जयपुर. पिछले तीन साल से राज्य ओलंपिक संघ में चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. ओलंपिक संघ में दो अलग-अलग कार्यकारिणी के सदस्य खुद को सही और दूसरे को नकली या फिर गैरकानूनी बता रहे हैं. साथ ही अब एक ओलंपिक संघ 23 जून को, जबकि दूसरा जुलाई माह में अपने चुनाव कराने की बात कह रहा है.
चरम पर वर्चस्व की जंग : प्रदेश में ओलंपिक संघ के चुनाव होने हैं, लेकिन इन चुनावों से पहले लड़ाई असली और नकली की शुरू हो गई है. करीब चालीस साल तक राजस्थान ओलंपिक संघ के अध्यक्ष रहे जर्नादन सिंह गहलोत के निधन के बाद से ही ओलंपिक संघ में खींचतान चल रही है. इस बीच राज्य ओलंपिक संघों की ताकत को वोटिंग राइट हटाकर कम भी कर दिया गया हैं, लेकिन वर्चस्व की लड़ाई के बीच इन ओलंपिक संघ की रस्साकशी जारी है. ऐसे में खिलाड़ियों और खेल संघों के लिए इन ग्रुपों की लड़ाई अनसुलझी पहेली बन गई है.
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बिलियर्ड्स और स्नूकर ओलंपिक खेल नहीं : एक तरफ ओलंपिक संघ खुद को सही बता रहा है. वो अजीत सिंह की अध्यक्षता वाला ग्रुप है, जिसमें मुख्य रूप से अरुण सारस्वत बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. इस ग्रुप का दावा है कि अनिल व्यास गुट की ओर से जो बैठक बुलाई गई, वो अवैध है और उनके पास बहुमत नहीं हैं. जारी वोटर लिस्ट में 22 राज्य खेल संघों को संबद्ध बताया गया है, जिसमें 4 राज्य खेल संघ के पदाधिकारी के नाम ही नहीं दर्शाए गए हैं . बाकी 18 राज्य खेल संघों में नेटबॉल, हैंडबॉल, टेबल टेनिस संघ विवादित सूची में शामिल है, जिनका कोई औचित्य नहीं है. जबकि संविधान के अनुसार बिलियर्ड्स और स्नूकर ओलंपिक खेल नहीं हैं.
जुलाई में चुनाव कराने की बात : राजस्थान भारॉतोलन संघ राजस्थान कायाकिंग कनोइंग संघ, हॉकी राजस्थान और साइकलिंग संघ के वोटर लिस्ट में दर्शाए पदाधिकारी के नाम गलत है. इस ग्रुप ने रविवार को बुलाई बैठक को नियमानुसार और बहुमत वाला बताया. इसके आधार पर सभी सदस्यों के द्वारा सर्वसम्मति से 23 जून को जयपुर में राजस्थान राज्य ओलंपिक संघ की साधारण सभा की बैठक करने का निर्णय लिया गया है. साथ ही राजस्थान राज्य ओलंपिक संघ के आगामी चुनाव की तिथि की घोषणा कर चुनाव अधिकारी का नाम भी घोषित किया जाएगा. इस ग्रुप ने अपने वास्तविक होने का दावा करते हुए जुलाई में चुनाव कराने की बात कही है.
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वहीं, दूसरी तरफ अनिल व्यास गुट की अगुवाई वाले राज्य ओलंपिक संघ ने दो जून को विशेष साधारण सभा की बैठक बुलाकर जयपुर क्लब में 23 जून को चुनाव कराने का ऐलान कर दिया. व्यास गुट वाले ओलंपिक संघ ने अध्यक्ष, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव, कोषाध्यक्ष और संयुक्त सचिव समेत दस कार्यकारिणी पदों के लिए चुनावी कवायद शुरू भी कर दी है. राज्य तैराकी संघ के अध्यक्ष अनिल व्यास और राज्य वॉलीबॉल संघ के पूर्व सचिव रामावतार जाखड़ अध्यक्ष और महासचिव पद की दौड़ में है. वहीं मौजूदा चेयरमैन अनिल व्यास ने बताया कि मतदाताओं की सूची जारी करने के बाद उम्मीदवारों की अंतिम सूची भी जारी कर दी गई है. भारतीय ओलिंपिक संघ की स्वीकृति के बाद ही चुनाव प्रक्रिया को शुरू किया गया है. कुछ लोग बेवजह इस प्रक्रिया को रोकने के लिए झूठे आरोप लगा रहे हैं. जबकि उनके पास ना तो संवैधानिक खेल संघ है और ना ही भारतीय ओलिंपिक संघ की मान्यता है.
अनिल व्यास ने कहा कि भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन की ऑथराइज्ड वेबसाइट पर राजस्थान के पदाधिकारियों की जानकारी दी गई हैं. इसमें उन्हीं लोगों के नाम शामिल किए गए है. जबकि पिछले दो नेशनल गेम्स का आयोजन हुआ है. इसमें शेफ डी मिशन और टीमें भेजने का अधिकार राजस्थान ओलंपिक संघ को होता हैं. इसमें व्यास ग्रुप की ओर से सभी नाम भेजे गए हैं. फिलहाल राज्य ओलंपिक संघों को आर्थिक सहायता नहीं भेजी जा रही हैं. लेकिन यदि भेजी जाएगी तो अधिकृत रूप से ये उन्हें ही मिल सकेगी.
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बहरहाल, इन सबके बीच चिंता प्रदेश के खिलाड़ी और खेल संघों में है, जो असमंजस में है कि वास्तविक ओलंपिक संघ आखिर है कौन सा है? वहीं, अब दोनों संघ अपने चुनाव कराने जा रहे हैं. ऐसे में सवाल यह है कि किसकी चुनाव प्रक्रिया को मान्यता मिलेगी?