थिति में 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर ग्राम पंचायत में ध्वाजरोहण सरपंच के स्थान पर अन्य व्यक्ति से कराते हुए सरपंच को अपने अधिकार से वंचित किए जाने संबंधी मामला संज्ञान में आया. प्रकरण में ग्राम पंचायत में ध्वजारोहण सरपंच द्वारा किया जाना था, लेकिन रोजगार सहायक लखनसिंह सौंधिया द्वारा शासन प्रावधानों के विरुद्ध अन्य व्यक्त्ति से ध्वजारोहण कराने के कारण रोजगार सहायक की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त की गई है.'

यहां पढ़ें...

जिला प्रशासन ने की कार्रवाई

वहीं प्रशासन द्वारा कारवाई करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक और ट्वीट राजगढ़ कलेक्टर को टैग करते हुए लिखा की 'धन्यवाद'. बता दें मामले में जिला पंचायत सीईओ अक्षय तेमरवाल ने ईटीवी से बात करते हुए कहा कि, 'प्रकरण में रोजगार सहायक के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जा चुकी है.'

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