भोपाल। राजगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह चुनाव में जमकर पसीना बहा रहे हैं. चुनाव प्रचार में दिग्विजय सिंह ने राजगढ़ लोकसभा सीट में आने वाली सभी विधानसभा सीटों पर पदयात्रा कर डोर टू डोर लोगों से जनसंपर्क किया है. चुनाव प्रचार के आखिरी दिन उन्होंने कई स्थानों पर नुक्कड़ सभाएं की. उधर दिग्विजय सिंह ने राजनीति में आने के पहले जिंदगी को लेकर मिले महत्वपूर्ण सबक को भी लोगों से शेयर किया है. उन्होंने लोगों से कहा कि 'मैं अपने जीवन में कितना सफल, आप ही तय करें.'
राजनीति में आने के पहले मिली थी सीख
दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया साइट X पर अपनी जिंदगी का एक किस्सा शेयर करते हुए लिखा...जब मेरे पिताजी के देहांत के बाद इंजीनियरिंग की डिग्री ले कर राघौगढ़ आ कर रहने लगा, तब मुझे राघौगढ़ के बुजुर्ग नगर सेठ कस्तूरचंद कठारी मिलने आए. तब उन्होंने मुझे एक सीख दी. वह यह थी, उन्होंने कहा 'राजा साहब हर व्यक्ति के जीवन का लक्ष्य हिंदी की 12 खड़ी के अनुसार होता है. 'क' से कमाओ- इतना कमाओ कि आपके परिवार को कमा कर 'ख' से खिला सकें. 'ग' से गहना - जो बचत हो उससे गहना बनाओ. 'घ' से घर - गहना खरीद कर बचत से घर बनाओ. '‘ङ’' से नाम- घर बनाने के बाद अगर बचत हो तो नाम कमाओ.
उन्होंने कहा आप भाग्यशाली हो आपको खाने की कमी नहीं, गहनों और घर की कमी नहीं बस अब 'आप नाम कमाओ'. मैंने अपने 50 वर्षों के राजनीतिक जीवन में बस यही करने का प्रयास किया है. उसमें मैं कितना सफल हुआ इसका, आंकलन मैं स्वयं नहीं कर सकता. केवल आम लोग ही कर सकते हैं. यह मेरे जीवन का आखरी चुनाव है और आप यह तय करेंगे कि मैं इसमें कितना सफल हुआ.'
दिग्विजय ने बताया अपनी जिंदगी का आखिरी चुनाव
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह राजगढ़ लोकसभा सीट पर 1991 के बाद चुनाव में लौटे हैं. राजगढ़ लोकसभा सीट दिग्विजय सिंह की कर्मस्थली रही है. इसी लोकसभा सीट में आने वाली राघौगढ़ नगर पालिका के अध्यक्ष पद से अपनी राजनीति की शुरुआत की थी. इसी विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बने. 1984 में राजगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर संसद में कदम रखा था. करीब 30 साल से ज्यादा के अंतराल के बाद अब दिग्विजय सिंह एक बार फिर राजगढ़ लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं. जो उनके राजनीतिक करियर का आखिरी चुनाव है. वैसे देखा जाए तो राजगढ़ लोकसभा सीट पर दिग्विजय सिंह की परिवारिक सीट है. हालांकि पिछले दो चुनाव 2014 और 2019 में बीजेपी के रोडमल नागर इस सीट से चुनाव जीतते आ रहे हैं. जो इस बार भी दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.
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7 मई को मतदाता किसके पक्ष में सुनाएंगे फैसला
दिग्विजय सिंह ने पूरे चुनाव के दौरान विधानसभा में पदयात्राएं की है. दिग्विजय सिंह के अलावा उनकी पत्नी अमृता राय और जयवर्धन सिंह भी चुनाव में मैदान संभाले रहे हैं. दिग्विजय सिंह ने इसे अपना आखिरी चुनाव बताकर लोगों को भावनात्मक रूप से जोड़ने की कोशिश की है, हालांकि देखना होगा कि 7 मई को मतदाता किसके पक्ष में अपना जनादेश सुनाते हैं.