जयपुर. थोड़े इन्तजार के बाद ही सही, लेकिन प्रदेश भाजपा कार्यालय में आम जनता की जनसुनवाई शुरू हो गई है. हालांकि जनसुनवाई में मंत्रियों की गैरमौजूदगी को लेकर सवाल उठने लगे हैं. सरकार और संगठन के बीच तालमेल की कमी को लेकर उठ रहे सवालों पर शुक्रवार को गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने सफाई दी. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर भी निशाना साधा.
बेढम ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि जल्द ही मंत्री भी पार्टी कार्यालय में होने वाली जनसुनवाई में शामिल होंगे. वे बोले हम कांग्रेस अध्यक्ष डोटासरा की तरह नहीं जो जनता को धक्के देकर बाहर निकाल दें. हम सड़क पर भी जनता की समस्या सुनते हैं. बेढम ने पूर्ववर्ती गहलोत सरकार में बने जिलों और संभाग के रिव्यू के फैसले को सही ठहराया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने वोट बैंक की राजनीति के चलते बिना परिक्षण के जिलों की घोषणा कर दी. इस संबंध में एक समीक्षा कमेटी बनाई गई है. यह कमेटी आम जनता के सुझाव के साथ ही रिव्यू करके रिपोर्ट सीएम भजन लाल को सौंपेगी.
जनसुनवाई की शुरूआत अच्छी: गृह राज्यमंत्री बेढम ने कहा कि कार्यालय पर जनसुनवाई की अच्छी शुरुआत है. भाजपा कार्यकर्ता प्रदेशभर से यहां आकर अपनी समस्याएं बता रहे हैं. समस्याएं कार्यालय से सरकार के पास पहुंचाते हैं तो उसका समाधान भी होता है. जनसुनवाई में मंत्रियों की गैरमौजूदगी को लेकर उठ रहे सवालों पर बेढम ने कहा कि पहले मंत्रियों की उपस्थिति रहती थी. इस बार भी पार्टी का प्रस्ताव सीएम के पास पहुंचा है. सीएम निर्धारित कर देंगे कि कौन कौन मंत्री सुनवाई करेंगे.
कांग्रेस कार्यकाल में शिक्षा मंत्री डोटासरा लोगों को भगा देते थे: गृह राज्य मंत्री बेढम ने गहलोत सरकार के समय शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा पर तंज कसते हुए कहा कि लोग जब उनके पास समस्या लेकर जाते थे तो वे उन्हें धक्के देकर बाहर निकाल देते थे. हम तो जनता के प्रति जवाबदेह हैं. घर ऑफिस या पार्टी कार्यालय कहीं सुनवाई करते हैं, क्षेत्र के दौरे पर हों तो सड़क पर भी सुनकर समाधान कर देते हैं. यह हमारी सरकार की कल्चर है.
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नए जिलों और संभाग की समीक्षा जरुरी: नए जिलों और संभाग की समीक्षा को लेकर बनाई गई कमेटी पर जवाहर सिंह बेढम ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस ने वोट बटोरने के लिए धड़ाधड़ 17 जिले और 3 संभाग बना दिए, जबकि इनमे से कई जिले तो ऐसे हैं जिनकी आवश्यकता नहीं थी. उन्होंने अपने राजनीतिक लाभ के लिए जिलों की संख्या 50 कर दी. इनमें से कई जिलों की घोषणा पर स्थानीय जनता भी नाखुश है. यही वजह है कि जिस चुनावी लाभ के लिए सरकार ने जिलों की घोषणा की वो जनता ने उन्हें नहीं दिया. जिन जिन शहरों को जिले में तब्दील किया, वहां जनता ने उन्हें बुरी तरह हरा दिया. बेढम ने कहा कि अब इन जिलों को लेकर जनता का जो फीडबैक आया है. उसी के आधार पर मुख्यमंत्री ने कमेटी बनाई है. ये कमेटी जनता के बीच जाएगी और उनके जिलों में क्या-क्या संशोधन किए जा सकते हैं, उस पर अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को पेश करेगी.