टोंक. राजस्थान सरकार के जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने बुधवार को राजस्थान के सबसे बड़े सूरजपुरा फिल्टर प्लांट का निरीक्षण किया और क्वालिटी चेकअप सहित प्लांट की व्यवस्थाओं की अधिकारियों के साथ समीक्षा की. उसके बाद उन्होंने कहा कि हमने यहां सभी जांच में 95 प्रतिशत संतुष्टि पाई है, बाकी जो भी सुधार की आवश्यकता होगी उसमें सुधार करेंगे.
मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने कहा कि पिछली बार के मानसून में राजस्थान में 23 प्रतिशत बरसात कम होने के साथ प्रदेश में इस बार गर्मी का असर काफी तेज देखने को मिल रहा है, जिससे पानी की डिमांड भी बढ़ी है. हमने 12 हजार पानी के टैंकर चला रखे हैं. पेयजल समस्या के समाधान के लिए अब हालात में सुधार है और हमारा यही उद्देश्य है कि हम सबको पेयजल उपलब्ध करा सकें.
जलदाय मंत्री ने पेयजल की समस्या के समाधम के लिए सरकार के कामों की जानकारी देते हुए कहा कि हमारा प्रयास है कि पानी की चोरी को रोका जाए. वहीं, हमने 3 हजार पानी के टैंकर शहरों में और 9 हजार पानी के टैंकर गांवों में चलाए हैं, साथ ही ट्यूबवेल व हैंड पंपों से भी पानी ले रहे हैं. जहां सुधार की जरूरत है, वहां सुधार कर रहे हैं और हाल ही के दिनों में हमने राजस्थान में 700 नए ट्यूबवेल और 1800 नए हैंड पंपों की स्वीकृति जारी की है. वहीं, 150 करोड़ की लागत से पुरानी डैमेज पाइप लाइन की जगह नई पाइप लाइन डाली है, जिसका 95 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. हमने राजस्थान के सभी जिलों में पानी की सप्लाई की समस्याओं के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किए हैं.
उन्होंने सूरजपुरा फिल्टर प्लांट का निरीक्षण करने के बाद अधिकारियों को निर्देश दिए कि भविष्य में जयपुर, अजमेर, टोंक एवं दूदू को पानी की मांग के अनुसार पंपिंग स्टेशन एवं फिल्टर बनाने की योजना पर कार्य योजना बनाएं. निरीक्षण के दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि फिल्टर प्लांट के रखरखाव हेतु उचित कार्रवाई की जाए. इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
जलदाय मंत्री ने चीफ केमिस्ट से सूरजपुरा प्लांट के पानी के सैंपल की गुणवत्ता की जांच कराई जो निर्धारित मानक के अनुसार सही पाई गई. उन्होंने कहा कि पानी की शुद्धिकरण कर निर्धारित मानकों के अनुसार गुणवत्ता पर कोई समझौता नहीं किया जाए. बीसलपुर जयपुर पाइपलाइन के रखाव एवं पानी में किसी भी तरह का लीकेज नहीं हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाए.