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राजगढ़ में बंपर वोटिंग के क्या मायने, दिग्विजय सिंह की चुनावी सियासत में ‘जनाज़ा’ या जीत का ‘जुलूस’ - Rajgarh bumper voting

मध्यप्रदेश की सबसे चर्चित लोकसभा सीट राजगढ़ में बंपर वोटिंग के बाद सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा छिड़ गई है कि क्या ये कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह की भावुक अपील का असर है या फिर मोदी मैजिक.

Rajgarh bumper voting
राजगढ़ में बंपर वोटिंग (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 7, 2024, 6:27 PM IST

Updated : May 7, 2024, 6:45 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश की सबसे हाईप्रोफाइल राजगढ लोकसभा सीट पर प्रदेश की 9 लोकसभा सीटों के मुकाबले अब तक सबसे ज्यादा मतदान हुआ है. शाम 5 बजे तक मतदान का प्रतिशत 72 के पार पहुंचा है. दिग्विजय सिंह कह चुके हैं कि ये उनके राजनीतिक जीवन का आखिरी चुनाव है. राजगढ में बढ़ा वोटिंग प्रतिशत किस तरफ इशारा कर रहा है. क्या ये मतदान दिग्विजय की भावुक अपील का असर है या मोदी मैजिक. इसी सीट पर जनाजे और अर्थी को लेकर सियासी बवाल भी उठा था. सवाल ये कि इस वोटिंग के साथ सियासी मायनों में दिग्विजय सिंह की चुनावी राजनीति का जनाजा निकलेगा या जीत के जुलूस की है तैयारी.

Rajgarh bumper voting
वोटिंग के बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (ETV BHARAT)

राजगढ़ में शाम 5 बजे तक 72 परसेंट से ज्यादा वोटिंग

एमपी में 9 लोकसभा सीटों पर मंगलवार को मतदान हुआ. इनमें राजगढ लोकसभा सीट इकलौती है जहां मतदान का प्रतिशत बाकी सीटों के मुकाबले कहीं ज्यादा है. 5 बजे तक मतदान यहां 72 फीसदी को पार कर गया. राजगढ़ में 5 बजे तक का मतदान प्रतिशत 72.3 प्रतिशत है. अब सवाल ये कि ये बढ़ा हुआ मतदान प्रतिशत किस तरफ इशारा कर रहा है. वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक प्रकाश भटनागर कहते हैं "2019 के मतदान प्रतिशत से अगर हम देखें तो राजगढ़ लोकसभा सीट का मत प्रतिशत 74 फीसदी से ज्यादा गया था. इस लिहाज से इस सीट का वोटिंग ट्रेंड इसी तरह का रहा है. लोग वोट देने बाहर निकलते हैं."

2019 में 74 फीसदी हुआ था मतदान

प्रकाश भटनागर कहते हैं "राजगढ़ में 2014 में जरूर 64 फीसदी मतदान हुआ है. लेकिन 2014 से 2019 में 10 फीसदी बढ़े वोटिंग प्रतिशत के बावजूद यहां की जनता ने अपनी पसंद और जनादेश नहीं बदला. इस लिहाज से ये कह पाना थोड़ी जल्दबाजी होगी कि ये वोट दिग्विजय सिंह की भावुक अपील का असर है या बीते दो चुनाव की तरह मोदी मैजिक है. ये जरूर है कि राजगढ लोकसभा सीट दिग्विजय सिंह के प्रभाव वाली सीट है. यहां राघौगढ़ से लेकर चाचौड़ा तक नेतृत्व दिग्विजय परिवार के हाथो में ही रहा है. जनाजा और अर्थी तक पहुंच चुके राजगढ़ में चुनावी बयान एमपी की इस हाईप्रोफाइल सीट पर बयानों के बवंडर भी उठे थे."

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अमित शाह के बयान पर दिग्विजय का पलटवार

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसी सीट पर बीजेपी उम्मीदवार रोडमल नागर के समर्थन में की गई चुनावी सभा में दिग्विजय सिंह के खिलाफ कहा था "राजगढ वालों दिग्विजय सिंह को हराकर ऐसे घर छोड़ना कि आशिक का जनाज़ा है ज़रा धूम से निकले." हालांकि दिग्विजय सिंह ने भी पलटवार में देरी नहीं लगाई और उन्होंने जवाब में कहा था कि "अमित शाह जी आपके कोसने से दिग्विजय सिंह की मृत्यु नहीं होगी. दिग्विजय सिंह की अर्थी उठेगी जनाजा नहीं, वो भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं के कंधों पर."

