जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह 19 जून को प्रस्तावित है. इससे पहले आज यानी गुरुवार को विश्वविद्यालय प्रशासन सीनेट में पीएचडी, यूजी-पीजी की डिग्री को लेकर ग्रेस पास करेगा. हालांकि फिलहाल विश्वविद्यालय में पीएचडी एंट्रेंस को लेकर बवाल मचा हुआ है. छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर नियमों को ताक पर रखकर फाइनल मेरिट लिस्ट जारी करने का आरोप लगाया है और इसे लेकर सीनेट की बैठक के दौरान भी छात्रों ने विरोध दर्ज कराने का ऐलान किया है.
राजस्थान विश्वविद्यालय में सत्र 2022 की परीक्षा में सफल रहे अभ्यर्थियों को डॉक्टर ऑफ साइंस, डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी और डॉक्टर का लिटरेचर की उपाधि देने के लिए दीक्षांत समारोह को लेकर विशेष बैठक आयोजित की गई है. इस संबंध में विश्वविद्यालय कुलपति प्रो आल्पना कटेजा ने बताया कि आज यानी गुरुवार को सीनेट का आयोजन किया जा रहा है. जो मुख्य रूप से दीक्षांत समारोह से पहले ग्रेस पास करने के लिए हो रही है. इस दौरान दीक्षांत समारोह में दिए जाने वाले गोल्ड मेडल, पीएचडी डिग्री और यूजी-पीजी की डिग्री को लेकर ग्रेस पास किया जाएगा. इसके अलावा सिंडिकेट से अनुमोदित कुछ रेगुलेशन जो सीनेट से अनुमोदन के अभाव में हैंडबुक में शामिल नहीं किए जा सके, उन्हें भी लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि दीक्षांत समारोह को लेकर राजभवन से 19 जून की डेट मिली है, उसी के अनुसार तैयारी की जा रही है.
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उधर, पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम में धांधली का आरोप लगाते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति सचिवालय पर छात्र लगातार विरोध दर्ज कर रहे हैं. छात्रों का आरोप है कि यूजीसी रेगुलेशन की पालना किए बिना प्रवेश प्रक्रिया की गई. जिसमें विश्वविद्यालय के प्रोफेसर्स ने भाई-भतीजावाद को बढ़ावा दिया है और इस प्रक्रिया में आम छात्रों के हितों का हनन हुआ है. ऐसे में छात्रों ने आज होने वाली सीनेट की बैठक के दौरान इसके खिलाफ आंदोलन करने का ऐलान भी किया है. हालांकि यूनिवर्सिटी कुलपति ने पीएचडी एंट्रेंस को लेकर कहा कि प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है. इसमें पूरी पारदर्शिता और नियमानुसार इस प्रक्रिया को पूरा किया गया है.