राजगढ़। माह ए रमजान का चांद इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक सोमवार की देर शाम मगरीब की अजान के बाद नजर आया. रमजान को लेकर पूर्व से चली आ रही तैयारिया अंतिम पड़ाव पर हैं और चांद नजर आने के बाद शुरू हो गया इस्लाम का सबसे पवित्र माह रमजान. जिसमें मुस्लिम धर्म का अनुसरण करने वाले मुस्लिम धर्मावलंबी अल्लाह (ईश्वर) के नबी (दूत) पैगंबर साहब की सुन्नतों को ध्यान में रखकर इबादत करते हैं, ताकि उन्हें और अधिक सवाब (पुण्य) मिले और वे स्वस्थ व तंदुरुस्त भी रहे.
मंगलवार से होगा पहला रोजा
सोमवार की देर शाम को चांद नजर आने के बाद से ही ईशा की नमाज के बाद तरावीह की नमाज़ का सिलसिला शुरू हो गया. उसी रात के आखिरी हिस्से में मुस्लिम लोग सेहरी करने के लिए उठेंगे और दिन भर भूखे प्यासे रहकर अपना रोजा मुकम्मल (पूरा) करेंगे. इफ्तार (तोड़ने) का समय भी देर शाम को होने वाली मगरीब की नमाज के साथ होगा. इफ्तारी में तौर से उन फलों का इस्तेमाल करते हैं जिससे शरीर में दिनभर भूखे प्यासे रहने के बाद भी एनर्जी बनी रहे और उनके शरीर को जरूरत के मुताबिक मिनरल्स मिलते रहें.
सज गए बाजार, दुकानों पर भीड़
इसके लिए मुस्लिम रोजेदार सबसे पहले खजुर से इफ्तार करते है और उसके बाद फलों का इस्तेमाल करते हैं, जिनमें मौसमी फल शामिल हैं. जैसे की केला, सेवफल, अनार, अंगूर, संतरा वगेराह. इसके अलावा पापड़ व अन्य सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही लिक्विड के रूप में रूह अफ्जा से बने शरबत का भी इस्तेमाल किया जाता है. बता दें रमजान को लेकर फलों की दुकानों का बाजार भी सजने लगा है और दुकानदारों ने भी अपनी तैयारी पूर्ण कर ली है. जिसका उदाहरण उनकी दुकानों पर रखे तरह तरह के फलों और रूह अफ्जा की बोतलों से लगाया जा सकता है.