भोपाल। मध्यप्रदेश की सबसे हाईप्रोफाइल राजगढ लोकसभा सीट पर प्रदेश की 9 लोकसभा सीटों के मुकाबले अब तक सबसे ज्यादा मतदान हुआ है. शाम 5 बजे तक मतदान का प्रतिशत 72 के पार पहुंचा है. दिग्विजय सिंह कह चुके हैं कि ये उनके राजनीतिक जीवन का आखिरी चुनाव है. राजगढ में बढ़ा वोटिंग प्रतिशत किस तरफ इशारा कर रहा है. क्या ये मतदान दिग्विजय की भावुक अपील का असर है या मोदी मैजिक. इसी सीट पर जनाजे और अर्थी को लेकर सियासी बवाल भी उठा था. सवाल ये कि इस वोटिंग के साथ सियासी मायनों में दिग्विजय सिंह की चुनावी राजनीति का जनाजा निकलेगा या जीत के जुलूस की है तैयारी.

Rajgarh bumper voting
वोटिंग के बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (ETV BHARAT)

राजगढ़ में शाम 5 बजे तक 72 परसेंट से ज्यादा वोटिंग

एमपी में 9 लोकसभा सीटों पर मंगलवार को मतदान हुआ. इनमें राजगढ लोकसभा सीट इकलौती है जहां मतदान का प्रतिशत बाकी सीटों के मुकाबले कहीं ज्यादा है. 5 बजे तक मतदान यहां 72 फीसदी को पार कर गया. राजगढ़ में 5 बजे तक का मतदान प्रतिशत 72.3 प्रतिशत है. अब सवाल ये कि ये बढ़ा हुआ मतदान प्रतिशत किस तरफ इशारा कर रहा है. वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक प्रकाश भटनागर कहते हैं "2019 के मतदान प्रतिशत से अगर हम देखें तो राजगढ़ लोकसभा सीट का मत प्रतिशत 74 फीसदी से ज्यादा गया था. इस लिहाज से इस सीट का वोटिंग ट्रेंड इसी तरह का रहा है. लोग वोट देने बाहर निकलते हैं."

2019 में 74 फीसदी हुआ था मतदान

प्रकाश भटनागर कहते हैं "राजगढ़ में 2014 में जरूर 64 फीसदी मतदान हुआ है. लेकिन 2014 से 2019 में 10 फीसदी बढ़े वोटिंग प्रतिशत के बावजूद यहां की जनता ने अपनी पसंद और जनादेश नहीं बदला. इस लिहाज से ये कह पाना थोड़ी जल्दबाजी होगी कि ये वोट दिग्विजय सिंह की भावुक अपील का असर है या बीते दो चुनाव की तरह मोदी मैजिक है. ये जरूर है कि राजगढ लोकसभा सीट दिग्विजय सिंह के प्रभाव वाली सीट है. यहां राघौगढ़ से लेकर चाचौड़ा तक नेतृत्व दिग्विजय परिवार के हाथो में ही रहा है. जनाजा और अर्थी तक पहुंच चुके राजगढ़ में चुनावी बयान एमपी की इस हाईप्रोफाइल सीट पर बयानों के बवंडर भी उठे थे."

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केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसी सीट पर बीजेपी उम्मीदवार रोडमल नागर के समर्थन में की गई चुनावी सभा में दिग्विजय सिंह के खिलाफ कहा था "राजगढ वालों दिग्विजय सिंह को हराकर ऐसे घर छोड़ना कि आशिक का जनाज़ा है ज़रा धूम से निकले." हालांकि दिग्विजय सिंह ने भी पलटवार में देरी नहीं लगाई और उन्होंने जवाब में कहा था कि "अमित शाह जी आपके कोसने से दिग्विजय सिंह की मृत्यु नहीं होगी. दिग्विजय सिंह की अर्थी उठेगी जनाजा नहीं, वो भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं के कंधों पर."

Last Updated : May 7, 2024, 6:45 PM IST
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